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मायावती का योगी सरकार पर हमला, कहा- यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त - लखनऊ ताजा खबर

राजधानी स्थिति बसपा कार्यालय में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इस दौरान मायावती ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ध्वस्त कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग भी हैं.

मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश.
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Published : Jul 2, 2019, 3:26 PM IST

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार की सुबह पार्टी मुख्यालय पर पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र की बैठक की. मायावती ने बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और इससे सभी समाज के लोग पीड़ित हैं. इसलिए बसपा कार्यकर्ता उन लोगों के पास जाएं और उनका दुख-दर्द बांटने का प्रयास करें. बैठक में आरक्षण से लेकर योगी सरकार के 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के फैसले पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश.

मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश

  • बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह गांव-गांव में सर्व समाज के बीच जाएं उनका दुख-दर्द बांटने का हर प्रकार से प्रयास करें.
  • बीजेपी की सरकार में आम जनता का काफी ज्यादा बुरा हाल हैऔर उनका जीवन काफी त्रस्त है.
  • ध्वस्त कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग भी हैं,व्यापारी हों या वकील आज कोई वर्ग सुरक्षित बचा नहीं है.
  • मायावती ने योगी सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के मामले को भी पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं के समक्ष रखा.
  • पुलिस अत्याचार, दलित उत्पीड़न, राजनीतिक हत्याएं व मुस्लिम समाज पर अन्याय अत्याचार व हत्या आदि तो अब आम बात हो गई है.
  • अपराधियों के दिल से कानून का डर निकल चुका है.
  • ऐसे लोगों को हर प्रकार का सरकारी संरक्षण प्राप्त है, स्थिति काफी दुखद और भयावह है.
  • बसपा कार्यकर्ताओं को इसका डटकर मुकाबला करके आगे बढ़ने का प्रयास करना है.

बीजेपी कि केंद्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के साथ-साथ महाराष्ट्र में मराठा समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिए जाने के संबंध में त्वरित कार्रवाई की है. अगर उसकी थोड़ी भी दिलचस्पी दलितों और पिछड़े वर्गों के लंबित पड़े आरक्षित पदों को भरने में लिया गया होता तो इन उपेक्षित वर्गों के लोगों का भी थोड़ा भला हो गया होता. लेकिन आरक्षण के असली हकदार इन शोषित व कमजोर वर्गों के लोग पहले की तरह ही अभी भी उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं. यह बीजेपी सरकार की जातिवादी नीति व उनकी संकीर्ण सोच को ही प्रमाणित करता है. आरक्षण की सीमा को 50% से विभिन्न राज्यों द्वारा बढ़ाया जा रहा है. अनुसूचित और पिछड़े वर्ग का कोटा उनकी आबादी के अनुपात में जरूर बढ़ाया जाए.

-मायावती, बसपा अध्यक्ष

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार की सुबह पार्टी मुख्यालय पर पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र की बैठक की. मायावती ने बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और इससे सभी समाज के लोग पीड़ित हैं. इसलिए बसपा कार्यकर्ता उन लोगों के पास जाएं और उनका दुख-दर्द बांटने का प्रयास करें. बैठक में आरक्षण से लेकर योगी सरकार के 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के फैसले पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश.

मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश

  • बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह गांव-गांव में सर्व समाज के बीच जाएं उनका दुख-दर्द बांटने का हर प्रकार से प्रयास करें.
  • बीजेपी की सरकार में आम जनता का काफी ज्यादा बुरा हाल हैऔर उनका जीवन काफी त्रस्त है.
  • ध्वस्त कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग भी हैं,व्यापारी हों या वकील आज कोई वर्ग सुरक्षित बचा नहीं है.
  • मायावती ने योगी सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के मामले को भी पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं के समक्ष रखा.
  • पुलिस अत्याचार, दलित उत्पीड़न, राजनीतिक हत्याएं व मुस्लिम समाज पर अन्याय अत्याचार व हत्या आदि तो अब आम बात हो गई है.
  • अपराधियों के दिल से कानून का डर निकल चुका है.
  • ऐसे लोगों को हर प्रकार का सरकारी संरक्षण प्राप्त है, स्थिति काफी दुखद और भयावह है.
  • बसपा कार्यकर्ताओं को इसका डटकर मुकाबला करके आगे बढ़ने का प्रयास करना है.

बीजेपी कि केंद्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के साथ-साथ महाराष्ट्र में मराठा समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिए जाने के संबंध में त्वरित कार्रवाई की है. अगर उसकी थोड़ी भी दिलचस्पी दलितों और पिछड़े वर्गों के लंबित पड़े आरक्षित पदों को भरने में लिया गया होता तो इन उपेक्षित वर्गों के लोगों का भी थोड़ा भला हो गया होता. लेकिन आरक्षण के असली हकदार इन शोषित व कमजोर वर्गों के लोग पहले की तरह ही अभी भी उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं. यह बीजेपी सरकार की जातिवादी नीति व उनकी संकीर्ण सोच को ही प्रमाणित करता है. आरक्षण की सीमा को 50% से विभिन्न राज्यों द्वारा बढ़ाया जा रहा है. अनुसूचित और पिछड़े वर्ग का कोटा उनकी आबादी के अनुपात में जरूर बढ़ाया जाए.

-मायावती, बसपा अध्यक्ष

Intro:लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सुबह पार्टी मुख्यालय पर पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र की बैठक की। मायावती ने बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और इससे सभी समाज के लोग पीड़ित हैं। इसलिए बसपा कार्यकर्ता उन लोगों के पास जाएं और उनका दुख-दर्द बांटने का प्रयास करें। इस बिगड़ी व्यस्था का डटकर सामना करें। पार्टी संगठन को विस्तार देने के लिए पूरी लगन और निष्ठा से बसपा कार्यकर्ता जुट जाएं। ताकि संगठन मजबूती से खड़ा हो सके और आगे हम सरकार बनाने में सफल हों। बैठक में आरक्षण से लेकर योगी सरकार के 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के फैसले पर भी विस्तार से चर्चा की गई।


Body:बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी कि केंद्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के साथ-साथ महाराष्ट्र में मराठा समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिए जाने के संबंध में जिस प्रकार की जबरदस्त रुचि लेकर आनन-फानन में त्वरित कार्यवाही की है। अगर उसकी थोड़ी भी दिलचस्पी दलितों और पिछड़े वर्गों के लंबित पड़े आरक्षित पदों को भरने में लिया गया होता तो इन उपेक्षित वर्गों के लोगों का भी थोड़ा भला हो गया होता। लेकिन आरक्षण के असली हकदार इन शोषित व कमजोर वर्गों के लोग पहले की तरह ही अभी भी उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं। यह बीजेपी सरकार की जातिवादी नीति व उनकी संकीर्ण सोच को ही प्रमाणित करता है।

मायावती ने योगी सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के मामले को भी पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं के समक्ष रखा।

इसके अलावा मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से आरक्षण की सीमा को 50% से विभिन्न राज्यों द्वारा बढ़ाया जा रहा है उससे अभिमान हर तरफ जो और पकड़नी स्वाभाविक है और जायज भी है कि अनुसूचित और पिछड़े वर्ग को आग कोटा उनकी आबादी के अनुपात में जरूर बढ़ाया जाए क्योंकि संविधान की असली मंशा जातिवाद से पीड़ित इन्हीं वर्गों के लोगों को आरक्षण के लाभ के माध्यम से इनको समाज व देश की मुख्यधारा में लाने की रही है।


Conclusion:बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह गांव-गांव में सर्व समाज के बीच जाएं। उनका दुख-दर्द बांटने का हर प्रकार से प्रयास करें। बीजेपी की सरकार में आम जनता का काफी ज्यादा बुरा हाल है। वह उनका जीवन काफी त्रस्त है। ध्वस्त कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग भी हैं। व्यापारी हों या वकील आज कोई वर्ग सुरक्षित बचा नहीं है।

सरकारी कर्मचारी व पुलिस तक भी सुरक्षित नहीं बचे हैं। पुलिस अत्याचार, दलित उत्पीड़न, राजनीतिक हत्याएं व मुस्लिम समाज पर अन्याय अत्याचार व हत्या आदि तो अब आम बात हो गई है। अपराधियों के दिल से कानून का डर निकल चुका है। क्योंकि ऐसे लोगों को हर प्रकार का सरकारी संरक्षण प्राप्त है। स्थिति काफी दुखद और भयावह है। बसपा कार्यकर्ताओं को इसका डटकर मुकाबला करके आगे बढ़ने का प्रयास करना है।
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