ETV Bharat / state

Mayawati ने जन्मदिन पर रोया ईवीएम का रोना, बोलीं- बसपा को हुआ बड़ा नुकसान, अब बैलेट पेपर से होना चाहिए चुनाव

Mayawati ने भाजपा समेत अन्य विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि जातिवादी संप्रदाय व पूंजीवादी मानसिकता रखने वाली पार्टियों ने साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल करके बसपा को आगे बढ़ने से रोका है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 15, 2023, 3:47 PM IST

Updated : Jan 15, 2023, 4:30 PM IST

अपने जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करतीं बसपा सुप्रीमो मायावती.

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन पर आगामी कई राज्यों के विधानसभा और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पाट्री की रणनीति की घोषणा की. साथ ही मायावती ने ईवीएम का भी रोना रोया. कहा के ईवीएम के चलते ही बसपा को नुकसान हो रहा है. मायावती ने यह भी कहा कि आने वाले किसी भी चुनाव में बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी में माफिया को शामिल किए जाने के सवाल पर कहा कि मैंने अतीक को नहीं उनकी पत्नी को पार्टी में शामिल नहीं किया है. अतीक की पत्नी कोई माफिया नहीं हैं.

बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन को कार्यकर्ताओं ने जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया. रविवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मायावती ने बीएसपी की "ब्लू बुक" मेरे संघर्ष में जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 18 और इसके अंग्रेजी संस्करण ए ट्रैवलॉग ऑफ माय स्ट्रगल वॉल्यूम 18 का विमोचन किया. इस मौके पर मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी गरीब कमजोर, असहाय व अन्य उपेक्षित वर्गों के हित और कल्याण के लिए हमेशा ही संघर्षरत रहती है जिसके मुताबिक चलकर ही बीएसपी ने अपने नेतृत्व में चार बार यूपी में अपनी सरकार भी चलाई है.

बसपा लोगों के हित व कल्याण के लिए समर्पित पार्टी है. पार्टी का मुख्य लक्ष्य भाईचारे पर आधारित गठबंधन से चुनाव जीतकर एससी एसटी ओबीसी व मुस्लिम समाज की सामाजिक आर्थिक स्थिति को बेहतर करना है. इसी सिद्धांत पर चलते हुए वर्ष 2023 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष में लोकसभा चुनाव में पार्टी किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी. अकेले अपने बलबूते पर सभी चुनाव लड़ेगी. क्योंकि गठबंधन को लेकर अभी तक का हमारा अनुभव काफी खराब ही रहा है.

मायावती ने ईवीएम पर उठाया सवाल

मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेहतर तो यही होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में दलितों ने बसपा को वोट किया लेकिन जब मशीनें खुलीं तो वोट कहीं और निकल आया. ईवीएम से लोगों में काफी आशंकाएं पैदा हुई हैं. मेरा तो यही कहना है बीएसपी का जनाधार कम नहीं हो रहा है. मुझे लग रहा है कि ईवीएम में कुछ गड़बड़ी जरूर है. मुख्य चुनाव आयुक्त जिन्होंने ईवीएम का सिस्टम शुरू किया है, वे इसका जवाब दें. आने वाले दिनों में उनका सिस्टम गड़बड़ा सकता है. विश्व स्तर पर तमाम देशों ने पहले ईवीएम से वोटिंग कराई लेकिन बाद में वहां पर भी बैलेट पेपर से चुनाव हो रहा है. भारत में भी ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से ही चुनाव होना चाहिए. बैलेट पेपर से हमारी पार्टी का चुनाव में मतदान प्रतिशत हमेशा बढ़ा. मशीनों के आने से ही गड़बड़ हुआ है.

कांग्रेस-भाजपा आरक्षण का हक मारने की कर रहीं काेशिश

कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए पिछड़ों के आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन को लागू नहीं होने दिया. इसके साथ-साथ इन्होंने एससी एसटी के आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया और अब बीजेपी भी इस मामले में कांग्रेस के पद चिन्हों पर चलकर आरक्षण के हक को मारने की काेशिश कर रही है. इसकी वजह से यूपी निकाय चुनाव भी प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं सपा सरकार ने भी अति पिछड़ों को हक न देकर उनके साथ हमेशा छल किया है.

भाजपा निवेश के नाम पर कर रही नाटक

इन्वेस्टर समिट पर कहा कि यूपी की जनता को कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. मुझे भी इन्वेस्टर समिट का कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है. भाजपा सरकार निवेश के नाम पर भी नाटक कर रही है.

पसमांदा मुसलमानों के लिए मायावती ने क्या कहा

यूपी के मुस्लिम समाज के लोगों को मालूम है कि उनके साथ किस तरह की ज्यादती हुई है. जहां तक पसमांदा का सवाल है तो वो पहले मुस्लिम हैं, पसमांदा बाद में, जो उनके साथ ज्यादती हो रही है, मुझे नहीं लगता कि वह भारतीय जनता पार्टी के किसी भी प्रकार के बहकावे में आएंगे.

अपने जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करतीं बसपा सुप्रीमो मायावती.

लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने जन्मदिन पर आगामी कई राज्यों के विधानसभा और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पाट्री की रणनीति की घोषणा की. साथ ही मायावती ने ईवीएम का भी रोना रोया. कहा के ईवीएम के चलते ही बसपा को नुकसान हो रहा है. मायावती ने यह भी कहा कि आने वाले किसी भी चुनाव में बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. साथ ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी में माफिया को शामिल किए जाने के सवाल पर कहा कि मैंने अतीक को नहीं उनकी पत्नी को पार्टी में शामिल नहीं किया है. अतीक की पत्नी कोई माफिया नहीं हैं.

बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन को कार्यकर्ताओं ने जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया. रविवार को पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में मायावती ने बीएसपी की "ब्लू बुक" मेरे संघर्ष में जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 18 और इसके अंग्रेजी संस्करण ए ट्रैवलॉग ऑफ माय स्ट्रगल वॉल्यूम 18 का विमोचन किया. इस मौके पर मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी गरीब कमजोर, असहाय व अन्य उपेक्षित वर्गों के हित और कल्याण के लिए हमेशा ही संघर्षरत रहती है जिसके मुताबिक चलकर ही बीएसपी ने अपने नेतृत्व में चार बार यूपी में अपनी सरकार भी चलाई है.

बसपा लोगों के हित व कल्याण के लिए समर्पित पार्टी है. पार्टी का मुख्य लक्ष्य भाईचारे पर आधारित गठबंधन से चुनाव जीतकर एससी एसटी ओबीसी व मुस्लिम समाज की सामाजिक आर्थिक स्थिति को बेहतर करना है. इसी सिद्धांत पर चलते हुए वर्ष 2023 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष में लोकसभा चुनाव में पार्टी किसी से भी गठबंधन नहीं करेगी. अकेले अपने बलबूते पर सभी चुनाव लड़ेगी. क्योंकि गठबंधन को लेकर अभी तक का हमारा अनुभव काफी खराब ही रहा है.

मायावती ने ईवीएम पर उठाया सवाल

मायावती ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेहतर तो यही होगा कि पिछले विधानसभा चुनाव में दलितों ने बसपा को वोट किया लेकिन जब मशीनें खुलीं तो वोट कहीं और निकल आया. ईवीएम से लोगों में काफी आशंकाएं पैदा हुई हैं. मेरा तो यही कहना है बीएसपी का जनाधार कम नहीं हो रहा है. मुझे लग रहा है कि ईवीएम में कुछ गड़बड़ी जरूर है. मुख्य चुनाव आयुक्त जिन्होंने ईवीएम का सिस्टम शुरू किया है, वे इसका जवाब दें. आने वाले दिनों में उनका सिस्टम गड़बड़ा सकता है. विश्व स्तर पर तमाम देशों ने पहले ईवीएम से वोटिंग कराई लेकिन बाद में वहां पर भी बैलेट पेपर से चुनाव हो रहा है. भारत में भी ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से ही चुनाव होना चाहिए. बैलेट पेपर से हमारी पार्टी का चुनाव में मतदान प्रतिशत हमेशा बढ़ा. मशीनों के आने से ही गड़बड़ हुआ है.

कांग्रेस-भाजपा आरक्षण का हक मारने की कर रहीं काेशिश

कांग्रेस ने केंद्र में रहते हुए पिछड़ों के आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन को लागू नहीं होने दिया. इसके साथ-साथ इन्होंने एससी एसटी के आरक्षण को भी निष्प्रभावी बना दिया और अब बीजेपी भी इस मामले में कांग्रेस के पद चिन्हों पर चलकर आरक्षण के हक को मारने की काेशिश कर रही है. इसकी वजह से यूपी निकाय चुनाव भी प्रभावित हुए हैं. इतना ही नहीं सपा सरकार ने भी अति पिछड़ों को हक न देकर उनके साथ हमेशा छल किया है.

भाजपा निवेश के नाम पर कर रही नाटक

इन्वेस्टर समिट पर कहा कि यूपी की जनता को कोई फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. मुझे भी इन्वेस्टर समिट का कोई भी फायदा नजर नहीं आ रहा है. भाजपा सरकार निवेश के नाम पर भी नाटक कर रही है.

पसमांदा मुसलमानों के लिए मायावती ने क्या कहा

यूपी के मुस्लिम समाज के लोगों को मालूम है कि उनके साथ किस तरह की ज्यादती हुई है. जहां तक पसमांदा का सवाल है तो वो पहले मुस्लिम हैं, पसमांदा बाद में, जो उनके साथ ज्यादती हो रही है, मुझे नहीं लगता कि वह भारतीय जनता पार्टी के किसी भी प्रकार के बहकावे में आएंगे.

Last Updated : Jan 15, 2023, 4:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.