लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ऑनलाक होने के बाद बिल्डिंग के निर्माण का कार्य तेजी से होने लगा है. ऐसे में जहां एक तरफ बिल्डिंग निर्माण का कार्य करने वाले मजदूर रोजगार की तलाश में गांव से वापस शहर की तरफ आने लगे हैं, वहीं डिमांड बढ़ने से बिल्डिंग मटेरियल के रेट भी बढ़ने लगे हैं. सीमेंट, मौरंग, सरिया, बालू ,गिट्टी सभी चीजों की कीमते बढ़ने लगी हैं. जिससे अपना घर बनाने का सपना देख रहे आम लोगों के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.
इसके पहले लॉकडाउन के दौरान भी बिल्डिंग मटेरियल के दाम में तेजी देखने को मिली थी, कहा जा रहा था कि यातायात बाधित होने का कारण सामानों के दाम बढ़ रहे हैं. लेकिन, अब बारिश के कारण खनन के बंद होने से मौरंग, बालू, गिट्टी और ईंटों के दाम बढ़ने लगे हैं. जिसके वजह से आम लोगों को घर बनाना महंगा साबित हो रहा है.
भवन निर्माण की सामग्री के बढ़े दाम
बिल्डिंग मटेरियल | जुलाई माह में रेट | अगस्त माह में रेट |
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लोहे की सरिया | 68 रुपये क्विंटल | 75 से ₹80 रुपये क्विंटल |
उच्च किस्म का ईंट | 23,000 रुपये ट्रक | 24,000 रुपये ट्रक |
मध्यम किस्म ईंट | 19,000 रुपये ट्रक | 20,000 रुपये ट्रक |
उच्च किस्म लाल मौरंग | 85 से 95 रुपये प्रति घनफुट | 105 से 110 रुपये घनफुट |
सफेद बालू | 25 रुपये प्रति घनफुट | 50 रुपये प्रति घनफुट |
सीमेंट | 375 रुपये प्रति बोरी | 385 रुपये प्रति बोरी |
बिल्डिंग निर्माण की लागत में आई वृद्धि
बिल्डिंग मटेरियल के दाम बढ़ने से भवन निर्माण की लगत में बढ़ोतरी हो गयी है, जिससे लोगों के लिए अपने सपनों का घर बनाना मुश्किल हो गया है. लोगों का कहना है कि एक कमरा बनवाने की लागत पहले जहां 1.80 लाख से 2.20 लाख की लागत आती थी. लेकिन, अब एक कमरा बनवाने में 2.20 लाख से अधिक की लागत आ रही है . बिल्डिंग मटेरियल विक्रेता शुक्ला ट्रेडर्स के मालिक ने उम्मीद जताई की दो महीने बाद भवन निर्माण सामग्री की रेट में कमी आने की उम्मीद है.
बिल्डिंग मटेरियल के ट्रेडर्स के मालिक अमित ने बताया कि मानसून सीजन के कारण लगातार मौरंग, सफेद बालू का खनन बंद कर दिया गया है. तब से लगातार बिल्डिंग मटेरियल के रेट में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसका सीधा असर अन्य बिल्डिंग मटेरियल के दाम पर दिखाई दे रहा है.
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