लखनऊ: कोरोना के कारण प्रदेश के 14 शहरों में सिटी बस डिपो और बस स्टेशन के साथ ही चार्जिंग स्टेशन बनाने के काम को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है. अब कम से कम यह काम 6 माह बाद ही शुरू हो सकेगा. दरअसल प्रदेश भर में 700 सिटी बसें आनी है, जिसके लिए चार्जिंग प्वाइंट स्टेशन बनने हैं. सभी डिपो और स्टेशनों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने में करोड़ों का खर्च आएगा.
लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड सीएनजी बसें हटाकर इलेक्ट्रिक बसों को जोड़ने पर जोर दे रहा है. प्रदेश के 7 महानगरों में 14 डिपो और स्टेशन बनाने की तैयारी है. 700 इलेक्ट्रिक बसें सिटी बस के बेड़े में जोड़ी जानी हैं, जिनमें से 100 इलेक्ट्रिक बसें उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फर्राटा भरेंगी.
फंड मिलने की उम्मीद काफी कम
वर्तमान में 40 इलेक्ट्रिक बसें लखनऊ में संचालित हो रही हैं. बसों की खरीद को हटा दिया जाए तो 14 डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने में तकरीबन 250 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान नगरीय परिवहन निदेशालय ने लगाया है. सरकार से प्रस्ताव भेजकर फंड भी मांगा है. निदेशालय से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कोरोना के चलते सारा प्लान चौपट हो गया है. पहले जहां दो से तीन माह के अंदर यह सभी डिपो और स्टेशन बनकर तैयार हो जाते, लेकिन अब करीब 6 माह तक फिलहाल ऐसे आसार नजर नहीं आ रहे हैं, क्योंकि सरकार से अब फंड मिलने की उम्मीद काफी कम है.
इलेक्ट्रिक बसों की सेवाओं में आएगी देरी
इससे अब प्रदेश के कई महानगरों में इलेक्ट्रिक बसों की सेवाएं जल्द शुरू नहीं हो पाएंगी. अभी लखनऊ के दुबग्गा डिपो और आलमबाग बस स्टेशन पर ही चार्जिंग स्टेशन हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग में काफी दिक्कतें आ रही हैं. इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए लखनऊ में भी पांच स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने हैं, लेकिन अब जब सरकार की तरफ से जल्द फंड मिलने के आसार कम ही हैं. लिहाजा अभी इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की राह भी काफी मुश्किल दिख रही है.
कहां बनाए जाने थे चार्जिंग प्वाइंट स्टेशन
लखनऊ में जिन पांच स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने हैं, उनमें पी-4 पार्किंग में 30 प्वाइंट, राजाजीपुरम बस स्टैंड में 10 प्वाइंट, दुबग्गा में 10 प्वाइंट, रामराम बैंक चौराहे के पास 10 प्वाइंट और गोमतीनगर के विराजखंड में 10 प्वाइंट बनाए जाने हैं.