लखनऊः संचारी रोग एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए प्रदेश में एक जुलाई से 31 जुलाई तक अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए हैं. संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा दस्तक अभियान के अंतर्गत यह योजना चलेगी. उन्होंने कहा कि सभी विभागों के जनपदवार तथा ब्लॉक स्तरीय माइक्रोप्लान मुख्य चिकित्सा अधिकारी एकत्र करके डब्ल्यूएचओ, एनपीएसपी तथा यूनिसेफ को 29 जून 2020 तक उपलब्ध कराएं, जिससे एजेंसियों के माध्यम से कार्ययोजना के सापेक्ष पर्यवेक्षण कराया जा सके. अभियान की पूरी रिपोर्ट निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सभी उपलब्धियां प्रदर्शित करते हुए 5 अगस्त 2020 तक राज्य मुख्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दी जाए.
इन विभागों की होगी भागीदारी
मुख्य सचिव ने यह निर्देश नगर विकास, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, महिला एवं बाल विकास कल्याण, कृषि, पशुपालन, चिकित्सा शिक्षा सूचना एवं जनसंपर्क दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कार्य एवं दायित्व का निर्धारण करते हुए अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर निर्देश जारी किए हैं. निर्देश दिए हैं कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं सही उपचार सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए नोडल विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ संबंधित सभी विभागों द्वारा विशेष प्राथमिकता प्रदान कर विभिन्न गतिविधियों में सक्रियता की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए.
राज्य मुख्यालय भेजेंगे रिपोर्ट
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कार्य निष्पादन तथा जनपद में रोग की स्थिति की समीक्षा के लिए जनपद एवं ब्लॉक स्तरीय गठित समन्वय समितियों की बैठकें समय सारणी के अनुसार नियमित अंतराल पर आयोजित की जाए. विभाग और वार्ड लक्ष्य के सापेक्ष शनिवार तक की गतिविधियों की साप्ताहिक रिपोर्ट, राज्य मुख्यालय प्रत्येक सोमवार समीक्षा बैठक में पाई गई कमियों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ भेजना सुनिश्चित करें.
लोगों को किया जाए जागरूक
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि अभिभावकों एवं शिक्षकों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दिमागी बुखार एवं अन्य संचारी रोगों से बचाव रोकथाम एवं उपचार के लिए जागरूक किया जाए. इसके साथ ही सुरक्षित पीने का पानी, शौचालय का प्रयोग, खुले में शौच के नुकसान पर विशेष जोर दिया जाए. हर बुखार खतरनाक हो सकता है, दिमागी बुखार के कारण क्या हैं? बुखार होने पर क्या करें? क्या ना करें? के विषय में जागरूक किया जाए.