लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2023-24 शुरू होने से पहले ही सभी छात्रों को किताबें और कार्य पुस्तकें दे दी जाएंगी. बेसिक शिक्षा परिषद ने इस बार फरवरी में ही विद्यालयों को किताबें भेजनी शुरू कर दी हैं. जिससे अप्रैल से शुरू होने वाले नए सत्र 2023-24 के पहले दिन किताबें सभी बच्चों को मिल जाएं. बीते साल किताबों के वितरण में भारी लापरवाही सामने आयी थी. कई स्कूलों में आधे सत्र के बाद किताबें पहुंचीं थीं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद सभी जिलों में फरवरी तक किताबें पहुंचाने का लक्ष्य है. 28 मार्च तक इन किताबों को विद्यालयों तक पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है. जिससे अप्रैल में जब नया सत्र शुरू हो तो हर बच्चे के हाथ में किताबें हों.
जिला समिति से जांच टीम गठित करा कर किताबें आते ही प्रक्रिया पूरी कराने को कहा है. पाठ पुस्तक अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों के विशेष अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह जिला समिति का जल्द से जल्द गठन करा लें. जैसे ही किताबें जिले में पहुंचें व उनकी प्रूफ्र रिडिंग करवा कर वितरण की पूरी प्रक्रिया में 7 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए. पहले चरण में प्रदेश के 20 जिलों में किताबें भेज दी गई हैं. इन सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इन किताबों की जांच कर वितरण शुरू करने को कहा है. बेसिक शिक्षा विभाग ने किताबें और कार्य पुस्तिकाओं का वितरण शुरू कर दिया है. प्रदेश के सभी बीएसए कार्यालय को एक-एक लाख से अधिक किताबें और कार्य पुस्तिकाएं भेजी जा चुकी हैं. ऐसे में प्राथमिक स्कूलों के नौनिहालों को नए सत्र में किताबों के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. स्कूल खुलने के पहले दिन से बैग में किताबें होंगी. बीएसए ने किताबों के वितरण की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं. खंड शिक्षा अधिकारियों को वितरण सम्बंधी निर्देश जारी किए जा चुके हैं.
लखनऊ को मिली 1.89 लाख किताबें : बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि लखनऊ में कक्षा एक से आठ की कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या करीब दो लाख है. इन्हें करीब 17 लाख किताबें एवं कार्य पुस्तिकाएं वितरित की जानी हैं. अप्रैल से शुरू होने वाले सत्र के लिए विभाग की ओर से 1.89 लाख किताबें मिल गई हैं. इनमें वाटिका, फुलवारी, इंग्लिश रीडर, हमारा इतिहास नागरिक जीवन, भारत की महान विभूतियां, गणित ज्ञान समेत दूसरी किताबें शामिल हैं.