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69 हजार शिक्षक भर्ती मामला: प्रदर्शनकारियों ने भाजपा पर लगाए सवर्ण विरोधी होने के आरोप

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते कई महीनों से 69 हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आज प्रदर्शनकारियों ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के घर के बाहर प्रदर्शन कर विरोध जताया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भाजपा पर सवर्ण विरोधी होने के आरोप लगाए.

69 हजार शिक्षक भर्ती मामला
69 हजार शिक्षक भर्ती मामला
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Published : Jan 1, 2022, 5:02 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुई 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर सवर्ण विरोधी होने के आरोप लगाया है. 22,000 अतिरिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने शनिवार को उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा (Dr. Dinesh Sharma) के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सवर्ण विरोधी होने के नारे जमकर लगाए गए. यहां तक कि अभ्यर्थियों ने सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के भी आरोप लगाए. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच जमकर नोकझोंक हुई.


इसलिए सरकार पर लग रहे हैं आरोप
अभ्यर्थियों द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों के पीछे बीते दिनों हुआ घटनाक्रम है. असल में, उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बीते दिनों सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 69,000 पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई. भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही अभ्यर्थियों के दो गुट सामने आए.

एक गुट ने प्रदेश सरकार पर भर्ती की प्रक्रिया के दौरान आरक्षण के नियमों का पालन न किए जाने के आरोप लगाए. इस ग्रुप में शामिल एससी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि सरकार ने निर्धारित मानकों के अनुरूप आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं दिया है. इनकी ओर से 17000 पदों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की तैनाती कराए जाने की मांग उठाई गई.

अभ्यर्थियों का एक अन्य गुट भी विरोध में खड़ा हुआ. इस गुट में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी ज्यादा हैं. इन अभ्यर्थियों की ओर से 69000 शिक्षक भर्ती में 22000 अतिरिक्त पद जोड़े जाने की मांग उठाई गई है. यह अभ्यर्थी भी बीते करीब आठ 9 महीने से लखनऊ में एनसीईआरटी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थी पानी की टंकी ऊपर चढ़े हुए हैं.


एक को राहत दूसरे पर चुप्पी

आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों को बीते दिनों प्रदेश सरकार की तरफ से राहत दे दी गई. सरकार ने करीब 6000 पदों पर गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए इन पर भर्ती किए जाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में एससी ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति का मौका मिलेगा. वहीं, दूसरे गुट के अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर सरकार अभी तक कुछ नहीं बोल रही है. ऐसे में अब विरोध बढ़ता जा रहा है. यह अभ्यर्थी भाजपा सरकार को सवर्ण विरोधी बताते हुए आंदोलन कर रहे हैं.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुई 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती के अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर सवर्ण विरोधी होने के आरोप लगाया है. 22,000 अतिरिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने शनिवार को उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा (Dr. Dinesh Sharma) के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सवर्ण विरोधी होने के नारे जमकर लगाए गए. यहां तक कि अभ्यर्थियों ने सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के भी आरोप लगाए. इस दौरान प्रदर्शनकारी और पुलिस बल के बीच जमकर नोकझोंक हुई.


इसलिए सरकार पर लग रहे हैं आरोप
अभ्यर्थियों द्वारा लगाए जा रहे इन आरोपों के पीछे बीते दिनों हुआ घटनाक्रम है. असल में, उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बीते दिनों सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापकों के 69,000 पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई. भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही अभ्यर्थियों के दो गुट सामने आए.

एक गुट ने प्रदेश सरकार पर भर्ती की प्रक्रिया के दौरान आरक्षण के नियमों का पालन न किए जाने के आरोप लगाए. इस ग्रुप में शामिल एससी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए कि सरकार ने निर्धारित मानकों के अनुरूप आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को मौका ही नहीं दिया है. इनकी ओर से 17000 पदों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की तैनाती कराए जाने की मांग उठाई गई.

अभ्यर्थियों का एक अन्य गुट भी विरोध में खड़ा हुआ. इस गुट में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी ज्यादा हैं. इन अभ्यर्थियों की ओर से 69000 शिक्षक भर्ती में 22000 अतिरिक्त पद जोड़े जाने की मांग उठाई गई है. यह अभ्यर्थी भी बीते करीब आठ 9 महीने से लखनऊ में एनसीईआरटी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थी पानी की टंकी ऊपर चढ़े हुए हैं.


एक को राहत दूसरे पर चुप्पी

आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों को बीते दिनों प्रदेश सरकार की तरफ से राहत दे दी गई. सरकार ने करीब 6000 पदों पर गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए इन पर भर्ती किए जाने की घोषणा कर दी है. ऐसे में एससी ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति का मौका मिलेगा. वहीं, दूसरे गुट के अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर सरकार अभी तक कुछ नहीं बोल रही है. ऐसे में अब विरोध बढ़ता जा रहा है. यह अभ्यर्थी भाजपा सरकार को सवर्ण विरोधी बताते हुए आंदोलन कर रहे हैं.

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