लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने पीपीपी मॉडल पर तीन बस स्टेशन विकसित करने के लिए ओमेक्स लिमिटेड के साथ एमओयू साइन किया है. इसके अलावा व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) और पैनिक बटन लगाने के लिए चयनित सेवा प्रदाता फर्म की परियोजना का भी शुभारंभ किया गया है. बसों में पैनिक बटन और वीएलटीडी लगाने का ठेका जापान की कंपनी एनईसी को दिया गया है. बुधवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, परिवहन निगम के चेयरमैन एल. वेंकटेश्वर लू, प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर की उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस मौके पर परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग के साथ ही निगम के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने इस मौके पर कहा कि 'प्रदेश के पहले पीपीपी मॉडल पर बने आलमबाग बस स्टेशन की तर्ज पर अब 23 शहरों में इसी तरह के बस स्टेशन विकसित किए जाएंगे. फिलहाल अभी पांच बस स्टेशनों का निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है. ऐसे 18 बस स्टेशनों को भी पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि एयरपोर्ट की तरह यात्रियों को बस स्टेशनों की सुविधाएं मिलें, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बसों में पैनिक बटन की व्यवस्था की गई है. वीएलटीडी से अब बसों की लोकेशन 24 घंटे उपलब्ध होगी. इसके लिए कमांड सेंटर तैयार किया जा रहा है.'
इस मौके पर परिवहन निगम के चेयरमैन एल वेंकटेश्वर लू ने कहा कि 'बसों में पैनिक बटन और वीएलटीडी लगने से महिलाएं खुद को सफर के दौरान सुरक्षित महसूस करेंगी. अभी पांच बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने का टेंडर हुआ है. शेष 18 बस स्टेशनों को भी जल्द ही पीपीपी मॉडल पर विकसित कराने के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि जापानी कंपनी को बसों में भी वीएलटीडी और पैनिक बटन लगाने का जिम्मा सौंपा गया है. वैसे तो बसों में सफर के दौरान पैनिक बटन की महिलाओं को जरूरत न पड़े तो यही बेहतर है क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाएं खुद ही पूरी तरह सुरक्षित हैं.'
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि 'पहले चरण में कुल पांच बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर बनने हैं. नौ अगस्त तक सभी पांचों बस स्टेशन के लिए एमओयू साइन हो जाएगा. इसके बाद एयरपोर्ट की तर्ज पर बस स्टेशनों का निर्माण कार्य शुरू होगा. बुधवार को लखनऊ के विभूति खंड, गाजियाबाद और प्रयागराज के सिविल लाइंस बस स्टेशनों के पीपीपी मॉडल पर विकसित करने को लेकर ओमेक्स कंपनी के साथ एमओयू साइन किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा पहले चरण में पांच हजार रोडवेज बसों में पैनिक बटन और व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम डिवाइस लगाई जाएगी. पैनिक बटन से किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर सहायता उपलब्ध होगी. इससे रोडवेज बसों में सफर के दौरान महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी. पैनिक बटन को डायल 112 से कनेक्ट किया जाएगा. इसका रिस्पांस टाइम वही रहेगा जितना पुलिस का रहता है. उन्होंने बताया कि वीएलटीडी से बसों की लोकेशन के बारे में घर बैठे ही जानकारी ली जा सकेगी. इससे अगर कोई यात्री बस से सफर कर रहा है तो उसके घर वाले भी ऐप के जरिए लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे. घरवालों को भी अपने सगे संबंधी की रास्ते भर लोकेशन मिलती रहेगी. उन्होंने बताया कि बस स्टेशनों पर निर्भया फंड के तहत बड़ी-बड़ी एलईडी लगाई जाएंगी.