लखनऊ: राजधानी लखनऊ की जेहटा क्षेत्र की नर्सरी में लगे पौधे ठंड का मौसम आते ही झुलसने लगे हैं. पौधों को ठंड से बचाने के लिए नर्सरी के माली समय-समय पर सिंचाई और खाद डालकर सुरक्षा का विशेष ध्यान रख रहे हैं. ठंड का मौसम सभी लोगों को प्रभावित करता है. प्रकृति का एक अहम हिस्सा पौधे भी ठंड के मौसम से प्रभावित होते हैं और रोगों का शिकार हो जाते हैं. इन प्रभावों को कम करने के लिए नर्सरी के मालिक तरह-तरह के उपाय करते हैं. जिससे पौधों को किसी तरह का रोग न लगे. राजधानी लखनऊ की नर्सरी में हर तरह के मौसमी पौधों का उत्पादन किया जाता है. वही ठंडी के मौसम में गर्मी के मौसम वाले पौधों को सुरक्षित रखना बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है. इसको लेकर तमाम उपाय करने पड़ते हैं.
पाला लगने से बचाने के लिए पौधों की समय-समय पर सिंचाई की जाती है. वहीं दिन भर में 2 बार ताजे पानी से सिंचाई की जाती है. साथ ही सप्ताह में समय-समय पर खाद भी डाली जाती है. इससे पौधों को पाला लगने से बचाया जा सके. वहीं पौधों को कोहरे से बचाने के लिए छप्पर का शेड बनाया जाता है. इसमें पौधों को सुरक्षित रूप से रखा जा सके और पाला रोग से बचाया जा सके. समय-समय पर धूप होने पर पौधों को खुले आसमान के नीचे शेड में रख दिया जाता है.
गर्मी के मौसम वाले पौधों का कैसे रखें ध्यान
कदेल, डंठस, गटनिया, चंपा, गुड़हल, सावनी, हरसिंगार, बोगन, बेल, बोतल, ब्रश, क्रोटन, डणसेना, मिली, फोबिया कैपटस, पाम, बुगल, बेलिया, सुनकमता यह सभी गर्मी के मौसम के पौधे हैं. इनका ध्यान ठंडी के मौसम में ज्यादा रखना पड़ता है.
नर्सरी में हर तरह के मौसमी पौधे हैं. वहीं ठंडियों के मौसम में खासतौर से गर्मी के मौसम के पौधों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि इन पौधों में पाला लगने का ज्यादा डर रहता है. इसको लेकर समय-समय पर सिंचाई की जाती है और खाद डाली जाती है.
प्रकाश, नर्सरी माली, लखनऊ