लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर भाजपा को यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में बाधा न बने, इसके लिए प्रदेश नेतृत्व कार्यकर्ताओं से वर्चअल तरीके से मिलेगा. इसके लिए पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर आधुनिक सुविधाओं से लैस सभागार बनाया जा रहा है. पार्टी दफ्तर का यह सबसे अधिक सीट क्षमता वाला सभागार होगा. इसमे एक साथ करीब 300 लोग बैठ सकते हैं, जहां से पूरा प्रदेश नेतृत्व एक साथ बैठकर पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकता है.
इस सभागार को बनाने के पीछे दूसरी वजह के बारे में पार्टी के बड़े पदाधिकारी सूत्र बताते हैं कि पंचायत चुनाव में हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है और चुनावी मंथन में लोगों के अंदर असंतोष का कारण सामने आया है. यही वजह है कि हम विधानसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी में जुट गए हैं, ताकि कार्यकर्ताओं की राय लेकर लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जाए. पार्टी नेताओं का यह भी मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर यदि ज्यादा खतरनाक रूप लेती है, तब भी हम वर्चुअल तरीके से कार्यकर्ताओं से जुड़कर जमीनी हकीकत जान सकते हैं.
विपक्ष को घेरना भी है मकसद
पार्टी नेताओं की मानें तो इस वर्चुअल सभागार से जमीना स्तर पर कार्यकर्ताओं को मजबूत करने से साथ विपक्ष को घेरने की रणनीति भी बनाई जाएगी. क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर में जिला अस्पतालों से लेकर हर स्तर पर सरकार की बड़ी किरकिरी हुई है. विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है. ऐसी स्थिति में सरकार का बचाव पार्टी करेगी और कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों तक सरकारी प्रयासों की जानकारी पहुंचाने की कोशिश होगी. वर्चुअल संवाद करके कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरा जाएगा। मोदी योगी सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने, विपक्ष के खिलाफ मबूती से जनता के बीच पक्ष रखने और लाभार्थियों से सम्पर्क साधने जैसे अहम मुद्दों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को तैयार किया जाएगा, ताकि विपक्ष के खिलाफ मजबूत मोर्चाबंदी करेगी ताकि 2022 में एक बार फिर सत्ता में वापसी की जा सके.
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कोविड की वजह से पार्टी ने उठाया कदम
कोविड की पहली दूसरी लहर से उत्तर प्रदेश लड़कर बाहर निकल चुका है. मौजूदा समय में प्रदेश में 2032 कोरोना के एक्टिव के हैं पिछले 24 घंटे में उत्तर प्रदेश में करीब 93 केस सामने आए हैं. कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना अगस्त-सितंबर में जताई गई है. अगले साल फरवरी तक चुनाव होने हैं. लिहाजा पार्टी ने अभी से इसकी रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया है. आशंका है कि अगर तीसरी लहर आती है तो ऐसे में पार्टी कोई बैठक बड़ी बैठक, सभाएं या फिर लोगों तक पहुंच बनाने में रुकावट आ सकती है. इससे निपटने के लिए पार्टी ने तकनीक का सहारा लेने का फैसला किया है. उसी के लिए यह सभागार बनाया जा रहा है. सभागार सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. बड़ी स्क्रीन लगाई गयी है. अच्छी लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है. तेजी से इसका निर्माण कार्य चल रहा है. यूपी भाजपा आईटी सेल के संयोजक कामेश्वर मिश्रा के नेतृत्व में इस सभागार को तकनीकी रूप से तैयार किया जा रहा है. हालांकि कामेश्वर मिश्रा इस पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.
पार्टी थ्री डी और एलईडी का भी ले चुकी है सहारा
भारतीय जनता पार्टी का प्रचार माध्यम सबसे सशक्त माना जाता है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एलईडी लगे चुनावी रथ तैयार किया था. चुनावी रथ गांव-गांव और शहर-शहर घूम कर नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं के भाषण सुनाए जा रहे थे. राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि पार्टी ने यह सिलसिला 2017 के विधानसभा चुनाव में और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रखा. पीएम मोदी थ्री डी के माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा क्षेत्र हैं. भाजपा गठबंधन सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. 2017 के चुनाव में भाजपा को 312 और गठबंधन को मिलाकर 325 सीटें मिली थी. पार्टी ने इस बार भी 300 के पार जीत का लक्ष्य रखा है. पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के साथ बैठक करके बाहर निकले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि इस बार भाजपा 300 के पार जाएगी। इसी को लेकर पार्टी रणनीति बनाकर काम करना शुरू कर दिया है.