लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार की सुबह पार्टी मुख्यालय पर पश्चिम उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड क्षेत्र की बैठक की. मायावती ने बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं से साफ कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और इससे सभी समाज के लोग पीड़ित हैं. इसलिए बसपा कार्यकर्ता उन लोगों के पास जाएं और उनका दुख-दर्द बांटने का प्रयास करें. बैठक में आरक्षण से लेकर योगी सरकार के 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के फैसले पर भी विस्तार से चर्चा की गई.
मायावती ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश
- बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह गांव-गांव में सर्व समाज के बीच जाएं उनका दुख-दर्द बांटने का हर प्रकार से प्रयास करें.
- बीजेपी की सरकार में आम जनता का काफी ज्यादा बुरा हाल हैऔर उनका जीवन काफी त्रस्त है.
- ध्वस्त कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लोग भी हैं,व्यापारी हों या वकील आज कोई वर्ग सुरक्षित बचा नहीं है.
- मायावती ने योगी सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल किए जाने के मामले को भी पार्टी कार्यकर्ताओं नेताओं के समक्ष रखा.
- पुलिस अत्याचार, दलित उत्पीड़न, राजनीतिक हत्याएं व मुस्लिम समाज पर अन्याय अत्याचार व हत्या आदि तो अब आम बात हो गई है.
- अपराधियों के दिल से कानून का डर निकल चुका है.
- ऐसे लोगों को हर प्रकार का सरकारी संरक्षण प्राप्त है, स्थिति काफी दुखद और भयावह है.
- बसपा कार्यकर्ताओं को इसका डटकर मुकाबला करके आगे बढ़ने का प्रयास करना है.
बीजेपी कि केंद्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने के साथ-साथ महाराष्ट्र में मराठा समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिए जाने के संबंध में त्वरित कार्रवाई की है. अगर उसकी थोड़ी भी दिलचस्पी दलितों और पिछड़े वर्गों के लंबित पड़े आरक्षित पदों को भरने में लिया गया होता तो इन उपेक्षित वर्गों के लोगों का भी थोड़ा भला हो गया होता. लेकिन आरक्षण के असली हकदार इन शोषित व कमजोर वर्गों के लोग पहले की तरह ही अभी भी उपेक्षा का शिकार बने हुए हैं. यह बीजेपी सरकार की जातिवादी नीति व उनकी संकीर्ण सोच को ही प्रमाणित करता है. आरक्षण की सीमा को 50% से विभिन्न राज्यों द्वारा बढ़ाया जा रहा है. अनुसूचित और पिछड़े वर्ग का कोटा उनकी आबादी के अनुपात में जरूर बढ़ाया जाए.
-मायावती, बसपा अध्यक्ष