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बसपा सांसद ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, रोशन जैकब पर लगाए गंभीर आरोप

बसपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने राजधानी लखनऊ में कोविड-19 प्रभारी डॉ. रोशन जैकब पर टीएस मिश्रा अस्पताल की छवि खराब करने का आरोप लगाया है. इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल बिना सरकार की मदद के मरीजों का इलाज कर रहा है, लेकिन डॉ. रोशन जैकब को इसमें भी खामियां नजर आ रही हैं.

रोशन जैकब पर लगाए ये आरोप
रोशन जैकब पर लगाए ये आरोप
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Published : May 2, 2021, 1:29 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कोविड-19 की प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब के खिलाफ टीएस मिश्रा हॉस्पिटल को बदनाम करने का आरोप लगाया है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि टीएस मिश्रा अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डॉ. रोशन जैकब ने वहां के मैनेजमेंट से सही जानकारी लेने के बजाय प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अस्पताल को बदनाम करने का काम किया है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. सतीश चंद्रा ने सरकार के इस अस्पताल को अपने अंडर में लेने की बात कही है, ताकि व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें.

निरीक्षण में ऑक्सीजन सप्लाई पर उठाए थे सवाल
दरअसल, कोरोना प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने शुक्रवार को टीएस मिश्रा अस्पताल का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई पर सवाल खड़े किए थे. उन्हें शक था कि इस प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल के बाहर की जा रही है. हालांकि इस पर राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने सफाई दी है कि ऑक्सीजन प्लांट से सिलेंडर रिफिल नहीं हो सकते हैं, इसलिए सीधे हॉस्पिटल में ही ऑक्सीजन जाती है. प्लांट से ऑक्सीजन कहां जा रही है, इसे लेकर जांच बिठाने और ऑडिट कराने की बात भी कही. साथ ही अस्पताल में खाली पड़े बेड पर भी नाराजगी जाहिर की.

सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रभारी अधिकारी ने निरीक्षण में मिली खामियों के बाद कर्मचारियों को फटकार लगाई. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से कहा कि अस्पताल में 300 बेड की व्यवस्था है तो सिर्फ 115 मरीज ही क्यों भर्ती हैं. अन्य मरीजों की भर्ती क्यों नहीं की जा रही है?

इसे भी पढ़ें : प्रभारी अधिकारी ने किया लखनऊ के अस्पतालों का निरीक्षण, कई जगह खाली मिले बेड

सरकार ने नहीं उपलब्ध कराए उपकरण
पत्र में राज्यसभा सांसद ने लिखा है कि सरकार की तरफ से ऑक्सीजन को लेकर कोई सहायता नहीं की जा रही है. इसके लिए कई बार पत्र भी लिखा गया. सहायता नहीं मिलने के बाद भी ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई. इसके लिए 40 लाख रुपये भी खर्च किए, लेकिन अब कोविड प्रभारी से इस तरह की बातें सामने आ रही हैं, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. सरकार से कई बार विभिन्न मांगों को लेकर अनुरोध किया गया, लेकिन उनमें से न डॉक्टर ही उपलब्ध कराए गए और न ही नर्स. जितने उपकरण मांगे गए, उनमें से कुछ ही उपलब्ध कराए गए, जिससे मरीजों के इलाज में दिक्कत आ रही है.

पिछले साल का 75 लाख रुपये बकाया
राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वर्तमान काल में महामारी के दौरान टीएस मिश्रा अस्पताल ने अपनी क्षमता से आगे बढ़कर कोविड-19 मरीजों के हित में काम किया है. पिछले साल के कोविड काल में लगभग 75 लाख रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. इस बार भी करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद पिछली बार की तरह पैसा नहीं मिलेगा. बावजूद इसके अस्पताल अपने खर्च पर मरीजों का इलाज कर रहा है. ऐसे में कोविड-19 प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब का हॉस्पिटल में अधिकारियों से ऑडिट करवाना समझ से परे है.

टीएस मिश्रा अस्पताल को अपने हाथ में ले सरकार
सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि डीआरडीओ का जो कोविड हॉस्पिटल बन रहा है, वहां पर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ, ऑक्सीजन, पैथोलॉजी और दवाइयां नए सिरे से उपलब्ध कराई जा रही हैं. टीएस मिश्रा हॉस्पिटल को सरकार अपने हाथों में लेने का कार्य करें. वे अपना स्टाफ सरकार को उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं.

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कोविड-19 की प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब के खिलाफ टीएस मिश्रा हॉस्पिटल को बदनाम करने का आरोप लगाया है. राज्यसभा सांसद ने कहा कि टीएस मिश्रा अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डॉ. रोशन जैकब ने वहां के मैनेजमेंट से सही जानकारी लेने के बजाय प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अस्पताल को बदनाम करने का काम किया है, जो बिल्कुल भी सही नहीं है. सतीश चंद्रा ने सरकार के इस अस्पताल को अपने अंडर में लेने की बात कही है, ताकि व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें.

निरीक्षण में ऑक्सीजन सप्लाई पर उठाए थे सवाल
दरअसल, कोरोना प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने शुक्रवार को टीएस मिश्रा अस्पताल का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई पर सवाल खड़े किए थे. उन्हें शक था कि इस प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई अस्पताल के बाहर की जा रही है. हालांकि इस पर राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने सफाई दी है कि ऑक्सीजन प्लांट से सिलेंडर रिफिल नहीं हो सकते हैं, इसलिए सीधे हॉस्पिटल में ही ऑक्सीजन जाती है. प्लांट से ऑक्सीजन कहां जा रही है, इसे लेकर जांच बिठाने और ऑडिट कराने की बात भी कही. साथ ही अस्पताल में खाली पड़े बेड पर भी नाराजगी जाहिर की.

सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रभारी अधिकारी ने निरीक्षण में मिली खामियों के बाद कर्मचारियों को फटकार लगाई. उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से कहा कि अस्पताल में 300 बेड की व्यवस्था है तो सिर्फ 115 मरीज ही क्यों भर्ती हैं. अन्य मरीजों की भर्ती क्यों नहीं की जा रही है?

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सरकार ने नहीं उपलब्ध कराए उपकरण
पत्र में राज्यसभा सांसद ने लिखा है कि सरकार की तरफ से ऑक्सीजन को लेकर कोई सहायता नहीं की जा रही है. इसके लिए कई बार पत्र भी लिखा गया. सहायता नहीं मिलने के बाद भी ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई. इसके लिए 40 लाख रुपये भी खर्च किए, लेकिन अब कोविड प्रभारी से इस तरह की बातें सामने आ रही हैं, जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. सरकार से कई बार विभिन्न मांगों को लेकर अनुरोध किया गया, लेकिन उनमें से न डॉक्टर ही उपलब्ध कराए गए और न ही नर्स. जितने उपकरण मांगे गए, उनमें से कुछ ही उपलब्ध कराए गए, जिससे मरीजों के इलाज में दिक्कत आ रही है.

पिछले साल का 75 लाख रुपये बकाया
राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वर्तमान काल में महामारी के दौरान टीएस मिश्रा अस्पताल ने अपनी क्षमता से आगे बढ़कर कोविड-19 मरीजों के हित में काम किया है. पिछले साल के कोविड काल में लगभग 75 लाख रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है. इस बार भी करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद पिछली बार की तरह पैसा नहीं मिलेगा. बावजूद इसके अस्पताल अपने खर्च पर मरीजों का इलाज कर रहा है. ऐसे में कोविड-19 प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब का हॉस्पिटल में अधिकारियों से ऑडिट करवाना समझ से परे है.

टीएस मिश्रा अस्पताल को अपने हाथ में ले सरकार
सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि डीआरडीओ का जो कोविड हॉस्पिटल बन रहा है, वहां पर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ, ऑक्सीजन, पैथोलॉजी और दवाइयां नए सिरे से उपलब्ध कराई जा रही हैं. टीएस मिश्रा हॉस्पिटल को सरकार अपने हाथों में लेने का कार्य करें. वे अपना स्टाफ सरकार को उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं.

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