लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री सख्ती से एचएसआरपी न लगे होने पर वाहनों पर कार्रवाई की हिदायत अधिकारियों को दे रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों पर मंत्री की फटकार का कोई असर पड़ ही नहीं रहा है. अधिकारी अपनी मनमानी से ही एचएसआरपी का अभियान चला रहे हैं. अधिकारियों की मनमर्जी का नतीजा यह है कि लखनऊ में इस माह सिर्फ 70 चालान ही काटे गए हैं. एचएसआरपी के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाने में अक्सर लापरवाही बरत रहे हैं. अब ऐसे अफसरों को कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है.
लखनऊ में सिर्फ साढ़े चार लाख वाहनों में एचएसआरपी: लखनऊ स्थित आरटीओ और देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय में 1 अप्रैल 2019 से पहले करीब 18 लाख वाहन रजिस्टर्ड है. अब तक सिर्फ साढ़े लाख वाहनों में ही हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट (एचएसआरपी) लग सकी है. लोग नई नंबर प्लेट बदलवाने में लापरवाही बरत रहे हैं.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह लोगों से एचएसआरपी लगवाने की अपील कर रहे है. एचएसआरपी न लगे हुए वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के भी आदेश दे रहे हैं. अपर परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद ने प्रवर्तन दलों को 21 मई से बिना एचएसआरपी नंबर के वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, इसके बावजूद अधिकारी अभियान चला ही नहीं रहे हैं.
ये हैं आंकड़े: परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ के चेकिंग अधिकारियों ने अप्रैल माह में सिर्फ 147 चालान ही काटे, जबकि 1 मई से 22 मई के बीच सिर्फ 70 वाहनों का चालान किया गया. उन्नाव में मई माह में 256, सीतापुर में 155 और हरदोई में 150 चालान काटे जा चुके हैं. साफ जाहिर है कि लखनऊ में अभियान को लेकर कुछ अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं.
अपर परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद का कहना है कि परिवहन विभाग की तरफ से लगातार वाहन स्वामियों से अपील की जा रही है कि अगर उनके वाहन में एचएसआरपी नहीं लगी है, तो वह जरूर लगवा लें. अधिकारियों को ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. अगर इसमें अधिकारी कोताही बरतेंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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