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69,000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने संशोधन को लेकर किया प्रदर्शन

बेसिक शिक्षा विभाग में 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने संशोधन का मौका दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि मानवीय गलतियों के कारण उन्हें संशोधन का एक मौका दिया जाना चाहिए.

अभ्यर्थियों ने संशोधन को लेकर किया प्रदर्शन
अभ्यर्थियों ने संशोधन को लेकर किया प्रदर्शन
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Published : Dec 8, 2020, 9:01 AM IST

लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कुछ अभ्यर्थियों के गलत प्राप्तांक भर दिए जाने के कारण उनको भर्ती चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है, जिसको लेकर आलमबाग स्थित इको गार्डन धरना स्थल पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी नजर आईं. कुछ महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी साथ लाईं थी. उनका साफ तौर से कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी वे धरना स्थल पर बैठी रहेंगी.

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने संशोधन का मौका दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
अभ्यर्थियों ने कहा कि 68,500 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार के संशोधन का मौका दिया गया. वहीं, अब 69 हजार की भर्ती में लगातार अधिकारी कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे हैं. इसी आधार पर अभ्यर्थियों ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से निवेदन किया है कि उन्हें भी त्रुटियों को सुधार करने का मौका दिया जाए.अभ्यर्थियों ने बताया कि मूल अभिलेखों के आधार पर यदि हम 69000 की चयनित सूची के अंदर आते हैं तो हमें भी मानवीय त्रुटि सुधार का मौका दिया जाए, जिस प्रकार 68500 में अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार करने का मौका दिया गया था, उसी प्रकार हम लोगों को भी मौका दिया जाए.सर्दी के मौसम में भी महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ इको गार्डन धरना स्थल के बाहर त्रुटियों में सुधार करने का मौका देने का नारा लगातार लगाती रहीं. इसी दौरान एक महिला अभ्यर्थी बेहोश भी हो गई. महिला अभ्यर्थियों ने बताया की यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह आमरण अनशन करने को बाध्य होंगी. मानवीय त्रुटि को आधार बनाकर चयन प्रक्रिया से उन्हें बाहर कर देना उनके मूल अधिकारों का हनन है.

लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 69,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में कुछ अभ्यर्थियों के गलत प्राप्तांक भर दिए जाने के कारण उनको भर्ती चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है, जिसको लेकर आलमबाग स्थित इको गार्डन धरना स्थल पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी नजर आईं. कुछ महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी साथ लाईं थी. उनका साफ तौर से कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी वे धरना स्थल पर बैठी रहेंगी.

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों ने संशोधन का मौका दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया
अभ्यर्थियों ने कहा कि 68,500 शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार के संशोधन का मौका दिया गया. वहीं, अब 69 हजार की भर्ती में लगातार अधिकारी कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे हैं. इसी आधार पर अभ्यर्थियों ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से निवेदन किया है कि उन्हें भी त्रुटियों को सुधार करने का मौका दिया जाए.अभ्यर्थियों ने बताया कि मूल अभिलेखों के आधार पर यदि हम 69000 की चयनित सूची के अंदर आते हैं तो हमें भी मानवीय त्रुटि सुधार का मौका दिया जाए, जिस प्रकार 68500 में अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार करने का मौका दिया गया था, उसी प्रकार हम लोगों को भी मौका दिया जाए.सर्दी के मौसम में भी महिला अभ्यर्थी अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ इको गार्डन धरना स्थल के बाहर त्रुटियों में सुधार करने का मौका देने का नारा लगातार लगाती रहीं. इसी दौरान एक महिला अभ्यर्थी बेहोश भी हो गई. महिला अभ्यर्थियों ने बताया की यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह आमरण अनशन करने को बाध्य होंगी. मानवीय त्रुटि को आधार बनाकर चयन प्रक्रिया से उन्हें बाहर कर देना उनके मूल अधिकारों का हनन है.
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