लखनऊ : नगर निगम का सदन क्रियाशील न होने की वजह से वर्षों बाद अफसरों ने बजट पास किया है. नगर आयुक्त और उनकी टीम की ओर से प्रस्तुत बजट पर जिलाधिकारी सूर्य कुमार गंगवार से अनुमोदन प्राप्त किया जा रहा है. नगर निगम ने नए वित्तीय वर्ष के लिए 2056.24 करोड़ के आय-व्यय का बजट पास किया है. पुराने शहर के अलावा विस्तारित क्षेत्र में सफाई, मार्ग प्रकाश, सड़कों के निर्माण व मरम्मत पर अधिक खर्च होगा.
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की ओर से प्रस्तावित बजट पर जिलाधिकारी की मुहर लगेगी. निकाय चुनाव होने हैं और निवर्तमान सदन और महापौर का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इसलिए 2056 करोड़ रुपए का यह बजट अफसरों ने पास किया है. नगर निगम क्षेत्र में जुड़े 88 नए गांवों का विकास होगा. यहां सड़क, नाली मार्ग प्रकाश जैसे मुख्य बिंदु अधर में लटके हैं. नगर निगम में आने के बाद ग्राम पंचायत ने यहां काम कराना बंद कर दिया है, इसलिए 88 गांव की आबादी जिसमें बड़ी तादाद में शहरी कॉलोनी भी हैं, वहां रहने वाले लाखों बाशिंदे काफी समय से परेशान थे.
इसके अतिरिक्त इस बजट में पुराने शहर का भी ख्याल रखा जा रहा है. पुराने शहर में टूट-फूट, सफाई के अलावा बड़ी संख्या में सड़कों नालियों का निर्माण होगा और मार्ग प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा. इस बजट में कोई खास नया कर शहर पर नहीं लगाया गया है. जिससे लोगों को राहत महसूस होगी.
कॉलेज नगर निगम ने किया सील : हाउस टैक्स बकाया न जमा करने पर नगर निगम प्रशासन ने अलीगंज स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय पीजी कॉलेज को सील कर दिया है. करीब सात लाख से ज्यादा का बकाया टैक्स होने की वजह से यह कार्रवाई की गई है. माना जा रहा है कि सोमवार को टैक्स की किस्त कॉलेज की ओर से जमा की जाएगी, जिसके बाद में यह सील खोल दी जाएगी.
यह भी पढ़ें : निकाय चुनाव की अधिसूचना से पहले मनोनीत हो सकते हैं छह एमएलसी