लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा और सपा की मिलीभगत और भारी षणयंत्र से बीएसपी को भाजपा की बी टीम बताया गया. उन्होंने कहा कि चुनाव को घोर हिंदू-मुस्लिम संप्रदायिक रंग देने का नतीजा था कि भाजपा फिर से सत्ता में आ गई. उन्होंने कहा कि भाजपा के वापस सत्ता में आने से लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की अग्निपथ नीति जनविरोधी है और बुलडोजर की कार्यशैली अहंकारी है.
मायावती ने आगे कहा कि यूपी में हो रहे लोकसभा के उप चुनाव के परिणाम बीएसपी के पक्ष आने चाहिए. जिससे भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों व कार्यशैली पर काफी हद तक अंकुश लग सके. उन्होंने कहा कि आजमगढ़ सीट के लिए बहुजन समाज पार्टी ने गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा है. पार्टी को पूरी उम्मीद है कि वह आजमगढ़ उपचुनाव में जीत हासिल करेंगे.
इसे भी पढ़ें-रामपुर में डिप्टी सीएम केशव मौर्य बोले, सपा समाप्तवादी पार्टी और डूबता जहाज
उन्होंने कहा कि कोरोना और बाढ़ पीड़ितों की गुड्डू जमाली ने काफी ज्यादा मदद की है. गुड्डू जमाली हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करते रहते हैं. गुड्डू जमाली ने सिर्फ अपने समाज के लोगों की नहीं, बल्कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी वर्गों की हर स्तर पर मदद की है. दूसरी पार्टी के उम्मीदवार मदद के समय कहीं भी नजर नहीं आते हैं. दूसरी पार्टियों के उम्मीदवारों की तरह हमारा ये उम्मीदवार अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करता है. मायावती ने कहा कि यूपी विधानसभा चुनावों के बाद ऐसा पहला मौका है, जहां बीएसपी उप चुनाव लड़ रही है.
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा की बीजेपी से अंदरूनी मिलीभगत है. भाजपा को हराने के लिए सपा नहीं, बीएसपी ही एकमात्र शक्तिशाली माध्यम है. भाजपा और सपा एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. सपा और भाजपा की नीति व कार्यशैली राजनीतिक तौर पर अंदर ही अंदर एक दूसरे को मजबूत