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पर्यावरण प्रदूषण के कारण युवाओं में तेजी से बढ़ रही है कैंसर की बीमारी

हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर आजकल कई कारणों से फैलता है. इनमें कुछ कारण लगभग हम सभी को पता होते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे होते हैं जिनके बारे में पता लगाना मुश्किल होता है.

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Published : Feb 4, 2019, 10:32 AM IST

जानकारी देते डॉ. वेद प्रकाश

लखनऊ: हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके कारणों के बारे में बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस 2 में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. यह आयोजन पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित किया गया.

पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. वेद प्रकाश ने इस प्रेस वार्ता मैं बताया कि कैंसर आजकल कई कारणों से फैलता है. इनमें कुछ कारण लगभग हम सभी को पता होते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे होते हैं, जिनके बारे में पता लगाना मुश्किल होता है. यह कारण ज्यादातर एनवायर्नमेंटल फैक्टर की वजह से होते हैं. ऐसे में कैंसर के कारणों की जांच करने में भी कई बार मुश्किल होती है.

जानकारी देते डॉ. वेद प्रकाश
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सांस संबंधी रोगों के बारे में बताते हुए डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि ओरल कैंसर और लंग कैंसर की वजह से भारत में सबसे अधिक पुरुषों की मृत्यु होती है. कुछ एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. हैरत की बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर युवा वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में 29, 32 और 45 साल के तीन मरीजों के केस हिस्ट्री हमारे पास आई है, जिनमें किसी भी तरह का कोई व्यसन न होने के बावजूद उनमें एडवांस स्टेज में लंग कैंसर पाया गया. फिलहाल, लंग कैंसर और इससे जुड़ी कुछ अन्य बीमारियों की जांच के लिए 'एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड' यानी ईबस की जांच लखनऊ के 2 संस्थानों में शुरू की जा चुकी है. इनमें केजीएमयू भी शामिल है. इसकी मदद से लंग कैंसर मरीजों की जांच और इलाज में अधिक सुविधा मिल रही है.

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लखनऊ: हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके कारणों के बारे में बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस 2 में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. यह आयोजन पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित किया गया.

पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ. वेद प्रकाश ने इस प्रेस वार्ता मैं बताया कि कैंसर आजकल कई कारणों से फैलता है. इनमें कुछ कारण लगभग हम सभी को पता होते हैं, लेकिन कुछ कारण ऐसे होते हैं, जिनके बारे में पता लगाना मुश्किल होता है. यह कारण ज्यादातर एनवायर्नमेंटल फैक्टर की वजह से होते हैं. ऐसे में कैंसर के कारणों की जांच करने में भी कई बार मुश्किल होती है.

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सांस संबंधी रोगों के बारे में बताते हुए डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि ओरल कैंसर और लंग कैंसर की वजह से भारत में सबसे अधिक पुरुषों की मृत्यु होती है. कुछ एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. हैरत की बात यह है कि इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर युवा वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही में 29, 32 और 45 साल के तीन मरीजों के केस हिस्ट्री हमारे पास आई है, जिनमें किसी भी तरह का कोई व्यसन न होने के बावजूद उनमें एडवांस स्टेज में लंग कैंसर पाया गया. फिलहाल, लंग कैंसर और इससे जुड़ी कुछ अन्य बीमारियों की जांच के लिए 'एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड' यानी ईबस की जांच लखनऊ के 2 संस्थानों में शुरू की जा चुकी है. इनमें केजीएमयू भी शामिल है. इसकी मदद से लंग कैंसर मरीजों की जांच और इलाज में अधिक सुविधा मिल रही है.

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Intro:लखनऊ। हर वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। ऐसे में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उसके कारणों के बारे में बताने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस 2 में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया यह आयोजन पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित किया गया।


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पलमोनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के कार्य डॉ वेदप्रकाश ने इस प्रेस वार्ता मैं बताया कि कैंसर आजकल कई कारणों से फैलता है। इनमें कुछ कारण लगभग हम सभी को पता होते हैं, लेकिन कुछ कारण से होते हैं जिनके बारे में पता लगाना मुश्किल होता है। यह कारण ज्यादातर एनवायर्नमेंटल फैक्टर की वजह से होते हैं। ऐसे में कैंसर के कारणों की जांच भी कई दफा मुश्किल होती है और कैंसर का पता लगाना भी उस स्थिति में काफी समय लेता है। सांस संबंधी रोगों के बारे में बताते हुए तब तो वेद ने बताया कि ओरल कैंसर और लंग कैंसर की वजह से भारत में सबसे अधिक पुरुषों की मृत्यु होती है। कुछ एनवायरमेंटल फैक्टर्स जैसे कि प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। हैरत की बात यह है कि इस बीमारी चपेट में ज्यादातर युवा वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। हाल ही में 29, 32 और 45 साल के तीन मरीजों के केस हिस्ट्री हमारे पास आई है जिनमें किसी भी तरह का कोई व्यसन न होने के बावजूद उनमें एडवांस स्टेज में लंग कैंसर पाया गया। फिलहाल लंग कैंसर और इस से जुड़ी कुछ अन्य बीमारियों की जांच के लिए 'एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड' यानी ईबस की जांच लखनऊ के 2 संस्थानों में शुरू की जा चुकी है। जिनमें केजीएमयू भी शामिल है। इसकी मदद से लंग कैंसर मरीजों की जांच और इलाज में अधिक सुविधा हमें मिल रही है।
बाइट- डॉ वेद प्रकाश


Conclusion:विभाग में की गई इस प्रेसवार्ता में डॉक्टर वेदप्रकाश के साथ-साथ सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च केजीएमयू के डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह और एम्स ऋषिकेश पीएचडी कर रही अंजना सिंह उपस्थित रहे।

रामांशी मिश्रा
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