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महिलाओं में बढ़ रहा स्तन कैंसर का खतरा, ऐसे पहचानें लक्षण

लखनऊ के सरकारी महिला अस्तपालों में इन दिनों स्तन कैंसर जागरूकता सप्ताह चलाया जा रहा है. इसमें डॉक्टर्स अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को स्तन कैसर के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इसके निवारण के बारे में भी बता रही हैं.

महिलाओं में बढ़ रहा स्तन कैंसर का खतरा
महिलाओं में बढ़ रहा स्तन कैंसर का खतरा
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Published : Oct 10, 2021, 2:27 PM IST

लखनऊ: तेजी से बदलती जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या के चलते महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. राजधानी के जाने-माने सरकारी महिला अस्पतालों वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल, क्वीन मेरी महिला अस्पताल, वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल और रानी लक्ष्मीबाई महिला अस्पताल में इन दिनों स्तन कैंसर जागरूकता सप्ताह चल रहा है. इन चारों अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित हो रहा है. इसमें महिला रोग विशेषज्ञ, स्तन कैंसर रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर व कर्मचारी अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

डॉक्टरों ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 40 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं. देखा जाए तो यह एक महिलाओं में पाए जाने वाली आम बीमारी हो गई है. केजीएमयू की कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर गीतिका बताती है कि स्तन कैंसर एक आम बीमारी बन चुकी है. प्रदेश के अलग-अलग जिले से महिलाएं इलाज कराने के लिए आती हैं. रोजाना दो से तीन महिलाएं स्तन कैंसर के इलाज के लिए केजीएमयू के सर्जरी विभाग में आती हैं, क्योंकि इसका इलाज केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई में उपलब्ध है.

डॉक्टर गीतिका बताती है कि आज भी महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं देती हैं. घर परिवार के ऊपर ज्यादा ध्यान देती हैं. खुद की परवाह नहीं करती हैं. दिक्कत होने पर भी इग्नोर कर देती हैं. वहीं छोटी सी दिक्कत फिर बड़ी बीमारी बनकर स्तन कैंसर जैसी बीमारी का रूप ले लेती है इसलिए महिलाओं का जागरूक होना बहुत ज्यादा जरूरी है. इसीलिए सभी महिला अस्पतालों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ है, ताकि महिलाएं जागरूक रहें. अगर वह चाहें तो स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण को पहचान सकती हैं. इससे सही समय पर समुचित इलाज से स्तन कैंसर का इलाज संभव हो जाता है.

डॉ. गीतिका बताती हैं कि स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है. आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है.

स्तन कैंसर के कारण

  • समय से पहले पहला मासिक धर्म.
  • देर से रजोनिवृत्ति.
  • गर्भनिरोधक गोली.
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी.
  • पारिवारिक इतिहास.
  • BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन.
  • लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना.

    स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण
  • स्तन गांठ या मस्से
  • पूरी स्तन या किसी हिस्से में सूजन
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है.
  • निप्पल में बदलाव
  • अंडरआर्म में गांठ

    निवारण या उपाय
  • महिलाएं स्वयं बीच-बीच में स्तन परीक्षण करें
  • समय पर समुचित इलाज ही स्तन कैंसर का उपाय है

इसे भी पढ़ें-वाराणसी में शुरू हुआ कैंसर के खिलाफ अभियान, 20 हजार लोगों की होगी जांच

लखनऊ: तेजी से बदलती जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या के चलते महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. राजधानी के जाने-माने सरकारी महिला अस्पतालों वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल, क्वीन मेरी महिला अस्पताल, वीरांगना अवंतीबाई महिला अस्पताल और रानी लक्ष्मीबाई महिला अस्पताल में इन दिनों स्तन कैंसर जागरूकता सप्ताह चल रहा है. इन चारों अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित हो रहा है. इसमें महिला रोग विशेषज्ञ, स्तन कैंसर रोग विशेषज्ञ, डॉक्टर व कर्मचारी अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को स्तन कैंसर के बारे में जानकारी दे रहे हैं.

डॉक्टरों ने बताया कि डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 40 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं. देखा जाए तो यह एक महिलाओं में पाए जाने वाली आम बीमारी हो गई है. केजीएमयू की कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर गीतिका बताती है कि स्तन कैंसर एक आम बीमारी बन चुकी है. प्रदेश के अलग-अलग जिले से महिलाएं इलाज कराने के लिए आती हैं. रोजाना दो से तीन महिलाएं स्तन कैंसर के इलाज के लिए केजीएमयू के सर्जरी विभाग में आती हैं, क्योंकि इसका इलाज केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई में उपलब्ध है.

डॉक्टर गीतिका बताती है कि आज भी महिलाएं अपने ऊपर ध्यान नहीं देती हैं. घर परिवार के ऊपर ज्यादा ध्यान देती हैं. खुद की परवाह नहीं करती हैं. दिक्कत होने पर भी इग्नोर कर देती हैं. वहीं छोटी सी दिक्कत फिर बड़ी बीमारी बनकर स्तन कैंसर जैसी बीमारी का रूप ले लेती है इसलिए महिलाओं का जागरूक होना बहुत ज्यादा जरूरी है. इसीलिए सभी महिला अस्पतालों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ है, ताकि महिलाएं जागरूक रहें. अगर वह चाहें तो स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण को पहचान सकती हैं. इससे सही समय पर समुचित इलाज से स्तन कैंसर का इलाज संभव हो जाता है.

डॉ. गीतिका बताती हैं कि स्तन कैंसर स्तन कोशिकाओं की अनियंत्रित बढ़ोतरी है. आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है.

स्तन कैंसर के कारण

  • समय से पहले पहला मासिक धर्म.
  • देर से रजोनिवृत्ति.
  • गर्भनिरोधक गोली.
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी.
  • पारिवारिक इतिहास.
  • BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन.
  • लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना.

    स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण
  • स्तन गांठ या मस्से
  • पूरी स्तन या किसी हिस्से में सूजन
  • स्तन की त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है.
  • निप्पल में बदलाव
  • अंडरआर्म में गांठ

    निवारण या उपाय
  • महिलाएं स्वयं बीच-बीच में स्तन परीक्षण करें
  • समय पर समुचित इलाज ही स्तन कैंसर का उपाय है

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