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हे भगवान! इतने सालों से है समस्या, प्रशासन आखिर क्या कर रहा है - लखनऊ के रहीम नगर में जनसमस्याएं

लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड चतुर्थ में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है. लोग जलभराव, टूटी सड़कों से परेशान हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी शिकायत कर चुके हैं पर समाधान नहीं हो पा रहा.

इतने सालों से है समस्या
इतने सालों से है समस्या
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Published : Jan 22, 2021, 12:58 PM IST

लखनऊः अव्यवस्थाओं और असुविधाओं के जख्म पर जनप्रतिनिधियों की बेरुखी नमक छिड़कने का काम कर रही है. बात हो रही है राजधानी लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड चतुर्थ की. यहां रहने वाले हजारों लोग करीब 10 साल से कॉलोनी में विकास की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन वादे और दावे करने वाले इनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर सिर्फ राजनीति चमकाने में लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर निकलने के लिए सड़क भी नहीं है. साथ ही पानी के निकास के लिए नालियां भी नहीं बनी हैं. चारों तरफ जलभराव और जल में बजबजाते कीड़े दिखाई देते हैं.

लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड चतुर्थ में समस्या

बच्चों के गिरने का खतरा, साथ ही बीमारियों का डर
जलभराव से गड्ढे इतने गहरे हो गए हैं कि कोई भी बच्चा गिरकर दुर्घटना का शिकार हो सकता है. साथ ही गंदगी का अंबार है. पूरे दिन सूअर घूमते रहते हैं. लोगों का कहना है कि बारिश के दिनों में जलभराव इतना बढ़ जाता है कि हमें अपना सामान घरों में ऊपर रखना पड़ता है. साथ ही यहां कई बार लोग डेंगू के शिकार हुए हैं. एक तरफ गंदे पानी का भराव तो दूसरी ओर लोगों में बीमारी फैलने का भय. यह कॉलोनी करीब 20 साल पहले बनाई गई थी. शुरुआती दौर में इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या कम थी लेकिन पिछले 10 साल से यहां लोगों की संख्या बढ़ने लगी. आज यहां पर करीब 3000 लोग इस कॉलोनी में निवास करते हैं लेकिन हर तरफ असुविधा है. सभी विकास होने की आस लगाए बैठे हैं.

विधायक ने नहीं दिया ध्यान
अपनी समस्या को लेकर अप्रैल 2017 को लोग इकट्ठा होकर स्थानीय विधायक डॉ. नीरज बोरा के पास गए थे. सभी समस्याओं के बारे में लिखित रूप में अवगत कराकर आए थे. उस समय डॉ. नीरज बोरा ने जल्द ही उनकी समस्या का निस्तारण कराने की बात कही थी. इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है. लोगों का आरोप है कि ना ही विकास की झलक देखने को मिली और ना ही स्थानीय नेताओं ने यहां आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

बजट की समस्या
इस बारे में स्थानीय पार्षद प्रदीप शुक्ला ने बताया कि हमारे पास बजट नहीं है. बिना बजट के हम किस तरीके से यहां पर विकास करा दें. वहीं दूसरी ओर साफ-सफाई को लेकर नगर निगम के सफाई इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि हम तो सफाई करते हैं. आज भी कर रहे हैं लेकिन यहां पर समस्या का मुख्य कारण है विकास की कमी. जब सड़क और नाली जब बन जाएगी, तब साफ सफाई देखने को मिलेगी.

सीएम पोर्टल पर भी शिकायत
रहीम नगर फैजुल्लागंज के छोटे-छोटे खुदान में पानी से भरी हुई सड़क की चौड़ाई 40 सीट है, जो बीते 10 साल से ऐसी ही पड़ी है. पुराने पार्षद विद्या रावत ने भी विकास के वादे किए थे. उसके बाद स्थानीय वर्तमान विधायक प्रदीप शुक्ला ने भी लोगों से इसी के नाम पर वोट मांगे थे लेकिन समस्या का समाधान किसी ने नहीं किया. स्थानीय नेताओं के साथ जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इनकी ओर मुड़कर भी नहीं देखा. समस्या का सामना कर रहे लोगों ने सीएम पोर्टल पर भी कई बार शिकायत की लेकिन रिस्पांस नहीं मिल पाया.




लखनऊः अव्यवस्थाओं और असुविधाओं के जख्म पर जनप्रतिनिधियों की बेरुखी नमक छिड़कने का काम कर रही है. बात हो रही है राजधानी लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड चतुर्थ की. यहां रहने वाले हजारों लोग करीब 10 साल से कॉलोनी में विकास की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन वादे और दावे करने वाले इनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर सिर्फ राजनीति चमकाने में लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर निकलने के लिए सड़क भी नहीं है. साथ ही पानी के निकास के लिए नालियां भी नहीं बनी हैं. चारों तरफ जलभराव और जल में बजबजाते कीड़े दिखाई देते हैं.

लखनऊ के फैजुल्लागंज वार्ड चतुर्थ में समस्या

बच्चों के गिरने का खतरा, साथ ही बीमारियों का डर
जलभराव से गड्ढे इतने गहरे हो गए हैं कि कोई भी बच्चा गिरकर दुर्घटना का शिकार हो सकता है. साथ ही गंदगी का अंबार है. पूरे दिन सूअर घूमते रहते हैं. लोगों का कहना है कि बारिश के दिनों में जलभराव इतना बढ़ जाता है कि हमें अपना सामान घरों में ऊपर रखना पड़ता है. साथ ही यहां कई बार लोग डेंगू के शिकार हुए हैं. एक तरफ गंदे पानी का भराव तो दूसरी ओर लोगों में बीमारी फैलने का भय. यह कॉलोनी करीब 20 साल पहले बनाई गई थी. शुरुआती दौर में इस कॉलोनी में रहने वाले लोगों की संख्या कम थी लेकिन पिछले 10 साल से यहां लोगों की संख्या बढ़ने लगी. आज यहां पर करीब 3000 लोग इस कॉलोनी में निवास करते हैं लेकिन हर तरफ असुविधा है. सभी विकास होने की आस लगाए बैठे हैं.

विधायक ने नहीं दिया ध्यान
अपनी समस्या को लेकर अप्रैल 2017 को लोग इकट्ठा होकर स्थानीय विधायक डॉ. नीरज बोरा के पास गए थे. सभी समस्याओं के बारे में लिखित रूप में अवगत कराकर आए थे. उस समय डॉ. नीरज बोरा ने जल्द ही उनकी समस्या का निस्तारण कराने की बात कही थी. इतना लंबा समय बीत जाने के बावजूद भी लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है. लोगों का आरोप है कि ना ही विकास की झलक देखने को मिली और ना ही स्थानीय नेताओं ने यहां आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

बजट की समस्या
इस बारे में स्थानीय पार्षद प्रदीप शुक्ला ने बताया कि हमारे पास बजट नहीं है. बिना बजट के हम किस तरीके से यहां पर विकास करा दें. वहीं दूसरी ओर साफ-सफाई को लेकर नगर निगम के सफाई इंस्पेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि हम तो सफाई करते हैं. आज भी कर रहे हैं लेकिन यहां पर समस्या का मुख्य कारण है विकास की कमी. जब सड़क और नाली जब बन जाएगी, तब साफ सफाई देखने को मिलेगी.

सीएम पोर्टल पर भी शिकायत
रहीम नगर फैजुल्लागंज के छोटे-छोटे खुदान में पानी से भरी हुई सड़क की चौड़ाई 40 सीट है, जो बीते 10 साल से ऐसी ही पड़ी है. पुराने पार्षद विद्या रावत ने भी विकास के वादे किए थे. उसके बाद स्थानीय वर्तमान विधायक प्रदीप शुक्ला ने भी लोगों से इसी के नाम पर वोट मांगे थे लेकिन समस्या का समाधान किसी ने नहीं किया. स्थानीय नेताओं के साथ जिम्मेदार अधिकारियों ने भी इनकी ओर मुड़कर भी नहीं देखा. समस्या का सामना कर रहे लोगों ने सीएम पोर्टल पर भी कई बार शिकायत की लेकिन रिस्पांस नहीं मिल पाया.




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