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फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे दिव्यांग की गुहार, हमें घर पहुंचा दो सरकार

लखनऊ के सिविल अस्पताल पर फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे शख्स की आपबीती सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. रविंद्र सिंह मुंबई अपने परिवार के पास जा रहा थे. इसी दौरान उनका सामान लखनऊ में चोरी हो गया, जिसके बाद से वह लखनऊ में ही दर-दर भटकने को मजबूर हैं. रविंद्र सिंह दोनों ही आंखों से देख नहीं सकते. वह लोगों से अपील कर रहे हैं कि किसी तरह से उनको उनके परिवार से मिला दिया जाए.

रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे
रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे
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Published : Dec 16, 2020, 4:36 AM IST

Updated : Dec 16, 2020, 2:20 PM IST

लखनऊ: अपने परिवार से ना मिल पाने का दर्द क्या होता है यह हर व्यक्ति ना तो समझ सकता है ना ही महसूस नहीं कर सकता है. राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में 45 दिनों से मदद की आस लगाए भटक रहे रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे. ईटीवी भारत की टीम ने जब रविंद्र सिंह से बात किया तो उन्होंने बताया कि वह काफी समय से भूखे हैं यह सुनकर ईटीवी भारत की लखनऊ टीम ने सबसे पहले तो उन्हें खाना खिलाया फिर उनकी पूरी दास्तां सुनी.

रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे
दरअसल, रविंद्र सिंह दोनों ही आंखों से देख नहीं सकते और पिछले कई सालों से वह अपने परिवार संग मुंबई में रह रहे हैं. जून में वह अपने पैतृक आवास फैजाबाद आए थे. लगभग 45 दिन पहले वह फैजाबाद से वापस अपने परिवार के पास मुंबई जा रहे थे. इस दौरान उनका सामान लखनऊ में चोरी हो गया. रविंद्र सिंह ने बताया कि वह जीआरपी के पास भी गए, लेकिन उनकी एक भी ना सुनी गई, जिसके बाद किसी ने उन्हें यह बताया कि वह सिविल अस्पताल चले जाएं जहां उनकी शायद मदद हो जाएगी. लोगों की मदद से किसी तरह वह सिविल अस्पताल पहुंच गए, जहां उन्होंने 45 दिन गुजारे हैं. रविंद्र सिंह ने कहा कि 25 दिनों तक उन्होंने सिर्फ एक समय का खाना खाया और पिछले 20 दिनों से वह भूखे हैं. उन्हें एक निवाला रोटी का भी नहीं मिल पाया है. पानी पी कर वह अपना गुजारा कर रहे हैं.

भोजन के लिए दूसरों पर हैं आश्रित

फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे शख्स रविंद्र सिंह ने डबल ग्रेजुएशन और डबल पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने बताया कि वह मुंबई में अपने परिवार संग रहते हैं, जिसमें उनकी बीवी और दो बच्चे हैं. रविंद्र सिंह ने बताया कि उनका सारा सामान चोरी हो गया और घर में किसी का भी मोबाइल नंबर उन्हें याद नहीं, जिससे वह अपनों से संपर्क कर सकें. वह लगातार अस्पताल में आ रहे हैं और लोगों से यह अपील करते रहते हैं कि उन्हें उनके परिवार से मिला दिया जाए. वह भोजन के लिए भी दूसरों पर आश्रित हैं. रविंद्र सिंह ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द उनके परिवार से मिला दिया जाए.

जहां एक और रविंद्र सिंह की कहानी सुन हम हैरान रह गए वहीं दूसरी ओर रविंद्र सिंह के परिवार से उन्हें मिलाने के लिए ईटीवी भारत ने एक मुहिम भी शुरू की. ईटीवी भारत लोगों से अपील करता है कि रविंद्र सिंह को उनके परिवार से मिलाने में मदद करें.

लखनऊ: अपने परिवार से ना मिल पाने का दर्द क्या होता है यह हर व्यक्ति ना तो समझ सकता है ना ही महसूस नहीं कर सकता है. राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में 45 दिनों से मदद की आस लगाए भटक रहे रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे. ईटीवी भारत की टीम ने जब रविंद्र सिंह से बात किया तो उन्होंने बताया कि वह काफी समय से भूखे हैं यह सुनकर ईटीवी भारत की लखनऊ टीम ने सबसे पहले तो उन्हें खाना खिलाया फिर उनकी पूरी दास्तां सुनी.

रविंद्र सिंह की कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे
दरअसल, रविंद्र सिंह दोनों ही आंखों से देख नहीं सकते और पिछले कई सालों से वह अपने परिवार संग मुंबई में रह रहे हैं. जून में वह अपने पैतृक आवास फैजाबाद आए थे. लगभग 45 दिन पहले वह फैजाबाद से वापस अपने परिवार के पास मुंबई जा रहे थे. इस दौरान उनका सामान लखनऊ में चोरी हो गया. रविंद्र सिंह ने बताया कि वह जीआरपी के पास भी गए, लेकिन उनकी एक भी ना सुनी गई, जिसके बाद किसी ने उन्हें यह बताया कि वह सिविल अस्पताल चले जाएं जहां उनकी शायद मदद हो जाएगी. लोगों की मदद से किसी तरह वह सिविल अस्पताल पहुंच गए, जहां उन्होंने 45 दिन गुजारे हैं. रविंद्र सिंह ने कहा कि 25 दिनों तक उन्होंने सिर्फ एक समय का खाना खाया और पिछले 20 दिनों से वह भूखे हैं. उन्हें एक निवाला रोटी का भी नहीं मिल पाया है. पानी पी कर वह अपना गुजारा कर रहे हैं.

भोजन के लिए दूसरों पर हैं आश्रित

फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे शख्स रविंद्र सिंह ने डबल ग्रेजुएशन और डबल पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने बताया कि वह मुंबई में अपने परिवार संग रहते हैं, जिसमें उनकी बीवी और दो बच्चे हैं. रविंद्र सिंह ने बताया कि उनका सारा सामान चोरी हो गया और घर में किसी का भी मोबाइल नंबर उन्हें याद नहीं, जिससे वह अपनों से संपर्क कर सकें. वह लगातार अस्पताल में आ रहे हैं और लोगों से यह अपील करते रहते हैं कि उन्हें उनके परिवार से मिला दिया जाए. वह भोजन के लिए भी दूसरों पर आश्रित हैं. रविंद्र सिंह ने ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों से अपील की है कि उन्हें जल्द से जल्द उनके परिवार से मिला दिया जाए.

जहां एक और रविंद्र सिंह की कहानी सुन हम हैरान रह गए वहीं दूसरी ओर रविंद्र सिंह के परिवार से उन्हें मिलाने के लिए ईटीवी भारत ने एक मुहिम भी शुरू की. ईटीवी भारत लोगों से अपील करता है कि रविंद्र सिंह को उनके परिवार से मिलाने में मदद करें.

Last Updated : Dec 16, 2020, 2:20 PM IST
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