लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित उन्नाव की भगवंत नगर सीट से विधायक हैं, लेकिन कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक के साले अरविंद त्रिपाठी 'गुड्डू' अभी से इस सीट पर ताल ठोक रहे हैं. उन्होंने अपनी चुनावी दावेदारी उन परिस्थितियों में पेश की है, जब पार्टी ने स्पष्ट कह रखा है कि जिन सीटों पर भाजपा के विधायक हैं, वहां कोई भी टिकट की दावेदारी फिलहाल नहीं करेगा. इसके साथ ही दावेदारी का प्रचार करना तो पूरी तरह से मना किया गया है. इसको लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी हिदायत दी गई है. इसके बावजूद गुड्डू त्रिपाठी भगवंत नगर विधानसभा सीट पर जमकर प्रचार कर रहे हैं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी में इस मुद्दे पर औपचारिक तौर पर बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं है.
भाजपा के महामंत्री संगठन सुनील बंसल के आदेश को धता बताकर अरविंद त्रिपाठी गुड्डू लगातार सक्रिय हैं. उन्होंने अपने प्रचार का एक वीडियो गीत तक रिलीज कर दिया है. ऐसे में इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि हृदयनारायण दीक्षित अब चुनाव नहीं लड़ेंगे. अरविंद त्रिपाठी गुड्डू स्पष्ट कहते हैं कि वह भगवंत नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उनको अच्छा-खासा समर्थन मिल रहा है. हालांकि अरविंद त्रिपाठी यह भी जोड़ रहे हैं कि अगर किन्हीं परिस्थितियों में विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को दोबारा टिकट मिलता है तो वह उनका समर्थन करेंगे.
अरविंद त्रिपाठी गुड्डू रिश्ते में न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक के साले हैं. जब ब्रजेश पाठक बसपा में एमएलसी थे. उनके भाजपा में शामिल होने के कुछ समय बाद गुड्डू त्रिपाठी ने भी बसपा को छोड़ दिया था और वे भाजपा में शामिल हो गए थे. वे लगातार लखनऊ की कैंट सीट पर सक्रिय रहे मगर अब उन्नाव की भगवंत नगर सीट से चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े जानकारों का कहना है कि भगवंत नगर सीट पर ब्रजेश पाठक भी टिकट मांग रहे हैं.
वे लखनऊ मध्य क्षेत्र से अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. यह बात दीगर है कि वह इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं कर रहे हैं. अब उनके साले गुड्डू त्रिपाठी भी भगवंत नगर सीट से अपना परचम बुलंद कर रहे हैं. वे लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं. धार्मिक, सामाजिक कार्यों में भाग ले रहे हैं. व्यापारियों से, समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. यहां तक कि उन्होंने अपने लिए प्रचार गीत तक रिलीज कर दिए हैं. गुड्डू त्रिपाठी पूरी तरह से चुनावी मूड में आ चुके हैं.
क्या होगा हृदय नारायण दीक्षित का भविष्य
इस पूरे प्रकरण में सवाल यह है कि क्या भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता यह मान चुके हैं कि अब विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित 2022 विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मांगेंगे या पार्टी उनको टिकट नहीं देगी. वैसे पार्टी के नियम के मुताबिक 75 साल से अधिक उम्र हो जाने पर टिकट नहीं दिया जा रहा है. उस हिसाब से अगर देखा जाए तो हृदय नारायण दीक्षित को इस बार टिकट नहीं मिलेगा.
उनको अब 2022 विधानसभा चुनाव के बाद किसी राज्य का राज्यपाल नियुक्त किए जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है. हृदय नारायण दीक्षित का लंबा राजनीतिक अनुभव है और वे संविधान के जबरदस्त जानकार बताए जाते हैं. ऐसे में वे राज्यपाल पद पर उपयुक्त व्यक्ति माने जाते हैं.
सीटिंग विधायक वाली सीट पर टिकट मांगने पर है मनाही
पार्टी की बैठकों में सुनील बंसल ने सभी नेताओं को यह चेताया है कि जहां भी इस बार भारतीय जनता पार्टी का सीटिंग विधायक है, वहां पर पार्टी का कोई व्यक्ति टिकट ना मांगे और ना ही इलाके में प्रचार करें. ऐसा करना अपने ही विधायक के खिलाफ बगावत के समान है.
पार्टी को अगर टिकट बदलना होगा तो उसका निर्णय बाद में किया जाएगा. फिलहाल सीटिंग विधायक के रहते हुए खुद को आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बताना उचित नहीं है. मगर गुड्डू त्रिपाठी के मसले पर पार्टी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कर रही है.
अरविंद त्रिपाठी गुड्डू का इस बारे में कहना है कि अगर पार्टी उनको भगवंत नगर विधानसभा सीट से टिकट देगी तो वह निश्चित तौर पर चुनाव लड़ना चाहेंगे. उनका कहना है कि उनकी तैयारी पूरी है और क्षेत्र में उनको लोग स्वीकार कर रहे हैं. यह बात अलग है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष दोबारा विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे तो वे अपने सीनियर नेता का समर्थन करेंगे.
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