लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों की तरफ से जातीय गठजोड़ दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. सपा-बसपा की तरफ से ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन किए जा रहे हैं, तो अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी 5 से 20 सितंबर तक प्रबुद्ध सम्मेलन करने का बड़ा फैसला किया है. विधानसभा चुनाव से पहले हर स्तर पर चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ाने में जुटी भाजपा अब प्रबुद्धजनों को भी जोड़ने और उन्हें पार्टी के साथ बनाए रखने को लेकर सम्मेलन करने का फैसला किया है.
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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी कहते हैं कि समाजवादी पार्टी हो या बहुजन समाज पार्टी प्रबुद्ध सम्मेलन के नाम पर जातियों के सम्मेलन आयोजित करने का काम कर रहे हैं. भाजपा समाज के जो प्रबुद्ध लोग हैं, जो नीतियां तय करने का काम करते हैं, अलग-अलग विषयों पर अपनी राय रखने का काम करते हैं, वह चाहे डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक हैं, जो समाज को आगे ले जाने का काम करते हैं. ऐसे लोगों के साथ लगातार संवाद करने का काम भाजपा करेगी. सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर 5 सितंबर से भाजपा एक शृंखला के रूप में प्रबुद्ध सम्मेलन करने का फैसला किया है.