लखनऊ: 9 अक्टूबर को नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के संस्थापक और पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले के गुरु अक्षयवर नाथ कनौजिया के द्वारा लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें उन्होंने संविधान के प्रति लोगों में भ्रम फैलाया एवं देश में आपसी सौहार्द एवं अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की. यह कार्यक्रम बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया था. उक्त प्रकरण को लेकर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अवध क्षेत्र के मीडिया प्रभारी केके रघुवंशी ने आशियाना थाने में अक्षयवर नाथ कनौजिया एवं उनके अन्य सहयोगियों के ऊपर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है.
इस कार्यक्रम में अक्षयवर नाथ कनौजिया ने दावा किया कि सरकार ने हिंदू भगवान की तस्वीरों को संविधान के नए संस्करण में जोड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी 2024 में आम चुनाव में सत्ता में वापस आने और इन तस्वीरों को परमानेंट बनाने की उम्मीद कर रही है. कनौजिया ने कहा कि उनकी पार्टी का उद्देश्य है कि संविधान में किसी तरह का कोई परिवर्तन न किया जाए. उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनाव में भाजपा को रोका जाए और 2024 में आम चुनाव में केंद्र में भाजपा को आने से रोका जाए. जारी वीडियो में उनके बगल में बहराइच की पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले बैठी हुई दिखाई दे रही हैं. वह भी सबसे संविधान की कॉपी की जांच करने का आग्रह कर रही हैं.
उक्त प्रकरण का वीडियो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अवध क्षेत्र के मीडिया प्रभारी केके रघुवंशी को जब मिला, तो उन्होंने इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए आशियाना थाने में अक्षयवर नाथ कनौजिया एवं उनके अन्य सहयोगियों के ऊपर विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया. केके रघुवंशी ने बताया कि इस तरह का भ्रामक प्रचार देश को तोड़ने की एक साजिश है. देश में अस्थिरता पैदा करने का षड्यंत्र है. इन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए, मेरी सरकार से यह मांग है.