लखनऊ: परिवार में जब किसी एक को कैंसर जैसी घातक बीमारी होती है तो बाकी पूरा परिवार भी चिंता ग्रस्त हो जाता है. जब यह बीमारी एक ही परिवार के किसी सदस्य के बाद परिवार के ही दूसरे सदस्य को हो जाए तो पूरे परिवार का चिंता में पड़ जाना स्वाभाविक है. ऐसा ही एक मामला केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी डिपार्टमेंट में भी देखने को मिला, जहां पर पेशे से शिक्षक भाई-बहन को सेकंड स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर हो गया. हालांकि वह दोनों अब सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
ईटीवी भारत ने की कैंसर सर्वाइवर भाई बहन से खास बातचीत
अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम में आई बेस्ट कैंसर सर्वाइवर सविता मिश्रा कहती हैं कि मुझे सितंबर 2015 में पता चला कि मेरे स्तन में गांठ है. पहले तो मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब दर्द बढ़ने लगा तो मैनें इसकी जांच प्राइवेट अस्पताल में कराई. वहां जांच के बाद पता चला कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर है. डॉक्टर की सलाह पर मैं केजीएमयू के डॉक्टर आनंद मिश्रा के पास आई, जहां मेरी दोबारा जांच की गई और पता चला कि मुझे सेकंड स्टेज का कैंसर है और फिर मेरा ऑपरेशन किया गया.
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कैंसर सर्वाइवर भाई ने बताया
सविता को इलाज के दौरान देखने आए उनके भाई राकेश कहते हैं कि जब मैं बहन को देखने आया तो उसके लक्षणों को देखकर मैंने उससे कहा कि मेरे भी सीने में गांठ जैसा कुछ मुझे लगता है. सविता ने कहा कि डॉ. आनंद से जांच करवा लो. जब मैंने जांच करवाई तो मुझे पता चला कि मुझे भी सेकंड स्टेज का कैंसर है, जो कि 60% तक फैल चुका था.
राकेश कहते हैं कि मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि महिलाओं की तरह मुझे भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है. कैंसर सर्वाइवर भाई-बहन कहते हैं कि कैंसर के प्रति जागरूकता जगाने की जरूरत है. कैंसर लाइलाज बीमारी नहीं है. सही समय पर जांच करवाने पर इसका समुचित इलाज किया जा सकता है.