लखनऊ: परी लोक की हो या असल जिंदगी की कहानियां, कार्टून, रंगबिरंगी तस्वीरें बच्चों को बहुत लुभा रही हैं. ऐसी अनगिनत पुस्तकों का खजाना बाल संग्रहालय चारबाग में चल रहे 10 दिवसीय पुस्तक मेले में देखने को मिल रहा है. यह पुस्तक मेला 14 मार्च तक चलेगा. आत्मनिर्भर भारत थीम पर आयोजित इस पुस्तक मेले में प्रवेश नि:शुल्क है.
बाल संग्रहालय चारबाग में लखनऊ बुक फेयर-2021
लखनऊ पुस्तक मेले में बच्चों को शिक्षित और प्रेरित वाली कई किताबें आपको मिल जाएंगी. नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर कहानियों में चालाक किसान और चार ठग, जैनेन्द्र कुमार की तीन कहानियां, पांच दोस्त, लाल पतंग और लालू, बोलती डिबिया, रेल चली जैसी किताबें हैं. चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट के स्टाल में शिशुओं से लेकर किशोरावस्था बच्चों के लिए विविध विषयों के संग कविता-कहानियों की बेशुमार किताबें उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि सभी किताबें हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हैं. इनमें स्वच्छता, विज्ञान और पर्यावरण जैसे विषय भी शामिल हैं. प्रकाशन विभाग के स्टाल में सयानी मुनिया, रोबोट की शादी, सात सुरों का मेला, ब्लैक ब्यूटी सांची की गुड़िया, माउण्ट एवरेस्ट की गाथा, बनवासी बच्चे जैसी अनेक किताबें उपलब्ध हैं.
बाल पत्रिकाएं भी है
यहां मासिक बाल पत्रिका बाल भारती का हाल का अंक भी बिक रहा है. प्रकाशन संस्थान दिल्ली के स्टाल पर जातक कथाएं, हितोपदेश, पंचतंत्र, तेनालीराम ओर लोक कथाओं की पुस्तकें हैं. राजकमल के स्टाल पर गोपाल गौड़ की अनोखी दुनिया, मुल्ला नसीरुद्दीन व गोनू झा की अनोखी दुनिया जैसी रोचक बाल किताबें हैं. रीतेश बुक के स्टाल पर कलरिंग और अन्य बालोपयोगी साहित्य है. स्टारडम के स्टाल पर भी बच्चों की किताबें खूब हैं.
विश्वम महोत्सव भी शुरू
संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने बताया कि अनेक गतिविधियों को मेले में शामिल कर इसे विविधता भरा रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. यहां जीतेश श्रीवास्तव के संचालन में एसआरएम पब्लिक स्कूल, नृत्यांगन पर्फामिंग इंस्टीट्यूट के बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किए. इसके अलावा इंटर-कॉलेज पोस्टर प्रतियोगिता, ओपन माइक सत्र, प्रदर्शनी टॉक शो इत्यादि का आयोजन भी किया गया.
लेखक डाॅ. योगेश प्रवीन और रवि भट्ट से हुए पाठक हुए रूबरू
कार्यक्रम में अवध पर सर्वाधिक पुस्तकें लिखने वाले इतिहासकार डॉ. योगेश प्रवीन पुस्तक प्रेमियों से रूबरू हुए. उनके साथ ही अवध के एक और जानकार लेखक रवि भट्ट भी पाठकों की जिज्ञासाओं के बीच मंच पर रहे. इन दोनों ने रोचक ढंग से नवाबों के रहन-सहन और उनकी बनाई इमारतों और संस्कृति के बारे में बताया. कार्यक्रम का संचालन आलोक पराड़कर ने किया. साथ ही लोगों के सवालों के जवाब भी दिए.