लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने महिला आरक्षण बिल दोनों सदनों में पास होने पर प्रतिक्रिया देते हुए इसका स्वागत किया है. हालांकि, मायावती ने बिल के अभी लागू न होने को लेकर सरकार पर निशाना भी साधा है. बसपा सुप्रीमो ने कहा है कि वैसे तो इस बिल के पास होने की खुशी है. लेकिन, अगर यह तत्काल लागू हो जाता तो और भी अच्छा होता.
मायावती ने किया ट्वीटः उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत है. लेकिन, देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता, अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलम्ब लागू हो जाता. अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्यायसंगत है. वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना, बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है.

ओबीसी समाज को महिला आरक्षण बिल में शामिल करने की मांगः इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है. लेकिन, जहां चाह है वहां राह है और इसीलिए सरकार ओबीसी समाज को इस महिला आरक्षण बिल में शामिल करे. एससी व एसटी वर्ग की महिलाओं को अलग से आरक्षण दे और इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करे. धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं की भी उपेक्षा अनुचित है.
यदि लागू नहीं करना था तो अभी लेकर क्यों आए महिला आरक्षण बिलः महिला आरक्षण बिल के पास होने के बाद तत्काल लागू न करने को लेकर सिर्फ बहुजन समाज पार्टी ही नहीं, ज्यादातर विपक्षी दल सरकार पर प्रहार कर रहे हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2024 करीब आ रहा है. इसलिए बीजेपी का यह स्टंट है. अगर अभी लागू ही नहीं करना था तो फिर इस बिल को लाने का मतलब ही क्या?
विपक्षी दल महिला आरक्षण बिल को तत्काल लागू करने की कर रहे मांगः सभी विपक्षी दल सरकार से तत्काल इस बिल को लागू करने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में अब केंद्र सरकार के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. हालांकि, लगातार केंद्र सरकार की तरफ से यह तर्क दिया जा रहा है कि 2029 तक ही यह बिल लागू हो पाएगा, क्योंकि पहले जनगणना होनी है. उसके बाद ही इसे लागू किया जा सकता है. फिलहाल बिल पास होने का तो सभी स्वागत कर रहे हैं. लेकिन, देरी से लागू होने की वजह से विरोध भी जारी है.
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