लखनऊः प्रदूषण से लाखों बीमारियां फैलती हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि इसे फैला कौन रहा है, जिसका उत्तर है हम और आप जैसे लोग इसे फैला रहे हैं. इसी वजह से तापमान में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. तापमान बढ़ने की वजह से बिजली की खपत भी ज्यादा बड़ी है. एक चैन की तरह दुनिया में सभी चीजें एक दूसरी चीज से जुड़ी हुई है. ये बातें बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कही. ब्लू प्लेनेट संस्था की ओर से कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी ड्राइव (साइकिलिंग) का आयोजन हुआ.
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रोग्राम से निकल के आप सभी को आज से ही इस मुहिम को अपने जिंदगी में अपनाना है और लखनऊ को प्लास्टिक मुक्त बनाना है. कोशिश करना चाहिए कि कूड़े में प्लास्टिक न जाने पाये. इस मुहिम को एक आंदोलन की तरह चलाना है. आंदोलन का असर ज्यादा होता है. इसके द्वारा अगर हमारे बच्चों को फर्नीचर मिल रहा है, तो ये मुहिम काफी अच्छी है. इससे हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर मिलेगा और इसके साथ ही हमारा पर्यावरण स्वच्छ और सुंदर रहेगा. हर क्षेत्र के पार्षद को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्र के प्रिंसिपल और डायरेक्टर को इस मुहिम के बारे में बतायें.
इस मौके पर मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि समाज के लिए ये बेहद जरुरी चीज है कि वो आपको किस तरह से रीसाइकिल से जाये. आज हमें इस विषय के बारे में गंभीरता से सोचना होगा. आज हमारा समाज इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचने के लिए विचार करे और यहां पर सभी आला अधिकारी और मंत्री मौजूद हैं. ड्राइव को सफल बनाने के लिए अपने घर से इसकी शुरुआत होनी चाहिए. हमें अपने घर में दो डस्टबिन रखना होगा. एक में सूखा और एक में गीला कूड़ा रखना होगा. ताकि कूड़े का निस्तारण किया जा सके.
इस दौरान नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि ब्लू प्लेनेट संस्था ने एक अच्छे विजन से कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी ड्राइव की शुरुआत की है. इसे हम सभी को मिलकर सफल बनाना है. प्लास्टिक बैन है, बावजूद इसके लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं और साथ ही में जितने भी खाने-पीने की सामग्री आती है वो प्लास्टिक में होती है, जैसे बिस्किट, नमकीन, दूध का रैपर प्लास्टिक में ही होता है. जो हमारे एनवायरनमेंट को काफी ज्यादा दूषित करता है. क्यों कि यह प्लास्टिक न तो पूरी तरह से जल पाती हैं और न ही इतनी सारी प्लास्टिक को मिट्टी में दबाया जा सकता है. इसलिए नगर निगम की ओर से डोर टू डोर कूड़ा उठाने की पद्धति चल रही है.
ऐसे में बस लोगों को केवल जागरूक रहना है. वह सिर्फ एक काम करें कि सूखा कूड़ा एक ओर रखें वहीं दूसरी ओर गीला कूड़ा रखें. खुले में प्लास्टिक न फेंके. जब दोनों कूड़े अलग-अलग रहेंगे तो इन्हें बहुत आसानी से रीसाइक्लिंग किया जा सकेगा. इसलिए जरूरी है कि अभी से हम सभी को अवेयर होना है न सिर्फ अपने घर में बल्कि आस पड़ोस में भी लोगों को समझाना है कि दोनों कूड़े को अलग रखें और कूड़ा उठाने वाला जो आए उसे दें.
ब्लू प्लेनेट संस्था के सीईओ हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि ब्लू प्लेनेट एनवायरनमेंटल सोल्यूशन एक सिंगापुर की कंपनी हैं. कंपनी का एक इनीशिएटिव है ब्लू नज. ब्लू नज का मतलब होता है की स्कूली बच्चों को प्लास्टिक से होने वाले सभी नुकसान के बारें में बताया जाएं. ताकि यह बच्चे अपने घरों में जाकर अपने घरवालों को टोकेंगे. हम भी स्कूल को इसलिए टारगेट किया है क्योंकि स्कूल एक केंद्र है, जहां छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं.
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वहीं अगर केंद्र में छोटे बच्चों को समझाया और बताया जाए तो वह आसानी से समझते हैं. इसके साथ ही वो समझने के बाद अपने घर में जाकर पैरेंट्स को भी प्लास्टिक इस्तेमाल करने से रोकते हैं. इसी के साथ बच्चे फोकस करते हैं. हम स्कूलों में जाकर बच्चों को समझाएंगे कि किस तरह से प्लास्टिक का रीसाइकिलिंग किया जाएगा. रीसाइक्लिंग के द्वारा जो भी मटेरियल निकलेगा उसका बच्चों के लिए फर्नीचर बनाया जाएगा. हम ज्यादा से ज्यादा स्कूल जाएंगे. हमारी टीम अधिक से अधिक बच्चों को कूड़े के निस्तारण के बारे में समझाएंगे और बताएंगे.
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