लखनऊ: राजधानी के सिविल अस्पताल में बर्न यूनिट के सर्जन मार्च में सेवानिवृत्त होंगे, जिसके बाद सिविल अस्पताल क बर्न यूनिट बंद होने की स्थिति में है. आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ यहां पर मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी. इसकी वजह से यहां आने वाले तमाम मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस सिविल अस्पताल की 50 बेड की बर्न यूनिट बंद होने की कगार पर खड़ी है. दरअसल, यहां पर तैनात एकमात्र प्लास्टिक सर्जन जल्द ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनकी जगह पर किसी की तैनाती की व्यवस्था भी नहीं की गई है. सिविल अस्पताल को छोड़ दिया जाए तो राजधानी के किसी भी सरकारी अस्पताल या संस्थान पूरे मानकों वाली बर्न यूनिट नहीं है. ऐसे में आग से जले मरीजों के लिए दुश्वारियां बढ़ जाएंगी.
सिविल अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी के सर्जन सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सिविल अस्पताल में डॉक्टर तैनात करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है, सिविल अस्पताल के अलावा सिर्फ केजीएमयू में बर्न यूनिट है, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण वह कई महीनों से बंद पड़ी है. ऐसे में राजधानी आने वाले बर्न के मरीजों को एकमात्र सहारा सिविल अस्पताल है, लेकिन यहां पर भी आने वाले दिनों में यह सहारा बंद होने की स्थिति में है. इसकी वजह से आने वाले दिनों में मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
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लखनऊ के सिविल अस्पताल में पीजीआई ,केजीएमयू, लोहिया संस्थान सहित प्रदेश भर के मरीजों को रेफर किया जाता रहा है. यहां बर्न में 50 बेड की व्यवस्था है. बर्न यूनिट में रोजाना 30 से ज्यादा मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि शासन को पत्र लिखकर प्लास्टिक सर्जन की मांग की गई है.