लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल (UP Assembly Election 2022) है और चुनाव को अब कुछ ही माह शेष बचे हैं. ऐसे में एक ओर जहां भाजपा और सपा जमीनी स्तर पर अपने संगठन को धार देने में जुटे हैं तो वहीं अब 'हाथी' भी पूरी मजबूती से बूथ पर पांव जामाने को आगे बढ़ निकला है और इसकी हकीकत खुद बसपा प्रमुख परखेंगी. दरअसल, यूपी विधानसभा का कार्यकाल मार्च-2022 को समाप्त हो रहा है. ऐसे में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं.
भाजपा पार्टी मुख्यालय में जिलाध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों को चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपने जिले व क्षेत्रों के हर बूथ व गतिविधियों के साथ ही जनता से संपर्क स्थापित कर उन्हें मत के रूप में तब्दील करें. वहीं, दूसरी समाजवादी पार्टी भी बूथ अध्यक्ष नामित करने के साथ-साथ विजय यात्रा के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने जा रही है.
वहीं, बसपा ने भी बीते नौ अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर बड़ी रैली कर चुनावी रणभेरी बजा दी है. लखनऊ में जुटी भारी भीड़ ने विपक्षी पार्टियों को चिंतित कर दिया है. इधर, बसपा प्रमुख ने 21 अक्टूबर से जमीनी स्तर पर संगठन का ढांचा मजबूत करने के निर्देश दिए हैं.
यूपी में गत चुनावों में करीब 1.65 लाख बूथ रहे. इन पर करीब 14.50 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. एक बूथ पर करीब 1500 मतदाता रहे तो वहीं कोरोना काल की वजह से बंगाल की तर्ज पर चुनाव की प्लानिंग हो सकती है. इसमें एक-एक बूथ पर 1200 मतदाता किए जा सकते हैं. लिहाजा, बूथ के साथ-साथ पोलिंग सेंटर की संख्या भी बढ़ेगी. ऐसे में बसपा प्रमुख ने बूथ स्तर तक पार्टी का मजबूत संगठन खड़ा करने का आदेश दिया है. इनकी ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कराए जाएंगे. इसके बाद बसपा प्रमुख विधानसभाओं का दौरा भी करेंगी, जहां भी पार्टी कमजोर दिखेगी, वहां के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी.
दलित महिला से दुष्कर्म पर मायावती नाराज
गौतमबुद्ध नगर में दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आई है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने भी नाराजगी जताई है. उन्होंने सरकार से तत्काल आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है. साथ ही कहा कि पीड़ता को न्याय दिलाने के लिए हर प्रयास तत्काल किए जाएं.
लखीमपुर हिंसा के नहीं बचेंगे दोषी
बसपा के प्रवक्ता सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में लगातार घिनौनी घटनाएं हो रही हैं. महिलाओं पर अत्याचार नहीं थम रहे हैं. उधर, गुंडाराज भी चरम पर है. हाथरस, लखीमपुर खीरी की घटनाएं इसका उदाहरण हैं. किसानों की हत्या करने वाले कानून से बच नहीं पाएंगे. भाजपा के हर जुल्म के खिलाफ बसपा आवाज उठाएगी.