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प्रेम जाल में फंसाकर युवती से ब्लैकमेलिंग, पीड़िता को पुलिस लगवा रही चक्कर

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Published : May 22, 2021, 12:26 AM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में एक युवती को प्रेमजाल में फंसाकर उसका अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने के नाम पर हो रही ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आया है. पीड़िता के परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.

पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

लखनऊ: महिला सुरक्षा को लेकर भले ही सरकार ने कई निर्देश दिए हों, लेकिन पुलिस उसके विपरीत काम करती हुई नजर आ रही है. ऐसा ही एक मामला राजधानी में सामने आया है. एक पीड़िता ने अलीगंज थाने में शिकायत की है, लेकिन पुलिस उसकी सुनवाई करने के बजाय 10 दिनों से उसको थाने पर बुलाकर शाम को भेज देती है. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने मां के साथ अधिकारी से इस मामले की शिकायत की. इसके बावजूद भी पुलिस मुकदमा लिख कार्रवाई करने के बजाय उसको दौड़ाने का काम कर रही है.

बेटी की बताई पुलिस ने गलती
पीड़िता की मां का आरोप है 10 मई को अलीगंज थाने में शिकायत करने पहुंची थी. इस दौरान पुलिस ने पूरी बात सुनी और बाद दूसरे दिन सुबह आने को कहा. जब दूसरे दिन थाने पहुंची तो उसे और उसकी बेटी को दूसरे के पास भेज दिया गया. इसी तरह 10 दिनों तक अलग-अलग पुलिस कर्मियों द्वारा उस मामले को देखा गया और हर किसी को पूरी बात दोहराते हुए बताई गई. आरोप है कि हर बार थाने पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा बेटी की गलती बताकर चलता कर दिया गया है. आरोप है पुलिस कार्रवाई करने के बजाए आरोपी युवक के पास फोन कर उससे कहा जा रहा है तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो रहा है, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.

सोशल मीडिया पर हुई थी आरो से दोस्ती
बता दें कि अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित अहिबरनपुर इलाके में रहने वाली एक युवती को 2019 में फेसबुक पर एक लड़की के नाम से चल रही फेसबुक आईडी से उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. उसको स्वीकार कर लिया था. कुछ दिनों बाद से दोनों में बातचीत शुरू हो गई. उसके बाद मालूम हुआ कि जिससे वह बात कर रही है, वो लड़की नहीं लड़का है. इसके बाद दोनों में दोस्ती गहरी होते हुए प्यार में बदल गई. लड़के ने युवती को 2020 में मिलने के लिए मुजफ्फरनगर बुलाया. जहां पर दोनों ने एक साथ समय बिताया. युवती के घर पहुंचने के एक महीना बाद से ही युवक ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

पीड़िता आरोपी को दे चुकी है 70 हजार रुपये
पीड़िता की मां की मानें तो आरोपी शशांक यादव अम्बेडकर नगर का रहने वाला है. जो मुजफ्फरनगर में टोल प्लाजा पर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है. शशांक ने साल 2020 में युवती को मिलने के लिए बुलाया था. युवती ने घर से बहाना बनाकर शशांक से मिलने गई हुई थी. जहां पर दोनों ने 10 दिनों तक साथ में समय बिताया. चोरी-छिपे आरोपी युवक ने युवती की अश्लील फोटो व वीडियो बना ली. इसके बाद अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग शुरू कर दी. जब युवती के द्वारा युवक का नंबर ब्लॉक कर दिया गया, तो आरोपी ने युवती की मां के नंबर पर फोन कर ब्लैकमेल करने लगा. मां को अश्लील फोटो व वीडियो भी भेजी, जिसके बाद ही उसको वायरल न करने के एवज में एक लाख की मांग पर 70 हजार रुपये इकट्ठा कर दिए गए. लेकिन उसकी डिमांड खत्म होने के बजाय बढ़ती गई.

पीड़िता को दिनभर थाने में बैठाए रखा
पीड़िता की मां की मानें तो 10 दिनों तक अलीगंज थाना के चक्कर लगाने के बाद शुक्रवार की सुबह एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी. जहां पर उन्होंने पूरी बात सुनी और अलीगंज इंस्पेक्टर को मुकदमा लिखकर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. आरोप है कि शुक्रवार को अधिकारी के आदेश के बाद भी सुबह से शाम हो गई है. थाना पर बैठे हुए लेकिन उससे शिकायती पत्र लेकर इधर-उधर बैठने की बात कही जा रही है. पीड़िता की मां ने कहा अधिकारी के आदेश पर फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है. वहीं, अलीगंज इंस्पेक्टर पन्नेलाल यादव का कहना है पीड़िता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें-बच्चे में ब्लैक फंगस संक्रमण का पहला मामला गुजरात में मिला

लखनऊ: महिला सुरक्षा को लेकर भले ही सरकार ने कई निर्देश दिए हों, लेकिन पुलिस उसके विपरीत काम करती हुई नजर आ रही है. ऐसा ही एक मामला राजधानी में सामने आया है. एक पीड़िता ने अलीगंज थाने में शिकायत की है, लेकिन पुलिस उसकी सुनवाई करने के बजाय 10 दिनों से उसको थाने पर बुलाकर शाम को भेज देती है. जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीड़िता ने मां के साथ अधिकारी से इस मामले की शिकायत की. इसके बावजूद भी पुलिस मुकदमा लिख कार्रवाई करने के बजाय उसको दौड़ाने का काम कर रही है.

बेटी की बताई पुलिस ने गलती
पीड़िता की मां का आरोप है 10 मई को अलीगंज थाने में शिकायत करने पहुंची थी. इस दौरान पुलिस ने पूरी बात सुनी और बाद दूसरे दिन सुबह आने को कहा. जब दूसरे दिन थाने पहुंची तो उसे और उसकी बेटी को दूसरे के पास भेज दिया गया. इसी तरह 10 दिनों तक अलग-अलग पुलिस कर्मियों द्वारा उस मामले को देखा गया और हर किसी को पूरी बात दोहराते हुए बताई गई. आरोप है कि हर बार थाने पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा बेटी की गलती बताकर चलता कर दिया गया है. आरोप है पुलिस कार्रवाई करने के बजाए आरोपी युवक के पास फोन कर उससे कहा जा रहा है तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो रहा है, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.

सोशल मीडिया पर हुई थी आरो से दोस्ती
बता दें कि अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित अहिबरनपुर इलाके में रहने वाली एक युवती को 2019 में फेसबुक पर एक लड़की के नाम से चल रही फेसबुक आईडी से उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट आई थी. उसको स्वीकार कर लिया था. कुछ दिनों बाद से दोनों में बातचीत शुरू हो गई. उसके बाद मालूम हुआ कि जिससे वह बात कर रही है, वो लड़की नहीं लड़का है. इसके बाद दोनों में दोस्ती गहरी होते हुए प्यार में बदल गई. लड़के ने युवती को 2020 में मिलने के लिए मुजफ्फरनगर बुलाया. जहां पर दोनों ने एक साथ समय बिताया. युवती के घर पहुंचने के एक महीना बाद से ही युवक ने ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

पीड़िता आरोपी को दे चुकी है 70 हजार रुपये
पीड़िता की मां की मानें तो आरोपी शशांक यादव अम्बेडकर नगर का रहने वाला है. जो मुजफ्फरनगर में टोल प्लाजा पर सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है. शशांक ने साल 2020 में युवती को मिलने के लिए बुलाया था. युवती ने घर से बहाना बनाकर शशांक से मिलने गई हुई थी. जहां पर दोनों ने 10 दिनों तक साथ में समय बिताया. चोरी-छिपे आरोपी युवक ने युवती की अश्लील फोटो व वीडियो बना ली. इसके बाद अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग शुरू कर दी. जब युवती के द्वारा युवक का नंबर ब्लॉक कर दिया गया, तो आरोपी ने युवती की मां के नंबर पर फोन कर ब्लैकमेल करने लगा. मां को अश्लील फोटो व वीडियो भी भेजी, जिसके बाद ही उसको वायरल न करने के एवज में एक लाख की मांग पर 70 हजार रुपये इकट्ठा कर दिए गए. लेकिन उसकी डिमांड खत्म होने के बजाय बढ़ती गई.

पीड़िता को दिनभर थाने में बैठाए रखा
पीड़िता की मां की मानें तो 10 दिनों तक अलीगंज थाना के चक्कर लगाने के बाद शुक्रवार की सुबह एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंची थी. जहां पर उन्होंने पूरी बात सुनी और अलीगंज इंस्पेक्टर को मुकदमा लिखकर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. आरोप है कि शुक्रवार को अधिकारी के आदेश के बाद भी सुबह से शाम हो गई है. थाना पर बैठे हुए लेकिन उससे शिकायती पत्र लेकर इधर-उधर बैठने की बात कही जा रही है. पीड़िता की मां ने कहा अधिकारी के आदेश पर फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज करने की बात कह रही है. वहीं, अलीगंज इंस्पेक्टर पन्नेलाल यादव का कहना है पीड़िता की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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