लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को आई अलर्ट ऐप (I Alert) से लैस करने की तैयारी है. इस ऐप से बसों की हेल्थ, बस में डीजल की मात्रा, यूरो 6 बसों में डीएएफ ईंधन की स्थिति और चालक की एक्टिविटी पर नजर रखी जाएगी. किसी भी तरह की गतिविधि पर यह बस रास्ते में ही रोकी की भी जा सकेगी. यह अशोक लीलैंड कंपनी का ग्राहकों के लिए अपना ऐप है, लेकिन परिवहन निगम इस कंपनी का बड़ा ग्राहक होते हुए भी अब तक इस ऐप का इस्तेमाल करने से चूक गया था. अब टेंडर में अशोक लेलैंड के इस ऐप को देने की भी शर्त रखी जाएगी.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें टाटा और अशोक लेलैंड कंपनी की हैं. लगभग 60 फीसद बसें टाटा कंपनी की संचालित होती हैं तो 40 फीसद बसे अशोक लेलैंड कंपनी की संचालित है. परिवहन निगम सभी बसों की लोकेशन ट्रैक करने के लिए वैसे तो वीएलटीडी का इस्तेमाल करेगा. एक जापानी कंपनी से परिवहन निगम का अनुबंध भी हो चुका है. अशोक लेलैंड कंपनी की चेसिस परिवहन निगम लेगा तो इस कंपनी से टेंडर में एक शर्त भी रखी जाएगी. शर्त यह है कि इस कंपनी को अपना I-Alert ऐप भी परिवहन निगम को देना होगा. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि यह ऐप अशोक लीलैंड कंपनी का ही है और एक साल तक फ्री सेवा देने के बाद हर साल 5500 रुपये प्रति वाहन चार्ज करता है, लेकिन अब परिवहन निगम बस की चेसिस खरीदने के एवज में फ्री में अशोक लीलैंड कंपनी से आई अलर्ट ऐप की डिमांड अपनी टेंडर की शर्त ने शामिल करेगा.
जिओ फेंसिंग से ली जाएगी बसों की लोकेशन
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि आई अलर्ट ऐप में यह भी सुविधा है कि इसकी लोकेशन जिओ फेंसिंग से ली जा सकेगी. राह चलते बस को कहीं भी लॉक किया जा सकता है. कहीं भी रोकने की सुविधा इस ऐप के माध्यम से उपलब्ध हो जाएगी. ऐसे में बस की चोरी रोकी जा सकेगी और कहीं भी कोई दिक्कत होने पर बस को सड़क के किनारे रोका भी जा सकेगा. बस के ड्राइवर के ओवर स्पीड बस के संचालन पर भी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा.
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