लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हुए कैबिनेट विस्तार व सीएम योगी के गन्ना मूल्य की बढ़ोत्तरी के फैसले पर यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने हमला बोला है. इसको लेकर मायावती ने ट्वीट कर भाजपा की केन्द्र व यूपी सरकार को घेरा है. मायावती ने कहा है कि केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है. इसके साथ ही मायावती ने कहा कि चुनाव से इतने कम समय पहले विस्तार का कोई फायदा नहीं है.
'चुनाव से पहले इनको गन्ना किसानों की आई याद'
मायावती ने कहा है कि यूपी भाजपा सरकार पूरे साढ़े चार वर्षों तक यहां के किसानों की घोर अनदेखी करती रही. गन्ना का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया. जिस उपेक्षा की ओर 7 सितम्बर को प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में मेरे द्वारा इंगित करने पर अब चुनाव से पहले इनको गन्ना किसान की याद आई है, जो इनके स्वार्थ को दर्शाता है.
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2. जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाये हैं बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है। इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गाें को सावधान रहने की सलाह।
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— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
'भाजपा सरकार से किसान समाज त्रस्त'
केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं है. ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है.
UP कैबिनेट विस्तार पर मायावती का तंज
योगी सरकार का रविवार को कैबिनेट विस्तार हुआ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से कुछ ही महीने पहले हुए इस विस्तार पर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने निशाना साधा है. मायावती ने कहा कि चुनाव से इतने कम समय पहले विस्तार का कोई फायदा नहीं है.
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2. केन्द्र व यूपी सरकार की किसान-विरोधी नीतियों से पूरा किसान समाज काफी दुःखी व त्रस्त है, लेकिन अब चुनाव से पहले अपनी फेस सेविंग के लिए गन्ना का समर्थन मूल्य थोड़ा बढ़ाना खेती-किसानी की मूल समस्या का सही समाधान नहीं। ऐसे में किसान इनके किसी भी बहकावे में आने वाला नहीं है।
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काम समझने तक आचार संहिता लागू हो जाएगी
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते. क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे. तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी.
मायावती ने आगे कहा कि जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं, बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी कार्य शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बन्द कर दिया गया है. इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह है.