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Lucknow Pitbull case : शपथ पत्र लेकर अमित को लौटाई गई ब्राउनी, घर में नहीं रख पाएंगे

पिटबुल ब्राउनी को उसके मालिक अमित त्रिपाठी को सौंप दिया गया है. ब्राउनी को सौंपने से पहले नगर निगम के अधिकारियों ने अमित त्रिपाठी से शपथ पत्र लिया है. अमित लगातार ब्राउनी को वापस लेने के लिए प्रयास कर रहे थे.

लौटाई गई ब्राउनी
लौटाई गई ब्राउनी
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Published : Jul 28, 2022, 8:42 PM IST

लखनऊ : लखनऊ के पिटबुल केस (Pitbull case) ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया. पिटबुल ब्राउनी को उसके मालिक अमित त्रिपाठी को सौंप दिया गया है. ब्राउनी को सौंपने से पहले नगर निगम के अधिकारियों ने अमित त्रिपाठी से शपथ पत्र लिया है. जिसमें उसने ब्राउनी को अपने किसी रिश्तेदार के पास रखने का भरोसा जताया है.

बीते दिनों कैसरबाग में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ब्राउनी ने अपनी मालकिन सुशीला त्रिपाठी (82) पर हमला कर दिया था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद नगर निगम ने ब्राउनी को अपने कब्जे में ले लिया था. ब्राउनी को कुकरैल पिकनिट स्पॉट के जरहरा में बने राधा उपवन में एकांतवास में रखा गया था. अमित त्रिपाठी सुशीला त्रिपाठी के बेटे हैं.

अमित लगातार ब्राउनी को वापस लेने के लिए प्रयास कर रहे थे. अमित का कहना था कि नगर निगम ने 14 दिन तक ब्राउनी को अपने पास रखा. इस दौरान उसने किसी पर कोई हमला नहीं किया. उनका दावा है कि वह बेहद शांत स्वभाव की है. हालांकि, उनके क्षेत्र के लोग भी अब दोबारा ब्राउनी को वहां रखे जाने के पक्ष में नहीं थे.

सांसद मेनका गांधी ने दिया सुझाव : लखनऊ के इस पिटबुल केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस प्रकरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी भी आगे आईं. उन्होंने लखनऊ नगर निगम को सुझाव दिया है कि कुत्ते को उसके वास्तविक मालिक को लौटाना ज्यादा बेहतर होगा.
ये भी पढ़ें : सौतेली मां और पिता ने मिलकर की थी मासूम की हत्या, पीएम रिपोर्ट में खुलासा
इस पूरे हादसे में अपनी मां को खोने वाले अमित त्रिपाठी कहते हैं कि वह दिन-रात मां को याद करते हैं. यह हादसा बेहद दुखद था, लेकिन इस सबके लिए ब्राउनी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है. उसे तो पता भी नहीं है कि उसने क्या किया?

लखनऊ : लखनऊ के पिटबुल केस (Pitbull case) ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया. पिटबुल ब्राउनी को उसके मालिक अमित त्रिपाठी को सौंप दिया गया है. ब्राउनी को सौंपने से पहले नगर निगम के अधिकारियों ने अमित त्रिपाठी से शपथ पत्र लिया है. जिसमें उसने ब्राउनी को अपने किसी रिश्तेदार के पास रखने का भरोसा जताया है.

बीते दिनों कैसरबाग में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ब्राउनी ने अपनी मालकिन सुशीला त्रिपाठी (82) पर हमला कर दिया था. इसके बाद उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद नगर निगम ने ब्राउनी को अपने कब्जे में ले लिया था. ब्राउनी को कुकरैल पिकनिट स्पॉट के जरहरा में बने राधा उपवन में एकांतवास में रखा गया था. अमित त्रिपाठी सुशीला त्रिपाठी के बेटे हैं.

अमित लगातार ब्राउनी को वापस लेने के लिए प्रयास कर रहे थे. अमित का कहना था कि नगर निगम ने 14 दिन तक ब्राउनी को अपने पास रखा. इस दौरान उसने किसी पर कोई हमला नहीं किया. उनका दावा है कि वह बेहद शांत स्वभाव की है. हालांकि, उनके क्षेत्र के लोग भी अब दोबारा ब्राउनी को वहां रखे जाने के पक्ष में नहीं थे.

सांसद मेनका गांधी ने दिया सुझाव : लखनऊ के इस पिटबुल केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस प्रकरण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी भी आगे आईं. उन्होंने लखनऊ नगर निगम को सुझाव दिया है कि कुत्ते को उसके वास्तविक मालिक को लौटाना ज्यादा बेहतर होगा.
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इस पूरे हादसे में अपनी मां को खोने वाले अमित त्रिपाठी कहते हैं कि वह दिन-रात मां को याद करते हैं. यह हादसा बेहद दुखद था, लेकिन इस सबके लिए ब्राउनी को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है. उसे तो पता भी नहीं है कि उसने क्या किया?

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