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राजधानी के चिकित्सा संस्थान में बढ़ी मशीन, रेडियोथेरेपी की घटेगी वेटिंग

कैंसर मरीजों को जल्द ही राहत मिलेगी. उन्हें राजधानी लखनऊ में बेहतर इलाज मिल सकेगा. इसके लिए अस्पतालों में संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं. रेडियोथेरेपी के साथ-साथ जांच की मशीनों का इजाफा होगा. ऐसे में इलाज की वेटिंग में कमी आएगी.

लखनऊ अस्पताल.
लखनऊ अस्पताल.
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Published : Aug 26, 2021, 2:31 PM IST

लखनऊ: चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान में दूसरी लीनेक मशीन बंकर में स्थापित हो गई है. इसका ट्रायल भी शुरू हो गया है. कैंसर संस्थान में अभी एक ही लीनियर एक्सिलरेटर (लीनेक) मशीन थी. इसमें रोजाना 50 कैंसर मरीजों की सिकाई हो रही है. संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार के मुताबिक 16 करोड़ रुपये की लागत से नई मशीन लगाई जा चुकी है. इसकी अन्य सपोर्टिव मशीन भी इंस्टॉल हो गयी है. जल्द ही दूसरी मशीन पर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा. साथ ही मशीन पर मरीजों की संख्या बढ़ाई जाएगी. भविष्य में एक मशीन पर 100 मरीजों की सिंकाई का प्लान तय किया जाएगा. राजधानी में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में राहत मिलेगी.

केजीएमयू में लगेगी पेट स्कैन
केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के मुताबिक पैट स्कैन मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. जल्द ही मशीन स्थापित की जाएगी. यह मशीन शरीर के अंदर पनप रहे कैंसर को शुरुआती दौर में ही पकड़ लेगी. असमान्य हो रहीं कोशिका को तुरंत मशीन कैप्चर कर लेती है.

सरकारी में दो-दो माह की वेटिंग
कैंसर का इलाज तीन विधियों से होता है. यह विधि सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी है. वहीं 60 फीसद मरीजों में रेडियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है. कई बार सर्जरी-कीमोथेरेपी के बाद भी मरीज को रेडियोथेरेपी के लिए भेजा जाता है. बावजूद शहर के सरकारी संस्थानों के सिर्फ केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई व कैंसर संस्थान में ही रेडियोथेरेपी की मशीन लगी हैं. इनमें मरीजों की रेडियोथेरेपी के लिए दो-दो माह की वेटिंग है.

यहां हैं रेडियोथेरेपी की सुविधा

  • लोहिया संस्थान में तीन लीनेक मशीनें हैं
  • पीजीआई में दो लीनेक मशीने हैं
  • केजीएमयू में एक लीनेक व दो कोबाल्ट मशीनें हैं.
  • अब कैंसर संस्थान में दो लीनेक मशीन हो जाएंगी
  • दो प्राइवेट अस्पतालों में रेडियोथेरेपी की सुविधा
    इसे भी पढ़ें- कैंसर मरीजों के लिए वारदान है यह अस्पताल, इलाज भी सस्ता

लखनऊ: चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान में दूसरी लीनेक मशीन बंकर में स्थापित हो गई है. इसका ट्रायल भी शुरू हो गया है. कैंसर संस्थान में अभी एक ही लीनियर एक्सिलरेटर (लीनेक) मशीन थी. इसमें रोजाना 50 कैंसर मरीजों की सिकाई हो रही है. संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार के मुताबिक 16 करोड़ रुपये की लागत से नई मशीन लगाई जा चुकी है. इसकी अन्य सपोर्टिव मशीन भी इंस्टॉल हो गयी है. जल्द ही दूसरी मशीन पर मरीजों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा. साथ ही मशीन पर मरीजों की संख्या बढ़ाई जाएगी. भविष्य में एक मशीन पर 100 मरीजों की सिंकाई का प्लान तय किया जाएगा. राजधानी में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में राहत मिलेगी.

केजीएमयू में लगेगी पेट स्कैन
केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के मुताबिक पैट स्कैन मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. जल्द ही मशीन स्थापित की जाएगी. यह मशीन शरीर के अंदर पनप रहे कैंसर को शुरुआती दौर में ही पकड़ लेगी. असमान्य हो रहीं कोशिका को तुरंत मशीन कैप्चर कर लेती है.

सरकारी में दो-दो माह की वेटिंग
कैंसर का इलाज तीन विधियों से होता है. यह विधि सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी है. वहीं 60 फीसद मरीजों में रेडियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है. कई बार सर्जरी-कीमोथेरेपी के बाद भी मरीज को रेडियोथेरेपी के लिए भेजा जाता है. बावजूद शहर के सरकारी संस्थानों के सिर्फ केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई व कैंसर संस्थान में ही रेडियोथेरेपी की मशीन लगी हैं. इनमें मरीजों की रेडियोथेरेपी के लिए दो-दो माह की वेटिंग है.

यहां हैं रेडियोथेरेपी की सुविधा

  • लोहिया संस्थान में तीन लीनेक मशीनें हैं
  • पीजीआई में दो लीनेक मशीने हैं
  • केजीएमयू में एक लीनेक व दो कोबाल्ट मशीनें हैं.
  • अब कैंसर संस्थान में दो लीनेक मशीन हो जाएंगी
  • दो प्राइवेट अस्पतालों में रेडियोथेरेपी की सुविधा
    इसे भी पढ़ें- कैंसर मरीजों के लिए वारदान है यह अस्पताल, इलाज भी सस्ता
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