लखनऊ : विधानसभा में पेश की गई कैग रिपोर्ट से सरकारी विभागों में हजारों करोड़ की गड़बड़ी पकड़ में आई है. आबकारी, विकास प्राधिकरण, नगर विकास विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग में बड़ी गड़बड़ियां पाई गई हैं. इसके अलावा लखनऊ विश्वविद्यालय में भी बड़ी आर्थिक गड़बड़ियां सामने आई हैं. आने वाले दिनों में इन सारे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. लखनऊ विश्वविद्यालय में अनियमित भुगतान से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है.
यह खुलासा विधान सभा में मंगलवार को रखी गई स्थानीय निधि लेखा की 2018-19 की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट में दावा है कि बैलेंस शीट में विल्डिंग कंस्ट्रक्शन के नाम पर 18 करोड़ 11 लाख 47 हजार और सॉफ्टवेयर के लिए 19 लाख 14 हजार 896 रुपये अग्रिम लिया गया, लेकिन बीते 10 साल में इसका समायोजन नहीं हुआ. आर्ट्स कॉलेज के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के लिए शासनादेशों में व्यवस्था से इतर 6 लाख 93 हजार 875 के मानदेय का अनियमित भुगतान हुआ. लिपिक वर्ग के सृजित पदों से ज्यादा कर्मचारी तैनात होने से अधिष्ठान पर 9 लाख 39 हजार 849 रुपये का भुगतान हुआ.
गार्ड लेने के कारण अनियमित भुगतान : शासना को पांच लाख 11 हजार 900 रुपये का अनियमित भुगतान हुआ. स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को रेगुलर वेतनमान देने के कारण एक करोड़ नौ लाख छह हजार 404 रुपये का अमान्य भुगतान किया गया.
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