लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की एक विधानसभा सीट ऐसी भी है. जहां साल 1991 से भाजपा का कमल खिला हुआ है. वो लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट है. बीजेपी के भगवती शुक्ला ने इस सीट से जीत का जो सिलसिला शुरू किया था वो 2017 तक बना हुआ है. इस सीट पर आज तक समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने जीत हासिल नहीं की है. ऐसे में लोगों का कहना है कि क्या फिर से 2022 में भारतीय जनता पार्टी लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर पाएगी या नहीं?
राजनीतिक इतिहास
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट पर सबसे पहले कांग्रेस के चंद्र भानु गुप्ता विधायक बने थे. 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के त्रिलोकी सिंह, 1962 में कांग्रेस के किशोरी लाल अग्रवाल, 1967 में जनसंघ के आरएस कपूर, 1970 से 1985 तक कांग्रेस के स्वरूप कुमार बख्शी, 1989 में जनता दल के रविदास मल्होत्रा जबकि 1991 में सत्ता पलटी और फिर बीजेपी के भगवती शुक्ला विधायक बने. वहीं, 1996 से 2002 तक में बीजेपी के विद्या सागर गुप्ता इस सीट से विधायक रहे. जबकि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कलराज मिश्रा विधायक निर्वाचित हुए.
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2017 का रण
2017 के चुनाव में भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता दिवंगत लाल जी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन को चुनावी मैदान उतारा था. उन्होंने कांग्रेस के अनुराग सिंह भदौरिया को 79, 230 वोटों से हराया था. जबकि राष्ट्रीय लोक दल से रोहित और बसपा से सरोज कुमार शुक्ला मैदान में थे.
2022 का टिकट
वहीं, यूपी विधानसभा चुनावों में चौथे चरण का मतदान बुधवार को होना है और एक बार फिर से बीजेपी ने आशुतोष टंडन पर अपना भरोसा जताया है. जबकि कांग्रेस से पंकज तिवारी, सपा से अनुराग भदौरिया व बसपा से आशीष कुमार सिन्हा चुनावी मैदान में है. जबकि इस बार सबकी निगाहें बीजेपी पर है, कि क्या एक बार फिर से भाजपा लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर पाती है या नहीं?
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