लखनऊ: रविवार को चार राज्यों के आए विधानसभा चुनाव के परिणाम लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के लिए भी कांग्रेस के लिए थोड़ी चिंता बढ़ा सकती है. तेलंगाना राज्य के गठन होने के बाद पहली बार कांग्रेस वहां प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना रही है. वहीं राजस्थान में कांग्रेस बीजेपी को एंटी इनकंबेंसी होने के बाद भी करीब टक्कर दे रही है. जबकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को उम्मीद के अनुसार सफलता मिलती नहीं दिखाई दे रही है. छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के मुताबिक नतीजे नहीं आए हैं. इसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को इंडिया गठबंधन तैयार करने में थोड़ी मुश्किलें भी खड़ी होती दिख रही हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक शास्त्र के प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि जिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें से चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम रविवार को आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की जो नींव कांग्रेस और सभी विपक्षी दलों ने मिलकर रखी थी उसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान और मध्य प्रदेश में होना था. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच जिस तरह से युद्ध शुरू हुआ और जो परिणाम आया है वह उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस की सारी तैयारी को रोक सकता है.
मध्य प्रदेश के चुनाव परिणाम उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को इंडिया गठबंधन में बारगेनिंग की पावर को और मजबूत करेगा. प्रोफेसर गुप्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बसपा दोनों ही मजबूती से चुनाव लड़ते हैं. राजस्थान में बसपा काफी मजबूत है. ऐसे में 2024 के लिए लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अगर सपा या बसपा से गठबंधन करती है तो उसे दोनों ही पार्टियों के साथ गठबंधन करने में दिक्कत हो सकती है.
हिंदी पट्टी के राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव परिणाम कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच ताकत की जोर आजमाइश का भी केंद्र बिंदु रहेगा. यह तीनों ही पार्टियों इन तीनों राज्यों में मजबूती के साथ चुनाव लड़ी हैं. ऐसे में कांग्रेस का इन तीनों राज्यों में प्रदर्शन उम्मीद के अनुसार रहता है तो इंडिया गठबंधन बनाने में उत्तर प्रदेश में उसकी काफी सहूलियत रहेगी. लेकिन, अगर इन दोनों राज्यों में कांग्रेस सत्ता में वापस नहीं आ पाती है तो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में उसके चुनावी तैयारी को एक बड़ा झटका भी लग सकता है.
इंडिया गठबंधन की बात करें तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच में विवाद गहरा गया था. जहां समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में सात विधानसभा सीटें मांग रही थी तो वहीं कांग्रेस उन्हें चार सीट देने को तैयार थी. ज्ञात होगी इससे पहले उत्तराखंड के बागेश्वर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपना कैंडिडेट उतार दिया था और यह सीट कांग्रेस हार गई थी. जिसका ठीकरा पार्टी नेताओं ने समाजवादी पार्टी पर छोड़ा था.
ये भी पढ़ेंः कांग्रेस की करारी हार पर भड़के प्रमोद कृष्णम, बोले- पार्टी को सनातन का 'श्राप' ले डूबा