लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly election 2022) से पूर्व भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) एक बार फिर नए कार्यकर्ता बनाने का अभियान शुरू करना चाह रही है. इस अभियान के तहत पार्टी अगले महीने के अंत तक डेढ़ करोड़ नए कार्यकर्ताओं को पार्टी से जोड़ना चाह रही है. हर सदस्य के परिवार से तीन-तीन वोट लेने का भाजपा का लक्ष्य है. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव (2017 assembly election) में भाजपा को तीन करोड़ 44 लाख वोट मिले थे. अगर, भाजपा का नया प्लान सफल हुआ तो पार्टी को साढ़े चार करोड़ से अधिक वोट मिल सकते हैं. इस आधार पर भाजपा ने जीत का गणित तैयार किया है.
ये थे 2017 में वोटिंग के आंकड़े
2017 के विधानसभा चुनाव में करीब 7.70 करोड़ पुरुष, 6.30 करोड़ महिलाएं और 6983 थर्ड जेंडर मतदाता थे. वोटरों की कुल संख्या 14.05 करोड़ थी, जबकि कुल 8 करोड़, 67 लाख, 28 हजार, 324 वोट डाले गए थे. भाजपा को इसमें तीन करोड़ 44 लाख तीन हजार 39 वोट मिले थे. विपक्षी समाजवादी पार्टी को करीब 1 करोड़ 90 लाख और बसपा को 1 करोड़ 80 लाख वोट मिले थे.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह ने कहा कि भाजपा ने पहले भी सदस्यता अभियान चलाया था. जिसमें हम भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बना चुके हैं. हमारा सदस्यता अभियान फिर से शुरू हो रहा है. हम दोबारा रिकार्ड बनाएंगे.
ये होते हैं पन्ना प्रमुख
पन्ना मतलब पेज यानी वोटर लिस्ट का एक पेज, जिसके लिए बीजेपी पन्ना प्रमुख (bjp panna pramukhs) बनाती है. हर राज्य में वोटर लिस्ट के हर पेज के लिए बीजेपी का एक कार्यकर्ता पन्ना प्रमुख होता है. एक पन्ने में करीब 30 वोटर्स के नाम होते हैं. पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी अपने पन्ने में दर्ज वोटर्स से संपर्क करने की होती है. वह यह सुनिश्चित करते हैं कि ये सभी वोटर्स पोलिंग के दिन वोट डालने पोलिंग बूथ जाएं.
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साथ ही इनसे संपर्क कर इन्हें बीजेपी का पक्ष बताने और बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए मनाने की जिम्मेदारी भी पन्ना प्रमुख की होती है. पोलिंग वाले दिन भी बीजेपी हर पन्ना प्रमुख से चेक करती रहती है कि उनकी जिम्मेदारी वाले पन्ने से कितने लोग वोट डालने गए. पोलिंग के दिन सुबह से ही पन्ना प्रमुखों का काम होता है कि वह फोन कर या किसी और माध्यम से अपने पन्ने के वोटर्स को याद दिलाएं कि उन्हें वोट करने जाना है.