लखनऊ: बसपा विधानसभा चुनाव को लेकर टिकटों पर मंथन कर रही है. इसके लिए पार्टी प्रमुख मायावती लगातार समीक्षा बैठक में व्यस्त हैं. वहीं, मजबूत दावेदारों को लेकर स्क्रीनिंग चल रही है. इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वह और बसपा प्रमुख मायावती इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किए हैं.
आगे उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जल्द ही प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करेंगी. वहीं, सपा के 400 सीट जीतने के दावे को हवा हवाई करार देते हुए बसपा महासचिव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि बसपा यूपी में सराकर बनाएगी. इसके लिए जनता तैयार बैठी है. अभी तो दावे और वादे हो रहे हैं. लेकिन भाजपा और सपा के शासन में प्रदेश की जनता को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. ऐसे में सूबे के मतदाता खुद को छला महसूस कर रहे हैं. यही कारण है कि अब मतदाताओं को बसपा पर भरोसा है और बसपा ने हमेशा सामाजिक न्याय और बराबरी को अहमियत दिया है.
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वहीं, राजनीति विश्लेषक और लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत ने बसपा प्रमुख मायावती व राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के चुनाव न लड़ने के निर्णय को रणनीति का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव न लड़कर दोनों नेता पूरे चुनाव पर फोकस कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है. ऐसे में राजनीतिक दलों के हर रोज समीकरण बदल रहे हैं. एक-दूसरे दलों के नेता पार्टियों में अपने लिए मुफीद जगह तलाश रहे हैं. मंगलवार को बसपा में दो बड़े घटनाक्रम हुए. पहला तिलहर विधायक रोशन लाल बसपा से भाजपा में शामिल हो गए. ऐसे में बसपा के पास सिर्फ दो विधायक ही बचे हैं. ऐसे में बसपा प्रमुख खुद चुनाव में उलझने के बजाए पूरे प्रदेश के चुनाव पर नजर रखेंगी. वहीं, सतीश चंद्र मिश्रा ब्राह्मणों को पाले में लाने के लिए रणनीति को धार दे सकेंगे.
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