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मुख्तार के खास पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर शिकंजा, जानिए पूरी कहानी... - पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर केस दर्ज

पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. अभय सिंह पर हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर हुए हमले में साजिश रचने का आरोप है. मामले में पुलिस ने अभय सिंह पर केस दर्ज किया है.

पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह
पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह
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Published : Jun 5, 2021, 8:53 PM IST

लखनऊ : पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बाद अब उसके खासम खास, पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर पुलिस ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. छात्र नेता से माफिया और फिर विधायक बने अभय सिंह के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर हुए हमले में साजिश रचने का आरोपी बनाया है. आलमबाग थाने में अभय सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर आए सुरेंद्र कालिया ने बताया था कि अभय के कहने पर ही उसने अपने ऊपर फायरिंग कराई और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाया.

पिछले साल 13 जुलाई को सुरेंद्र ने खुद पर फायरिंग होने की सूचना पुलिस को दी थी. उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया था. सीसीटीवी फुटेज से यह घटना फर्जी निकली थी. 10 अगस्त को सुरेंद्र के 4 साथी पकड़े गए, तब इसका खुलासा हुआ था. दबाव बढ़ने पर सुरेंद्र कोलकाता भाग निकला था. उस समय ही सामने आ गया था कि सुरेंद्र की मदद मुख्तार गिरोह के पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह कर रहे हैं. पुलिस अफसरों के मुताबिक, सुरेंद्र ने कबूला था कि सब कुछ अभय सिंह के कहने पर ही किया गया. उसने मदद करने में जिन तीन-चार लोगों के नाम लिए वह मुख्तार गिरोह से ही जुड़े हुए हैं.

अभय को 120बी का मुलजिम बनाया

डीसीपी और एडीसीपी ने लंबी पूछताछ की. उसके बाद ही आलमबाग पुलिस को 13 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमे में अभय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाने को कहा गया. सुरेंद्र के बयान के आधार पर अभय को आईपीसी की धारा 120बी का आरोपी बनाया गया है. हालांकि इस बारे में अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पड़ताल की जा रही है.

छात्र नेता से माफिया और फिर बना विधायक

मूलरूप से फैजाबाद के गोसाईगंज के अभय सिंह का जन्म 25 मई 1974 को जौनपुर में अपने नाना भाजपा नेता राजेश्वर सिंह के घर हुआ था. पढ़ाई में अभय सिंह बहुत अच्छे थे. स्नातक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के बाद छात्र राजनीति में कदम रखा. बचपन से ही अभय को अपनी धाक जमाने का भी शौक था. पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में धाक जमाने के लिए उसने पॉवर सेंटर राजधानी लखनऊ को चुना.

दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय के जलवे के आगे उत्तर प्रदेश के सारे माफिया माथा टेकते थे. इसलिए उसने लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने साथी अरुण उपाध्याय व धनंजय सिंह के साथ एडमिशन लिया और चुनाव के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के चर्चित दबंग छात्र नेता व छात्र संघ के महामंत्री ओंकार भारती बाबा पर असलहों से लैस होकर विद्यालय परिसर में हमला बोला. फिल्मी स्टाइल में किए गए इस हमले में अभय लखनऊ में चर्चित हो गया. फिर उसने एक घंटे में तीन मर्डर कराने के आरोपी रहे छात्र नेता अजेंद्र अवस्थी को निशाना बनाया. पहली बार लखनऊ विश्वविद्यालय में अभय सिंह आधुनिक असलहे एके47 और स्टेनगन लाया. अभय व धनंजय ने लखनऊ के डालीगंज में छात्र नेता हेमंत प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की हत्या की थी. गुड्डू सिंह की हत्या में अभय सिंह जेल चला गया. और उसकी पूरी टीम उत्तर प्रदेश की जरायम की दुनिया में तहलका मचा दिया. जेल में ही वह मुख्तार अंसारी के करीब आया और उसके लिए काम करने लगा.

धनंजय से हुआ विवाद

लखनऊ जेल में बंद रहने के दौरान धनंजय सिंह ने अभय सिंह के नाम पर पूरे उत्तर प्रदेश में अवैध वसूली, ठेकेदारी व स्क्रैप के काम में हस्तक्षेप किया और करोड़ों रुपए पैदा किए. पैसे के लेनदेन को लेकर धनंजय और अभय सिंह की लखनऊ जेल में एक बार मारपीट हुई, जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ गईं. पहली बार धनंजय सिंह के विधायक बनने के कुछ दिन बाद ही अभय ने धनंजय सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग की. हमले में धनंजय सिंह बाल-बाल बच गया. उसके बाद से ही अभय और धनंजय में तलवारें खिंची हैं.

वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी से बना विधायक

वर्ष 2012 में अभय सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बना. लेकिन, अगला चुनाव अपनी पत्नी सरिता सिंह को समाजवादी पार्टी से लड़ाया, मगर उसकी पत्नी चुनाव हार गईं. अभय सिंह इस समय सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है.

गाड़ियों का नंबर 7273

पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह काले रंग की गाड़ियों का बहुत शौकीन है. चाहे फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी हो या फिर मर्सिडीज... माफिया अभय सिंह की सभी गाड़ियों का नंबर 7273 ही रहता है. यह फैजाबाद के गोसाईगंज से विधायक रहा है.

लखनऊ : पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बाद अब उसके खासम खास, पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह पर पुलिस ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. छात्र नेता से माफिया और फिर विधायक बने अभय सिंह के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर सुरेंद्र कालिया पर हुए हमले में साजिश रचने का आरोपी बनाया है. आलमबाग थाने में अभय सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर आए सुरेंद्र कालिया ने बताया था कि अभय के कहने पर ही उसने अपने ऊपर फायरिंग कराई और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को फंसाया.

पिछले साल 13 जुलाई को सुरेंद्र ने खुद पर फायरिंग होने की सूचना पुलिस को दी थी. उसने पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया था. सीसीटीवी फुटेज से यह घटना फर्जी निकली थी. 10 अगस्त को सुरेंद्र के 4 साथी पकड़े गए, तब इसका खुलासा हुआ था. दबाव बढ़ने पर सुरेंद्र कोलकाता भाग निकला था. उस समय ही सामने आ गया था कि सुरेंद्र की मदद मुख्तार गिरोह के पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह कर रहे हैं. पुलिस अफसरों के मुताबिक, सुरेंद्र ने कबूला था कि सब कुछ अभय सिंह के कहने पर ही किया गया. उसने मदद करने में जिन तीन-चार लोगों के नाम लिए वह मुख्तार गिरोह से ही जुड़े हुए हैं.

अभय को 120बी का मुलजिम बनाया

डीसीपी और एडीसीपी ने लंबी पूछताछ की. उसके बाद ही आलमबाग पुलिस को 13 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमे में अभय सिंह को साजिश रचने का आरोपी बनाने को कहा गया. सुरेंद्र के बयान के आधार पर अभय को आईपीसी की धारा 120बी का आरोपी बनाया गया है. हालांकि इस बारे में अधिकारी कुछ बोल नहीं रहे हैं. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि इस मामले में पड़ताल की जा रही है.

छात्र नेता से माफिया और फिर बना विधायक

मूलरूप से फैजाबाद के गोसाईगंज के अभय सिंह का जन्म 25 मई 1974 को जौनपुर में अपने नाना भाजपा नेता राजेश्वर सिंह के घर हुआ था. पढ़ाई में अभय सिंह बहुत अच्छे थे. स्नातक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के बाद छात्र राजनीति में कदम रखा. बचपन से ही अभय को अपनी धाक जमाने का भी शौक था. पूर्वांचल समेत पूरे उत्तर प्रदेश में धाक जमाने के लिए उसने पॉवर सेंटर राजधानी लखनऊ को चुना.

दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय के जलवे के आगे उत्तर प्रदेश के सारे माफिया माथा टेकते थे. इसलिए उसने लखनऊ विश्वविद्यालय में अपने साथी अरुण उपाध्याय व धनंजय सिंह के साथ एडमिशन लिया और चुनाव के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय के चर्चित दबंग छात्र नेता व छात्र संघ के महामंत्री ओंकार भारती बाबा पर असलहों से लैस होकर विद्यालय परिसर में हमला बोला. फिल्मी स्टाइल में किए गए इस हमले में अभय लखनऊ में चर्चित हो गया. फिर उसने एक घंटे में तीन मर्डर कराने के आरोपी रहे छात्र नेता अजेंद्र अवस्थी को निशाना बनाया. पहली बार लखनऊ विश्वविद्यालय में अभय सिंह आधुनिक असलहे एके47 और स्टेनगन लाया. अभय व धनंजय ने लखनऊ के डालीगंज में छात्र नेता हेमंत प्रताप सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की हत्या की थी. गुड्डू सिंह की हत्या में अभय सिंह जेल चला गया. और उसकी पूरी टीम उत्तर प्रदेश की जरायम की दुनिया में तहलका मचा दिया. जेल में ही वह मुख्तार अंसारी के करीब आया और उसके लिए काम करने लगा.

धनंजय से हुआ विवाद

लखनऊ जेल में बंद रहने के दौरान धनंजय सिंह ने अभय सिंह के नाम पर पूरे उत्तर प्रदेश में अवैध वसूली, ठेकेदारी व स्क्रैप के काम में हस्तक्षेप किया और करोड़ों रुपए पैदा किए. पैसे के लेनदेन को लेकर धनंजय और अभय सिंह की लखनऊ जेल में एक बार मारपीट हुई, जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ गईं. पहली बार धनंजय सिंह के विधायक बनने के कुछ दिन बाद ही अभय ने धनंजय सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग की. हमले में धनंजय सिंह बाल-बाल बच गया. उसके बाद से ही अभय और धनंजय में तलवारें खिंची हैं.

वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी से बना विधायक

वर्ष 2012 में अभय सिंह समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बना. लेकिन, अगला चुनाव अपनी पत्नी सरिता सिंह को समाजवादी पार्टी से लड़ाया, मगर उसकी पत्नी चुनाव हार गईं. अभय सिंह इस समय सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है.

गाड़ियों का नंबर 7273

पूर्व बाहुबली विधायक अभय सिंह काले रंग की गाड़ियों का बहुत शौकीन है. चाहे फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो गाड़ी हो या फिर मर्सिडीज... माफिया अभय सिंह की सभी गाड़ियों का नंबर 7273 ही रहता है. यह फैजाबाद के गोसाईगंज से विधायक रहा है.

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