लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने पुराने सांगठनिक ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश को छह जोन में विभाजित किया है. प्रत्येक जोन में तीन मंडल शामिल किए गए हैं. मंडल कोआर्डिनेटर अब मुख्य जोन इंचार्ज के रूप में काम करेंगे.
बैठक में उपचुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई और सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया गया है. विधानसभा, सेक्टर और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए भाईचारा कमेटियां गठित की जाएंगी. साथ ही इस बैठक में बसपा अध्यक्ष मायावती ने पूर्वांचल के पिछड़ेपन को लेकर पीएम मोदी और सीएम योगी पर सवाल खड़े किए.
मायावती ने कही ये बातें-
- यूपी के खासकर पूर्वांचल क्षेत्र जहां से पीएम मोदी व यूपी के सीएम योगी दोनों ही आते हैं. वहां गांव, गरीब, किसान सभी का बुरा हाल है.
- इन क्षेत्रों में मजबूरी में पलायन भी लगातार जारी है.
- इन क्षेत्रों में करोड़ों गरीब लोग बेहतर अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व विकास के लिए तरस रहे हैं.
- केंद्र यूपी में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद उनके दिन-प्रतिदिन जीवन में कोई भी उल्लेखनीय बदलाव नहीं आ पाया है.
- यह स्थित बीजेपी सरकार के तमाम वादों और दावों को खोखला साबित करता है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना-
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार एक तरफ तो ग्रामीण रोजगार के मद के धन में लगातार कटौती करके दैनिक मजदूरों का हाल और ज्यादा बदल कर रही है. दूसरी तरफ सात लाख से अधिक सरकारी पदों पर बहाली नहीं कर रही है. इससे खासकर दलित व ओबीसी वर्ग के लोग काफी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.
संसद में कल पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार कल्याणकारी सरकार होने के बजाय व्यवसायिक मानसिकता वाली सरकार बनती चली जा रही है. देश की 130 करोड़ आम जनता के असली हित व कल्याण की सही चिंता करके उसके अनुरूप नीति बनाने के बजाय केवल कुछ मुट्ठी भर पूंजी पतियों उद्योगपतियों व धन्ना सेठों के हित में ज्यादा काम किए जा रहे हैं. इनका हित केवल लाभ कमाना ही होता है. केवल प्राइवेट सेक्टर को ही हर प्रकार से बढ़ावा देकर देश के विकास व जनहित के मामलों में सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से क्यों भागना चाहती है.
मायावती ने कहा कि इसके अलावा 130 करोड़ लोगों के देश में कुछ मुट्ठी भर लोगों को गैस चूल्हा, मकान आदि मुहैया करा देने से क्या केंद्र सरकार की जिम्मेदारी यहीं समाप्त हो जाती है. देश की असली समस्या गरीबों का गरीब बना रहना, मजदूर परिवारों की बदहाली, बेरोजगारी का अभिशाप और लोगों को मूलभूत सुविधा के रूप में उनकी आए नहीं बढ़ना तथा उन्हें बेहतर सरकारी शिक्षा व स्वास्थ्य की व्यवस्था का घोर अभाव है.
इसके संबंध में बीजेपी की केंद्र व यूपी की सरकार भी बुरी तरह से विफल रही हैं. इसका खामियाजा खासकर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों धार्मिक अल्पसंख्यकों व अपर कास्ट के गरीबों पर आधारित बहुजन समाज को उठाना पड़ रहा है.
बसपा ने रणनीति में किया फेरबदल
बहुजन समाज पार्टी ने अपनी रणनीति में भारी फेरबदल किया है. एक तो सांगठनिक बदलाव करके अब बसपा उत्तर प्रदेश को छह जोन में विभाजित कर दिया है. दूसरी बात यह है कि अब बसपा के प्रेस नोट में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के साथ साथ गरीब सवर्णों को भी सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है.
बसपा अध्यक्ष मायावती पूरी तरह से समझ गई हैं कि अगर सत्ता में आना है तो उन्हें सर्व समाज के हित की बात करनी होगी. सर्व समाज के लोगों को साथ लेकर चलना होगा. यही वजह है कि उन्होंने आज पार्टी के पदाधिकारियों को विधानसभा, सेक्टर और बूथ स्तर पर भाईचारा कमेटियां गठित कर उन्हें सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं.
प्रेम शंकर मौर्या, बीएसपी नेता