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UP Budget 2023 : पुलिस आवास, ट्रैफिककर्मियों की सुविधाओं का भी बजट में हो प्रावधान, एक्सपर्ट ने जताई यह उम्मीद

यूपी की योगी सरकार के बजट (UP Budget 2023) से हर वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं. इसी क्रम में पुलिस महकमे को भी आधुनिकीकरण और सुविधाओं के लिए बजट आवंटन की आस है. यूपी के पूर्व पुलिस अधिकारियों के अनुसार यूपी पुलिस को नंबर वन बनाने के लिए यूपी सरकार लगातार प्रयासरत है. ऐसे में सरकार पुलिसकर्मियों के लिए कुछ प्रावधान अवश्य करेगी.

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Published : Feb 21, 2023, 3:11 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकारी योजनाओं को नए पर लगने की उम्मीद है. वहीं यूपी पुलिस को देश में नंबर एक पुलिस बनाने के लिए भी अच्छे खासे बजट की उम्मीद की जा रही है. पूर्व पुलिस अधिकारी मानते हैं कि अभी भी राज्य की पुलिस दक्षिण प्रांतों से कहीं पीछे है. ऐसे में उन्हें आधुनिकीकरण से जोड़ने और पुलिसकर्मियों के भवनों के लिए इस बार योगी सरकार खासा ध्यान देगी. आइए जानते है कि उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक पुलिस सेवा में रहे अधिकारियों को इस बजट से क्या है उम्मीद?

पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन.
पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन.



यूपी के डीजीपी रहे अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि आज जब उत्तर प्रदेश विकास की पथ की ओर है. यही नहीं भारत को पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में प्रदेश अहम भूमिका निभा रहा है तो ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि यूपी पुलिस के सुद्रीकरण के लिए कार्य होना चाहिए. इसमें बजट का एक अहम रोल होता हैं. पूर्व डीजीपी कहते हैं कि आज भी राज्य के कई जिलों की पुलिस लाइन और पुलिस भवन ऐसे हैं. जहां बालकनी के नीचे बांस लगा कर उसे रोका जाता है, नहीं तो कभी भी ढह सकती है. कई ऐसे भवन हैं, जहां थक हार कर जब पुलिसकर्मी कुछ समय आराम करते हैं तो बारिश के मौसम में छत टपकती है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है राज्य की सरकार इस बार पुलिस के भवनों के लिए बीते साल से भी अधिक बजट का प्रावधान करेगी. जिससे हमारे पुलिसकर्मियों को सुरक्षित भवन दिया जा सके. उन्होंने कहा कि हालांकि 2022-23 के बजट में सरकार ने पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा धनराशि आवासीय भवनों के लिए ही 800 करोड़ और गैर-आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. जिसमें नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ और पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि खरीद को 65 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि दिए गए थे.

पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी.
पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी.
राजधानी में एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात रहे पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी कहते हैं कि किसी भी राज्य की पुलिस की छवि सड़कों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों से बनती और बिगड़ती है. किसी भी राज्य में जब कोई प्रवेश करता है, उसे पुलिस के तौर पर सबसे पहले ट्रैफिक कर्मी ही दिखता है. ऐसे में योगी सरकार के 2023-24 के बजट में ट्रैफिक विभाग के लिए भी ध्यान दिया जाएगा, उन्हें ऐसी उम्मीद है. ज्ञान प्रकाश कहते हैं कि अभी भी यूपी के ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के पास आधुनिक उपकरणों की कमी है. ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आवश्यक उपकरण भी मौजूद नहीं है. यही नहीं ट्रैफिककर्मियों का नियतन और सुविधाएं भी बढ़ाई जानी चाहिए. ऐसे में इस बार के बजट में ट्रैफिक विभाग के लिए सरकार ध्यान देने वाली है ऐसी उन्हें उम्मीद है. पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि यूपी पुलिस आज भी दक्षिण प्रांतों की पुलिस से आधुनिकीकरण में कहीं पीछे हैं. अब जरूरत है कि अधिक से अधिक आधुनिक उपकरणों और टेक्नोलॉजी से यूपी पुलिस को जोड़ा जाए. इसके लिए खासा बजट की जरूरत होती है. हालांकि यूपी सरकार बीते कुछ बजट में इसका प्रावधान करती आई है, लेकिन इसे बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि कभी कभी हमारी पुलिस के पास सारी लीड्स होने के बाद भी अपराधियों तक पहुंच नहीं पाती है. ऐसे में इस बजट में आधुनिकीकरण पर जोर दिया जाएगा ऐसी उम्मीद है. जैन कहते हैं कि अत्याधुनिक हथियारों की खरीद फरोख्त नहीं रुकनी चाहिए. उन्होंने कहा हालांकि बीते बजट में सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई थी.हर जिले में STF की तर्ज पर SOG का गठन होना चाहिए : पूर्व डीजीपी कहते है कि राज्य से अपराधियों को जड़ से खत्म करने और अपराध होने के बाद कम से कम समय में अपराधियों की धड़पकड़ के लिए जरूरी है कि राज्य के हर जिले में एसटीएफ जैसी ही एक यूनिट तैयार की जाए, जो स्थानीय स्तर पर मजबूती और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके. जैन के मुताबिक वैसे तो हर जिले में एसओजी काम करती है, लेकिन अब भी उतना अच्छा रिजल्ट नहीं आ पाता है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि बजट में योगी सरकार इस बात का ध्यान रखेगी. क्योंकि एसटीएफ जैसी यूनिट तैयार करने से उनके बाद अत्याधुनिक उपकरण होंगे, अधिक भत्ता मिलेगा, हथियार और मैन पावर होगी ऐसे में रिजल्ट भी अच्छा आएगा. साथ ही जैन कहते हैं कि भविष्य के अपराध साइबर क्राइम से लड़ाई लड़ने के लिए भी सरकार चिंतित है और बजट में साइबर यूनिट को और मजबूत करने के लिए प्रावधान करेगी. अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि इसके अलावा सरकार यूपी 112 के लिए वाहन, उपकरणों की खरीद फरोख्त के लिए अवश्य ध्यान देगी. बीते वर्ष सरकार ने पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये दिए थे. यही नहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी के तहत लगभग 532 करोड़ रुपये दिए थे, इस बार भी उम्मीद है कि उस पर बजट का प्रावधान होगा. यह भी पढ़ें : Nagaland Assembly Election 2023: नगा शांति वार्ता जारी है, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल रंग लाएगी: शाह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकारी योजनाओं को नए पर लगने की उम्मीद है. वहीं यूपी पुलिस को देश में नंबर एक पुलिस बनाने के लिए भी अच्छे खासे बजट की उम्मीद की जा रही है. पूर्व पुलिस अधिकारी मानते हैं कि अभी भी राज्य की पुलिस दक्षिण प्रांतों से कहीं पीछे है. ऐसे में उन्हें आधुनिकीकरण से जोड़ने और पुलिसकर्मियों के भवनों के लिए इस बार योगी सरकार खासा ध्यान देगी. आइए जानते है कि उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक पुलिस सेवा में रहे अधिकारियों को इस बजट से क्या है उम्मीद?

पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन.
पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन.



यूपी के डीजीपी रहे अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि आज जब उत्तर प्रदेश विकास की पथ की ओर है. यही नहीं भारत को पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने में प्रदेश अहम भूमिका निभा रहा है तो ऐसे में सरकार का कर्तव्य बनता है कि यूपी पुलिस के सुद्रीकरण के लिए कार्य होना चाहिए. इसमें बजट का एक अहम रोल होता हैं. पूर्व डीजीपी कहते हैं कि आज भी राज्य के कई जिलों की पुलिस लाइन और पुलिस भवन ऐसे हैं. जहां बालकनी के नीचे बांस लगा कर उसे रोका जाता है, नहीं तो कभी भी ढह सकती है. कई ऐसे भवन हैं, जहां थक हार कर जब पुलिसकर्मी कुछ समय आराम करते हैं तो बारिश के मौसम में छत टपकती है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है राज्य की सरकार इस बार पुलिस के भवनों के लिए बीते साल से भी अधिक बजट का प्रावधान करेगी. जिससे हमारे पुलिसकर्मियों को सुरक्षित भवन दिया जा सके. उन्होंने कहा कि हालांकि 2022-23 के बजट में सरकार ने पुलिस महकमे में सबसे ज्यादा धनराशि आवासीय भवनों के लिए ही 800 करोड़ और गैर-आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. जिसमें नवसृजित जिलों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ और पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि खरीद को 65 करोड़ 70 लाख रुपये की धनराशि दिए गए थे.

पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी.
पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी.
राजधानी में एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात रहे पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी कहते हैं कि किसी भी राज्य की पुलिस की छवि सड़कों पर तैनात ट्रैफिक पुलिस कर्मियों से बनती और बिगड़ती है. किसी भी राज्य में जब कोई प्रवेश करता है, उसे पुलिस के तौर पर सबसे पहले ट्रैफिक कर्मी ही दिखता है. ऐसे में योगी सरकार के 2023-24 के बजट में ट्रैफिक विभाग के लिए भी ध्यान दिया जाएगा, उन्हें ऐसी उम्मीद है. ज्ञान प्रकाश कहते हैं कि अभी भी यूपी के ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के पास आधुनिक उपकरणों की कमी है. ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आवश्यक उपकरण भी मौजूद नहीं है. यही नहीं ट्रैफिककर्मियों का नियतन और सुविधाएं भी बढ़ाई जानी चाहिए. ऐसे में इस बार के बजट में ट्रैफिक विभाग के लिए सरकार ध्यान देने वाली है ऐसी उन्हें उम्मीद है. पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि यूपी पुलिस आज भी दक्षिण प्रांतों की पुलिस से आधुनिकीकरण में कहीं पीछे हैं. अब जरूरत है कि अधिक से अधिक आधुनिक उपकरणों और टेक्नोलॉजी से यूपी पुलिस को जोड़ा जाए. इसके लिए खासा बजट की जरूरत होती है. हालांकि यूपी सरकार बीते कुछ बजट में इसका प्रावधान करती आई है, लेकिन इसे बढ़ाने की जरूरत है. क्योंकि कभी कभी हमारी पुलिस के पास सारी लीड्स होने के बाद भी अपराधियों तक पहुंच नहीं पाती है. ऐसे में इस बजट में आधुनिकीकरण पर जोर दिया जाएगा ऐसी उम्मीद है. जैन कहते हैं कि अत्याधुनिक हथियारों की खरीद फरोख्त नहीं रुकनी चाहिए. उन्होंने कहा हालांकि बीते बजट में सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र शस्त्र के लिए 250 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था की गई थी.हर जिले में STF की तर्ज पर SOG का गठन होना चाहिए : पूर्व डीजीपी कहते है कि राज्य से अपराधियों को जड़ से खत्म करने और अपराध होने के बाद कम से कम समय में अपराधियों की धड़पकड़ के लिए जरूरी है कि राज्य के हर जिले में एसटीएफ जैसी ही एक यूनिट तैयार की जाए, जो स्थानीय स्तर पर मजबूती और स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके. जैन के मुताबिक वैसे तो हर जिले में एसओजी काम करती है, लेकिन अब भी उतना अच्छा रिजल्ट नहीं आ पाता है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि बजट में योगी सरकार इस बात का ध्यान रखेगी. क्योंकि एसटीएफ जैसी यूनिट तैयार करने से उनके बाद अत्याधुनिक उपकरण होंगे, अधिक भत्ता मिलेगा, हथियार और मैन पावर होगी ऐसे में रिजल्ट भी अच्छा आएगा. साथ ही जैन कहते हैं कि भविष्य के अपराध साइबर क्राइम से लड़ाई लड़ने के लिए भी सरकार चिंतित है और बजट में साइबर यूनिट को और मजबूत करने के लिए प्रावधान करेगी. अरविंद कुमार जैन कहते हैं कि इसके अलावा सरकार यूपी 112 के लिए वाहन, उपकरणों की खरीद फरोख्त के लिए अवश्य ध्यान देगी. बीते वर्ष सरकार ने पुलिस इमरजेंसी प्रबन्ध प्रणाली के सुदृढीकरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये दिए थे. यही नहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए सेफ सिटी के तहत लगभग 532 करोड़ रुपये दिए थे, इस बार भी उम्मीद है कि उस पर बजट का प्रावधान होगा. यह भी पढ़ें : Nagaland Assembly Election 2023: नगा शांति वार्ता जारी है, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल रंग लाएगी: शाह
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