लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मणिपुर हिंसा को लेकर पूरे देश में जारी राजनीति को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि 'इस मामले को जब सुप्रीम कोर्ट खुद ही संज्ञान ले चुका है, ऐसे में इस मामले को दबाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर संसद में एक सार्थक चर्चा होने की जरूरत है, जबकि इस पर हो रही राजनीति पूरी तरह से गलत है. मायावती ने शुक्रवार को ट्विटर के माध्यम से अपनी बात रखी.
-
1. मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिन्दगी की गई वह अत्यन्त ही दुःखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है। राज्य व केन्द्र की सरकार को भी ऐसे आपराधिक तत्वों को इतनी सख़्त सज़ा दिलवानी चाहिए कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की आगे कहीं भी पुनरावृत्ति ना हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">1. मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिन्दगी की गई वह अत्यन्त ही दुःखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है। राज्य व केन्द्र की सरकार को भी ऐसे आपराधिक तत्वों को इतनी सख़्त सज़ा दिलवानी चाहिए कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की आगे कहीं भी पुनरावृत्ति ना हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 20231. मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिन्दगी की गई वह अत्यन्त ही दुःखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है। राज्य व केन्द्र की सरकार को भी ऐसे आपराधिक तत्वों को इतनी सख़्त सज़ा दिलवानी चाहिए कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की आगे कहीं भी पुनरावृत्ति ना हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2023
ज्ञात हो कि मणिपुर की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पूरा विपक्ष भाजपा सरकार को घेरने में जुट गया है. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने भी इस पूरी घटना पर चिंता जाहिर की है. इसके बाद भी कांग्रेस व दूसरे विपक्षी दल इस पर चर्चा कराने की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा कर रहे हैं.
मायावती ने पूरी घटना को शर्मनाक व दुखद बताया : शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा कि 'मणिपुर में महिलाओं के साथ भीड़ द्वारा जो दरिन्दगी की गई वह अत्यन्त ही दुःखद, शर्मनाक तथा दिल को दहलाने वाली घटना है. राज्य व केन्द्र की सरकार को भी ऐसे आपराधिक तत्वों को इतनी सख़्त सज़ा दिलवानी चाहिए कि इस प्रकार के जघन्य अपराध की आगे कहीं भी पुनरावृत्ति ना हो सके. लेकिन इस घटना को लेकर जो राजनीतिक की जा रही है वह अनुचित एवं चिंतनीय है. संसद में इस पर जरूर सार्थक चर्चा होनी चाहिए, जबकि इस घटना का मा. सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है, जिसे दबाया नहीं जा सकता है. अर्थात मणिपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सभी को गंभीर होना जरूरी.'