लखनऊ: तमिलनाडु सरकार ने भी कोरोना संक्रमण काल के दौरान लॉकडाउन का उललंघन करने वाले के खिलाफ दर्ज केस को वापस लिया है. तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सराहने के साथ ही तंज भी कसा है. मायावती ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी सलाह दी है.
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1. तमिलनाडु सरकार ने लम्बे चले कोरोना लाॅकडाउन व नए नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध आन्दोलनों के दौरान दर्ज किए गए 10 लाख मुकदमे वापस लेने की घोषणा की है। चुनावी लाभ के लिए ही सही किन्तु यह फैसला उचित। इससे निर्दोषों को राहत मिलने के साथ-साथ कोर्ट पर भी भार काफी कम होगा।
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मायावती ने किया ट्वीट
माायावती ने ट्वीट कर कहा है कि 'तमिलनाडु सरकार ने लम्बे चले कोरोना लॉकडाउन व नए नागरिकता कानून (सीएए) के विरूद्ध आन्दोलनों के दौरान दर्ज किए गए 10 लाख मुकदमे वापस लेने की घोषणा की है. चुनावी लाभ के लिए ही सही किन्तु यह फैसला उचित. इससे निर्दोषों को राहत मिलने के साथ-साथ कोर्ट पर भी भार काफी कम होगा.
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2. उत्तर प्रदेश में भी इसी प्रकार के लाखों लम्बित पड़े मामलों से लोग काफी दुःखी व परेशान हैं। अतः यूपी सरकार को भी इनके मुकदमों की वापसी के सम्बंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार जरूर करना चाहिए ताकि लाखों परिवारों को राहत व कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिल सके, बीएसपी की यह माँग। 2/2
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बीएसपी ने की यह मांग
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी इसी प्रकार के लाखों लम्बित पड़े मामलों से लोग काफी दुःखी व परेशान हैं. अतः यूपी सरकार को भी इनके मुकदमों की वापसी के सम्बंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार जरूर करना चाहिए, ताकि लाखों परिवारों को राहत व कोर्ट-कचहरी से मुक्ति मिल सके'.
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