लखनऊ : बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय में खेलो इंडिया के तहत रग्बी ट्रॉफी का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे. बता दें कि अभिनेता भारतीय रग्बी फुटबॉल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी हैं. बॉलीवुड अभिनेता राहुल बोस ने अपनी दमदार अदाकारी के बल पर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है. 27 जुलाई 1967 को जन्मे राहुल बोस आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. छह साल की उम्र से ही अपने स्कूल के नाटकों में भाग लेने वाले राहुल एक बेहतरीन अभिनेता ही नहीं एक शानदार खिलाड़ी भी हैं. राहुल बोस ने दस साल से ज्यादा समय तक प्रोफेशनल रग्बी खेला है और उन्होंने मंसूर अली खान पटौदी से क्रिकेट के गुर सीखे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अभिनेता राहुल ने कहा कि 'राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय से उनकी मां ने मास्टर की डिग्री हासिल की थी. मां ने कई बार लखनऊ से जुड़े किस्से भी सुनाये. फिलहाल अभी कोई किस्सा याद नहीं आ रहा है, लेकिन हां यह जरूर कहना चाहूंगा कि लखनऊ से मेरा गहरा नाता है. मैं बचपन में यहां आया जाया करता था. लखनऊ की तहजीब और जायका का कोई जवाब नहीं है. विश्व भर में लखनऊ की तहजीब प्रख्यात है अगर लखनऊ के बारे में कोई लिखना शुरू करेगा तो तीन-चार किताबें लिख डालेगा.'
बंगाली फिल्मों के अलावा बॉलीवुड में भी किया काम : अभिनेता राहुल बोस ने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के अलावा बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी बेहतरीन काम किया है. 1987 में जब राहुल बोस की मां का निधन हुआ तो उसके बाद वह एक कॉपी राइटर की नौकरी करने लगे थे, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी और फिल्मों में काम करने लगे. राहुल एक अभिनेता होने के साथ स्क्रिप्ट राइटर और निर्देशक भी हैं. 1988 में 'द परफेक्ट मर्डर' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले राहुल ने अभी तक कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया. उन्होंने बॉलीवुड के साथ-साथ बंगाली सिनेमा में भी अपना नाम कमाया है, जहां उन्हें दर्शक खूब पसंद करते हैं.
मिल चुका ये सम्मान : अभिनेता राहुल बोस को अमेरिकी पत्रिका टाइम ने 'द सुपरस्टार ऑफ इंडियन आर्ट हाउस सिनेमा' करार दिया था. उन्हें यह खिताब 'इंग्लिश', 'अगस्त' और 'मिस्टर एंड मिसेज अय्यर' जैसी फिल्में में काम करने की वजह से मिला था. इसके साथ ही मैक्सिम ने उन्हें 'द सीन पेन्न ऑफ ओरिएंटल सिनेमा' बताया था. राहुल ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, जिनमें 'झंकार बीट्स', 'प्यार के साइड इफेक्ट्स', 'मान गए मुगल ए आजम', 'चमेली', 'शौर्या' और 'दिल धड़कने दो' शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने 'पूर्णा : करेज हैज नो लिमिट' का निर्देशन करने के साथ ही उसे प्रोड्यूस भी किया था.
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