लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना कम होती जा रही हैं. धनतेरस का दिन बीत चुका है. हालांकि इस संबंध में कोई भी सूचना सरकार या पार्टी की ओर से जारी नहीं की गई है. ऐसे में संभव है कि हाल फिलहाल किसी भी तरह का मंत्रिमंडल विस्तार उत्तर प्रदेश में नहीं होगा. पार्टी के अंदर से जो बातें निकाल कर सामने आ रही हैं उसमें माना जा रहा है कि दारा सिंह चौहान को लेकर मतभेद बहुत अधिक है. इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हरी झंडी नहीं दी जा सकी है. फिलहाल इंतजार पांच राज्यों में हो रहे चुनाव और उनके परिणामों को लेकर भी है. या तो विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार होगा वरना एक संभावना यह भी है कि सीधे लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार हो. जिसमें न केवल कुछ नए मंत्री बनेंगे बल्कि जो उत्तर प्रदेश के वर्तमान मंत्री लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. उनकी जगह भी नए लोगों को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा उस समय बहुत तेज हो गई जब एक रोज पहले शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अचानक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की थी. माना जा रहा था कि राजभवन को जानकारी देकर बहुत जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. जिसमें मुख्य रूप से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान और रामपुर से विधायक आकाश सक्सेना का नाम सामने आ रहा था. माना जा रहा था कि धनतेरस का दिन मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुफीद माना गया है और उसी दिन राज भवन में शपथ ग्रहण समारोह हो जाएगा. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हो सका और आखिरकार अब यह माना जा रहा है कि विस्तार को फिलहाल टाला गया है.
दारा सिंह चौहान को लेकर जबरदस्त मतभेद : योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार 2017 से 2022 के बीच में थी. जिसमें दारा सिंह चौहान मंत्री थे. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामा और घोसी विधानसभा सीट से चुनाव जीत भी मगर वह जीत के करीब डेढ़ साल बाद वापस भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और इससे पहले उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया था.इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें दारा सिंह चौहान हार गए. इसके बावजूद भी मंत्री बनने पर अड़े हुए हैं और पार्टी में इसको लेकर जबरदस्त मतभेद है. चुनाव से पहले पार्टी छोड़े जाने को लेकर अब तकउनके प्रति विश्वास नहीं बन सका है.यह भी बड़ी वजह है कि दारा सिंह चौहान को मंत्री नहीं बनाया जा रहा.
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