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अब 'आगरा मॉडल' से यूपी के 16 शहरों में पकड़े जाएंगे ब्लैक लिस्टेड वाहन, टैक्स डिफॉल्टर

यूपी की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 16 शहरों में परिवहन विभाग इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(ITMS) लागू करने की तैयारी में है. इस सिस्टम के क्रियान्यवयन को समझने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी आगरा जाएंगे.

प्रदेश के 16 शहरों में लागू होगा इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
प्रदेश के 16 शहरों में लागू होगा इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
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Published : Jun 21, 2022, 7:07 PM IST

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 16 शहरों में अब 'आगरा मॉडल' से परिवहन विभाग टैक्स डिफॉल्टर और ब्लैक लिस्टेड वाहनों को पकड़ेगा. इसके अलावा परिवहन विभाग एक शहर से एनओसी लेकर दूसरे शहर में संचालित होने वाले वाहनों को पकड़ सकेगा. इस प्रणाली के क्रियान्यवयन के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी आगरा में आईटीएमएस(ITMS) का अध्ययन करने भेजे जाएंगे. हाल ही में मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में आगरा के कमिश्नर की तरफ से एक प्रेजेंटेशन दिया गया था. जिसमें आईटीएमएस के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट, चोरी के वाहनों को पकड़ना, अवैध तरीके से दौड़ रहे वाहनों को पकड़ना व टैक्स के बकाएदार वाहनों को पकड़ने का सिस्टम दर्शाया गया था. अब आगरा में संचालित हो रहे इस मॉडल को लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में लागू किया जाएगा.

बता दें कि इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्रदेश में लखनऊ-आगरा सहित 16 जिलों में लागू है. इसलिए इन शहरों में इसी व्यवस्था के सहारे वाहनों की धरपकड़ की जाएगी. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के मुताबिक इस योजना का लाभ परिवहन विभाग को मिलेगा. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वीके सोनकिया का कहना है कि मानव संपदा कम है. अब मशीनरी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस तरह के वाहनों को पकड़ना आसान होगा.

प्रदेश के 16 शहरों में लागू होगा इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर(प्रवर्तन) वीके सोनकिया बताते हैं कि ऐसे वाहनों के तमाम प्रकरण परिवहन विभाग के पास हैं, जो कोरोना काल के दौरान किसी जिले के आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेकर दूसरे शहर में अपने वाहन संचालित कर रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को नुकसान हो रहा है. वजह है कि जिस जिले से वाहन स्वामी एनओसी लेकर आया और जिस जिले के आरटीओ कार्यालय में उस वाहन को दर्ज होना है. बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर ऐसे वाहन संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा हजारों की संख्या में प्रदेश भर में ऐसे भी वाहन सड़कों पर हैं जिन पर टैक्स बकाया है. विभाग की तरफ से कई बार इन वाहन स्वामियों को नोटिस भी भेजा गया. चेकिंग के दौरान कई वाहन पकड़ में भी आ जाते हैं, लेकिन ज्यादातर वाहनों को पकड़ पाना संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आईटीएमएस इस तरह के वाहनों की धरपकड़ करने में मददगार साबित होगा.

परिवहन विभाग उपलब्ध कराएगा डाटा : परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ऐसे वाहनों का डाटा परिवहन विभाग की तरफ से इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को उपलब्ध कराया जाएगा. वाहनों के नंबर इस सिस्टम पर फीड हो जाएंगे. इसके बाद शहर की किसी भी सड़क से उस नंबर का वाहन गुजरेगा, वैसे ही कैमरे की जद में आ जाएगा. कैमरे से फोटो क्लिक होने के बाद ऐसे वाहनों पर चालान की कार्रवाई होगी. साथ ही ऐसे वाहनों को सील कर दिया जाएगा. टैक्स के बकाए वाले वाहनों से राजस्व की वसूली भी संभव हो पाएगी. इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शहर भर में हाई रेंज के कैमरे लगाए गए हैं. जिनसे वाहनों का बच पाना मुश्किल होगा. ई-चालान कैमरे में फोटो क्लिक होते ही हो जाएगा. इसके बाद विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई करेगा.

इन शहरों में है आईटीएमएस की व्यवस्था : वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, गोरखपुर में आईटीएमएस प्रणाली लागू है.
क्या कहते हैं अधिकारी : एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वीके सोनकिया ने बताया कि मुख्य सचिव के समक्ष कमिश्नर आगरा ने एक प्रेजेंटेशन दिया था. जिसमें आईटीएमएस के बारे में बताया था कि किस तरह से आईटीएमएस की व्यवस्था के जरिए उन्होंने वहां ट्रैफिक मैनेजमेंट को संभाला है. इसके बाद यह तय हुआ कि इस व्यवस्था को अन्य जगहों पर भी प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इस आगरा मॉडल का अध्ययन किया जाए.

परिवहन आयुक्त कार्यालय से आरटीओ रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस काम के लिए नियुक्त किया गया है, वह आगरा जा रहे हैं. आरटीओ आगरा के सहयोग से इस पूरे सिस्टम की स्टडी करेंगे. इसके बाद अपनी रिपोर्ट देंगे. पूरे प्रदेश के 16 जगहों पर आईटीएमएस प्रणाली संचालित है. कहीं-कहीं उससे E-challan जनरेट होने शुरू हो गए हैं. कुछ स्थानों पर अभी इस प्रणाली को लागू करने का प्रोसेस चल रहा है. जल्द ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

आईटीएमएस के जरिए ओवर स्पीडिंग के चालान आगरा एक्सप्रेस वे पर किए जा रहे हैं. इसका एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि हमारे पास मैनपावर कम है, तो मैन पावर की कमी के बावजूद टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसे वाहनों को पकड़ सकेंगे. आईटीएमएस का जो नियंत्रण कक्ष है, वहां हमें उन गाड़ियों का डाटा अपलोड कराना होगा. जिन्हें हम समझते हैं कि यह टैक्स के डिफाल्टर हैं ब्लैकलिस्टेड हैं, बिना फिटनेस ही चल रहे हैं या जिनका परमिट खत्म है. नियमों का उल्लंघन कर रहे सभी वाहनों का डाटा अपलोड किया जाएगा. जब भी ऐसे वाहन कैमरे के सामने से गुजरेंगे, तो कैमरा उनको पकड़ लेगा और पकड़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस को सूचना भेज देगा. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस चालान कर देगी.

इसे पढ़ें- अलीगढ़ में बुलडोजर के साथ फ्लैग मार्च पर विपक्ष का वार, सरकार दहशत फैला रही है

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ समेत 16 शहरों में अब 'आगरा मॉडल' से परिवहन विभाग टैक्स डिफॉल्टर और ब्लैक लिस्टेड वाहनों को पकड़ेगा. इसके अलावा परिवहन विभाग एक शहर से एनओसी लेकर दूसरे शहर में संचालित होने वाले वाहनों को पकड़ सकेगा. इस प्रणाली के क्रियान्यवयन के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी आगरा में आईटीएमएस(ITMS) का अध्ययन करने भेजे जाएंगे. हाल ही में मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में आगरा के कमिश्नर की तरफ से एक प्रेजेंटेशन दिया गया था. जिसमें आईटीएमएस के जरिए ट्रैफिक मैनेजमेंट, चोरी के वाहनों को पकड़ना, अवैध तरीके से दौड़ रहे वाहनों को पकड़ना व टैक्स के बकाएदार वाहनों को पकड़ने का सिस्टम दर्शाया गया था. अब आगरा में संचालित हो रहे इस मॉडल को लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में लागू किया जाएगा.

बता दें कि इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्रदेश में लखनऊ-आगरा सहित 16 जिलों में लागू है. इसलिए इन शहरों में इसी व्यवस्था के सहारे वाहनों की धरपकड़ की जाएगी. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के मुताबिक इस योजना का लाभ परिवहन विभाग को मिलेगा. एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वीके सोनकिया का कहना है कि मानव संपदा कम है. अब मशीनरी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इस तरह के वाहनों को पकड़ना आसान होगा.

प्रदेश के 16 शहरों में लागू होगा इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर(प्रवर्तन) वीके सोनकिया बताते हैं कि ऐसे वाहनों के तमाम प्रकरण परिवहन विभाग के पास हैं, जो कोरोना काल के दौरान किसी जिले के आरटीओ कार्यालय से एनओसी लेकर दूसरे शहर में अपने वाहन संचालित कर रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को नुकसान हो रहा है. वजह है कि जिस जिले से वाहन स्वामी एनओसी लेकर आया और जिस जिले के आरटीओ कार्यालय में उस वाहन को दर्ज होना है. बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर ऐसे वाहन संचालित हो रहे हैं. इसके अलावा हजारों की संख्या में प्रदेश भर में ऐसे भी वाहन सड़कों पर हैं जिन पर टैक्स बकाया है. विभाग की तरफ से कई बार इन वाहन स्वामियों को नोटिस भी भेजा गया. चेकिंग के दौरान कई वाहन पकड़ में भी आ जाते हैं, लेकिन ज्यादातर वाहनों को पकड़ पाना संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में आईटीएमएस इस तरह के वाहनों की धरपकड़ करने में मददगार साबित होगा.

परिवहन विभाग उपलब्ध कराएगा डाटा : परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ऐसे वाहनों का डाटा परिवहन विभाग की तरफ से इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को उपलब्ध कराया जाएगा. वाहनों के नंबर इस सिस्टम पर फीड हो जाएंगे. इसके बाद शहर की किसी भी सड़क से उस नंबर का वाहन गुजरेगा, वैसे ही कैमरे की जद में आ जाएगा. कैमरे से फोटो क्लिक होने के बाद ऐसे वाहनों पर चालान की कार्रवाई होगी. साथ ही ऐसे वाहनों को सील कर दिया जाएगा. टैक्स के बकाए वाले वाहनों से राजस्व की वसूली भी संभव हो पाएगी. इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत शहर भर में हाई रेंज के कैमरे लगाए गए हैं. जिनसे वाहनों का बच पाना मुश्किल होगा. ई-चालान कैमरे में फोटो क्लिक होते ही हो जाएगा. इसके बाद विभाग अपनी तरफ से कार्रवाई करेगा.

इन शहरों में है आईटीएमएस की व्यवस्था : वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी, बरेली, सहारनपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, गोरखपुर में आईटीएमएस प्रणाली लागू है.
क्या कहते हैं अधिकारी : एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर वीके सोनकिया ने बताया कि मुख्य सचिव के समक्ष कमिश्नर आगरा ने एक प्रेजेंटेशन दिया था. जिसमें आईटीएमएस के बारे में बताया था कि किस तरह से आईटीएमएस की व्यवस्था के जरिए उन्होंने वहां ट्रैफिक मैनेजमेंट को संभाला है. इसके बाद यह तय हुआ कि इस व्यवस्था को अन्य जगहों पर भी प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए इस आगरा मॉडल का अध्ययन किया जाए.

परिवहन आयुक्त कार्यालय से आरटीओ रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस काम के लिए नियुक्त किया गया है, वह आगरा जा रहे हैं. आरटीओ आगरा के सहयोग से इस पूरे सिस्टम की स्टडी करेंगे. इसके बाद अपनी रिपोर्ट देंगे. पूरे प्रदेश के 16 जगहों पर आईटीएमएस प्रणाली संचालित है. कहीं-कहीं उससे E-challan जनरेट होने शुरू हो गए हैं. कुछ स्थानों पर अभी इस प्रणाली को लागू करने का प्रोसेस चल रहा है. जल्द ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी.

आईटीएमएस के जरिए ओवर स्पीडिंग के चालान आगरा एक्सप्रेस वे पर किए जा रहे हैं. इसका एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि हमारे पास मैनपावर कम है, तो मैन पावर की कमी के बावजूद टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसे वाहनों को पकड़ सकेंगे. आईटीएमएस का जो नियंत्रण कक्ष है, वहां हमें उन गाड़ियों का डाटा अपलोड कराना होगा. जिन्हें हम समझते हैं कि यह टैक्स के डिफाल्टर हैं ब्लैकलिस्टेड हैं, बिना फिटनेस ही चल रहे हैं या जिनका परमिट खत्म है. नियमों का उल्लंघन कर रहे सभी वाहनों का डाटा अपलोड किया जाएगा. जब भी ऐसे वाहन कैमरे के सामने से गुजरेंगे, तो कैमरा उनको पकड़ लेगा और पकड़ने के बाद ट्रैफिक पुलिस को सूचना भेज देगा. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस चालान कर देगी.

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