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लखनऊ: ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर नया जीवन पाने वाले करेंगे रैंप वॉक, फैलाएंगे जागरूकता - स्तन कैंसर जागरुकता अभियान

उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट में लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप मीट 2019 का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर से लड़कर नया जीवन पाने वाले लगभग 55 से 60 लोग रैंप वॉक कर जागरूकता फैलाएंगे.

लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप मीट 2019 का आयोजन.
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Published : Oct 18, 2019, 8:42 AM IST

लखनऊ: स्तन कैंसर हमारे देश में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. इसके 95% कारण अज्ञात हैं. इसलिए इसकी जागरूकता बढ़ाने और लोगों में इसके प्रति सही जानकारी लाने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट की तरफ से एक आयोजन किया जा रहा है.

जानकारी देते डॉ आनंद मिश्रा.
क्या होता है ब्रेस्ट कैंसरब्रेस्ट कैंसर होने वाले मरीजों की बात करें तो 5% मरीजों को या बीमारी आनुवंशिक मिलती है, जबकि 95% लोगों में होने वाली बीमारी के कारण पता नहीं चल सके हैं. दो तिहाई मरीज ऐसे होते हैं, जो एडवांस स्टेज में इस कैंसर के पहुंच जाने के बाद पहली बार जांच करवाने के लिए अस्पताल आते हैं. एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद ब्रेस्ट कैंसर की गांठ पांच सेंटीमीटर से बड़ी हो जाती है, जिस के इलाज में काफी मुश्किल सामने देखी जाती है. ब्रेस्ट कैंसर 40 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलता है और उम्र बढ़ने के साथ यह कैंसर भी बढ़ता चला जाता है. ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि उत्तर भारत में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बेहद कम है.

ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई जीतने वाले करेंगे रैंपवाक
इस आयोजन में लगभग 55 से 60 स्तन कैंसर से ठीक हुए मरीजों की संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा. खास बात यह है कि इन लोगों में दो पुरुष भी शामिल है, जो ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थे. यह सभी लोग अब बिल्कुल सामान्य हैं और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति फैली भ्रांतियों को मिटाने और उसके बारे में सही जानकारी के लिए यह एक रैंप वॉक करेंगे.

ये भी पढ़ें:- लखनऊ: खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से जानें 'स्वस्थ रहने का मूल मंत्र'

जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में
किसी भी व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर होने की शंका पर कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं. जैसे कि स्तन में गांठ होना. स्तन का आकार बदलना. स्तन के आसपास की चमड़ी का लाल होना या मोटा होना. स्तन में किसी भी तरह का घाव होने पर तीन हफ्ते से अधिक हो जाने के बावजूद उसका न भरना. कांख या उसके आसपास गांठ होना. स्तन में लगातार दर्द बने रहना. ऐसे किसी लक्षण होने के बाद किसी भी व्यक्ति को तुरंत जांच करवानी चाहिए. कुछ जांचें और स्क्रीनिंग के बाद ही डॉक्टर आपको सही समय पर जानकारी दे सकते हैं. इससे न केवल आपका उचित इलाज हो सकता है, बल्कि जागरूकता भी बढ़ेगी.

19 अक्टूबर को एंडोक्राइन सर्जरी विभाग की ओर से लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप मीट 2019 का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा. दुनिया भर में अक्टूबर के महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है.
-डॉ आनंद मिश्रा, एंडोक्राइन सर्जरी के विभागाध्यक्ष

लखनऊ: स्तन कैंसर हमारे देश में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. इसके 95% कारण अज्ञात हैं. इसलिए इसकी जागरूकता बढ़ाने और लोगों में इसके प्रति सही जानकारी लाने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट की तरफ से एक आयोजन किया जा रहा है.

जानकारी देते डॉ आनंद मिश्रा.
क्या होता है ब्रेस्ट कैंसरब्रेस्ट कैंसर होने वाले मरीजों की बात करें तो 5% मरीजों को या बीमारी आनुवंशिक मिलती है, जबकि 95% लोगों में होने वाली बीमारी के कारण पता नहीं चल सके हैं. दो तिहाई मरीज ऐसे होते हैं, जो एडवांस स्टेज में इस कैंसर के पहुंच जाने के बाद पहली बार जांच करवाने के लिए अस्पताल आते हैं. एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद ब्रेस्ट कैंसर की गांठ पांच सेंटीमीटर से बड़ी हो जाती है, जिस के इलाज में काफी मुश्किल सामने देखी जाती है. ब्रेस्ट कैंसर 40 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलता है और उम्र बढ़ने के साथ यह कैंसर भी बढ़ता चला जाता है. ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि उत्तर भारत में महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बेहद कम है.

ब्रेस्ट कैंसर से लड़ाई जीतने वाले करेंगे रैंपवाक
इस आयोजन में लगभग 55 से 60 स्तन कैंसर से ठीक हुए मरीजों की संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा. खास बात यह है कि इन लोगों में दो पुरुष भी शामिल है, जो ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित थे. यह सभी लोग अब बिल्कुल सामान्य हैं और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति फैली भ्रांतियों को मिटाने और उसके बारे में सही जानकारी के लिए यह एक रैंप वॉक करेंगे.

ये भी पढ़ें:- लखनऊ: खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से जानें 'स्वस्थ रहने का मूल मंत्र'

जानें ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में
किसी भी व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर होने की शंका पर कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं. जैसे कि स्तन में गांठ होना. स्तन का आकार बदलना. स्तन के आसपास की चमड़ी का लाल होना या मोटा होना. स्तन में किसी भी तरह का घाव होने पर तीन हफ्ते से अधिक हो जाने के बावजूद उसका न भरना. कांख या उसके आसपास गांठ होना. स्तन में लगातार दर्द बने रहना. ऐसे किसी लक्षण होने के बाद किसी भी व्यक्ति को तुरंत जांच करवानी चाहिए. कुछ जांचें और स्क्रीनिंग के बाद ही डॉक्टर आपको सही समय पर जानकारी दे सकते हैं. इससे न केवल आपका उचित इलाज हो सकता है, बल्कि जागरूकता भी बढ़ेगी.

19 अक्टूबर को एंडोक्राइन सर्जरी विभाग की ओर से लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप मीट 2019 का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा. दुनिया भर में अक्टूबर के महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है.
-डॉ आनंद मिश्रा, एंडोक्राइन सर्जरी के विभागाध्यक्ष

Intro:लखनऊ। स्तन कैंसर हमारे देश में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है या दुनिया भर में महिलाओं को सबसे अधिक होने वाला कैंसर भी है हालांकि इसके 95% कारण अज्ञात है इसलिए इसकी जागरूकता बढ़ाने और लोगों में इसके प्रति सही जानकारी लाने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट की तरफ से एक आयोजन किया जा रहा है इस आयोजन के विषय में विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद कुमार मिश्रा ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की।


Body:वीओ1 प्रेस वार्ता में एंडोक्राइन सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद मिश्रा ने बताया कि 19 अक्टूबर को एंडोक्राइन सर्जरी विभाग की ओर से लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप मीट 2019 का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा। डॉ आनंद ने बताया कि दुनिया घर में अक्टूबर के महीने को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में ब्रेस्ट कैंसर के होने के असली कारणों को अब तक लोग पहचान नहीं पाए हैं। ब्रेस्ट कैंसर होने वाले मरीजों की बात करें तो 5% मरीजों को या बीमारी आनुवंशिक मिलती है जबकि 95% लोगों में होने वाली बीमारी के कारण पता नहीं चल सके हैं। उन्होंने बताया कि दो तिहाई मरीज ऐसे होते हैं जो एडवांस स्टेज में इस कैंसर के पहुंच जाने के बाद पहली बार जांच करवाने के लिए अस्पताल आते हैं। एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद ब्रेस्ट कैंसर की गांठ 5 सेंटीमीटर से बड़ी हो जाती है जिस के इलाज में काफी मुश्किल सामने देखी जाती है। ब्रेस्ट कैंसर 40 की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलता है और उम्र बढ़ने के साथ यह कैंसर भी बढ़ता चला जाता है। डॉ मिश्रा कहते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण बात यह भी है। उत्तर भारत में महिलाओं अपेक्षा पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बेहद कम है। उत्तर भारत में ज्यादातर क्षेत्र पुरुष प्रधान समाज के हैं ऐसे में कहीं न कहीं इकोनॉमिकल कंडीशन और इस बारे में बात न होने की वजह से भी यहां पर इस बीमारी का आंकड़ा बढ़ा हुआ है। इस आयोजन में कई ऐसी बातें खास है जिसकी वजह से न केवल ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ेगी बल्कि लोग भी इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक दिखेंगे। डॉ मिश्रा ने बताया कि इस आयोजन में लगभग 55 से 60 स्तन कैंसर से ठीक हुए मरीजों की संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि इन लोगों में दो पुरुष भी शामिल है जो ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है। यह सभी लोग अब बिल्कुल सामान्य हैं और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति फैली भ्रांतियों को मिटाने और उसके बारे में सही जानकारी के लिए यह एक रैंप वॉक करेंगे। यह है लक्षण डॉक्टर आनंद ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर होने की शंका पर कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं जैसे कि स्तन में गांठ होना। स्तन का आकार बदलना। स्तन के आसपास की चमड़ी का लाल होना या मोटा होना। स्तन में किसी भी तरह का घाव होने पर 3 हफ्ते से अधिक हो जाने के बावजूद उसका न भरना। कांख या उसके आसपास गांठ होना। स्तन में लगातार दर्द बने रहना। ऐसे किसी लक्षण होने के बाद डॉ मिश्रा कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को तुरंत जांच करवानी चाहिए। कुछ जांचें और स्क्रीनिंग के बाद ही डॉक्टर आपको सही समय पर जानकारी दे सकते हैं एस्से ना केवल आपका उचित इलाज हो सकता है बल्कि जागरूकता भी बढ़ेगी।


Conclusion:अटल बिहारी वाजपेई कन्वेंशन सेंटर में 19 अक्टूबर को होने वाले इस आयोजन में बॉलीवुड की वेटरन एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हो रही हैं। इसके साथ ही भक्ति गीत गायिका तृप्ति शाक्या भी इस कार्यक्रम की सक्रिय भागीदार बनेंगी। बाइट- डॉ आनंद मिश्रा, प्रोफेसर, एंडोक्राइन सर्जरी विभाग, केजीएमयू रामांशी मिश्रा
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