लखनऊ: रूपकृति ओपन आर्ट स्पेस के तत्वावधान में युवा छायाचित्रकार जलज यादव की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय शिविर और प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. टैगोर मार्ग स्थित वास्तुकला एवं योजना संकाय में विशेष कला प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ. प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्राचार्य एवं अधिष्ठाता वास्तुकला कला संकाय डॉ वंदना सहगल, रंगमंच एवं फिल्म अभिनेता नरेन्द्र पंजवानी एवं पूर्व न्यायाधीश राकेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
प्रदर्शनी में हुआ बांसुरी वादन
इस अवसर पर छात्र, कलाकार एवं कलाप्रेमी उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत युवा बांसुरी वादक मुकेश मधुर के राग दुर्गा में अलाप एवं बंदिश से हुई. इस दौरान गिरीश पांडेय के शीर्षक 'जलज के रंग' काव्यपाठ से किया गया.
कलाकारों का हुआ सम्मान
इस अवसर पर प्रतीक चिन्ह,अंगवस्त्र ओढ़ाकर कलाकारों काे सम्मानित भी किया गया.
प्रदर्शनी के क्यूरेटर भूपेन्द्र अस्थाना ने बताया कि दो दिवसीय कला शिविर में उत्तर प्रदेश से आठ प्रतिभागी व अन्य प्रदेशों से 7 आमंत्रित युवा कलाकारों ने भाग लिया. कलाकारों ने दो-दो स्वेत श्याम कलाकृतियां सृजित कीं. प्रतिभागी कलाकारों में उत्तर प्रदेश से अभिषेक पाल, ऋषभ राज, अक्षय, शिवम शुक्ला, आरती सिंह, शिवम केसरी, अनस सुल्तान, नौसीन जेहरा हैं. वहीं आमंत्रित कलाकारों में गोपाल सामंत्री, राम डोंगरे, सुनील यादव, रत्नप्रिया कांत, अंशु पंचोली, अम्बरीष मिश्रा, संजय बनौदा हैं.
रूपकृति का बताया उद्देश्य
कार्यक्रम के अंत में प्रदर्शनी के संयोजक चित्रकार धीरज यादव ने रूपकृति के उद्देश्यों को विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि रूपकृति ओपेन आर्ट स्पेस की स्थापना स्व. युवा छाया चित्रकार जलज यादव की ही स्मृति में की जा रही है. जलज एक युवा सोच के एक कुशल कलाकार थे. रूपकृति ओपेन आर्ट स्पेस की स्थापना लोककला, आधुनिक कला एवं समकालीन कला और कलाकारों के प्रोत्साहन हेतु किया गया है .