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भाजपा की सटीक रणनीति और अखिलेश यादव की दूरी से गोला सीट पर खिला कमल, ऐसे पंचर हुई साइकिल

लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट(Gola Gokarnath assembly seat) पर बीजेपी की जीत हुई है और सपा की हार. बीजेपी सटीक रणनीति और प्लानिंग के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी.

लखीमपुर खीरी
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Published : Nov 6, 2022, 6:28 PM IST

लखनऊ: लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट(Gola Gokarnath assembly seat) पर बीजेपी की जीत हुई है. खास बात यह है कि इस चुनाव को लेकर बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी इसीलिए बीजेपी ने अपनी बेहतरीन रणनीति और प्लानिंग के साथ चुनाव जीतने का काम किया है.

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने सरकार के काम बताते हुए जनता से समर्थन मांगा. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने लगातार क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क किया.

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जीत का जश्न मनाते बीजेपी नेता और कार्यकर्ता

वहीं, दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उपचुनाव से दूर रहे. इसके साथ ही अखिलेश यादव के अलावा भी सपा का कोई अन्य बड़ा नेता उपचुनाव के प्रचार में लखीमपुर खीरी नहीं गया था. इससे जनता के बीच यह संदेश गया कि सपा उपचुनाव को लेकर न फिक्रमंद है और न ही सक्रिय. अखिलेश की उपचुनाव से दूरी ने पार्टी के अंदर ही तमाम तरह के सवाल खड़े किए थे. इसका खामियाजा उपचुनाव में सपा को हार कर भुगतना पड़ा.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित बीजेपी के तमाम नेता लखीमपुर खीरी की इस सीट पर सक्रिय थे. बीजेपी ने अपनी संगठनात्मक रणनीति के माध्यम से जनसंपर्क और संवाद का कार्यक्रम जारी रखा. भारतीय जनता पार्टी ने अपने बूथ मैनेजमेंट को पूरी तरह से सकरी करते हुए, कार्यकर्ताओं की टोलियां के माध्यम से संवाद करने का कार्यक्रम जारी रखा और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का काम किया.

इस रणनीति का असर यह हुआ कि उपचुनाव में बीजेपी की शानदार जीत हुई है. हालांकि, यह सीट पहले भी भारतीय जनता पार्टी के पास ही थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर अरविंद गिरी चुनाव जीतने में सफल हुए थे. लेकिन, उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव कराया गया.


दिलचस्प बात यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने उप चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा था. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों ने भी उपचुनाव से पूरी तरह दूरी बनाए रखी. इससे भी भाजपा को पूरा वॉकओवर मिला. इसके अलावा सपा की तरफ से भी उपचुनाव को लेकर सिर्फ रस्मअदायगी ही की गई. ऐसे में भाजपा एक तरह से अकेले ही चुनाव लड़ी और अपनी सटीक रणनीति से चुनाव जीतने में सफल रही.


जीत पर भाजपाइयों ने की आतिशबाजी: भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाया. पार्टी के नेताओं ने जमकर आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की बधाई दी. इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला सहित तमाम नेता और कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए जश्न मनाया.

यह भी पढ़ें:लखीमपुर खीरी की गोला विधानसभा सीट पर खिला कमल, सपा को मात देकर 32 हजार वोटों से जीते अमन गिरी

लखनऊ: लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट(Gola Gokarnath assembly seat) पर बीजेपी की जीत हुई है. खास बात यह है कि इस चुनाव को लेकर बीजेपी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी इसीलिए बीजेपी ने अपनी बेहतरीन रणनीति और प्लानिंग के साथ चुनाव जीतने का काम किया है.

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने सरकार के काम बताते हुए जनता से समर्थन मांगा. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने लगातार क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क किया.

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जीत का जश्न मनाते बीजेपी नेता और कार्यकर्ता

वहीं, दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उपचुनाव से दूर रहे. इसके साथ ही अखिलेश यादव के अलावा भी सपा का कोई अन्य बड़ा नेता उपचुनाव के प्रचार में लखीमपुर खीरी नहीं गया था. इससे जनता के बीच यह संदेश गया कि सपा उपचुनाव को लेकर न फिक्रमंद है और न ही सक्रिय. अखिलेश की उपचुनाव से दूरी ने पार्टी के अंदर ही तमाम तरह के सवाल खड़े किए थे. इसका खामियाजा उपचुनाव में सपा को हार कर भुगतना पड़ा.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित बीजेपी के तमाम नेता लखीमपुर खीरी की इस सीट पर सक्रिय थे. बीजेपी ने अपनी संगठनात्मक रणनीति के माध्यम से जनसंपर्क और संवाद का कार्यक्रम जारी रखा. भारतीय जनता पार्टी ने अपने बूथ मैनेजमेंट को पूरी तरह से सकरी करते हुए, कार्यकर्ताओं की टोलियां के माध्यम से संवाद करने का कार्यक्रम जारी रखा और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का काम किया.

इस रणनीति का असर यह हुआ कि उपचुनाव में बीजेपी की शानदार जीत हुई है. हालांकि, यह सीट पहले भी भारतीय जनता पार्टी के पास ही थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर अरविंद गिरी चुनाव जीतने में सफल हुए थे. लेकिन, उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव कराया गया.


दिलचस्प बात यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य किसी प्रमुख राजनीतिक दल ने उप चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारा था. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों ने भी उपचुनाव से पूरी तरह दूरी बनाए रखी. इससे भी भाजपा को पूरा वॉकओवर मिला. इसके अलावा सपा की तरफ से भी उपचुनाव को लेकर सिर्फ रस्मअदायगी ही की गई. ऐसे में भाजपा एक तरह से अकेले ही चुनाव लड़ी और अपनी सटीक रणनीति से चुनाव जीतने में सफल रही.


जीत पर भाजपाइयों ने की आतिशबाजी: भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार जश्न मनाया. पार्टी के नेताओं ने जमकर आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत की बधाई दी. इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला सहित तमाम नेता और कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर करते हुए जश्न मनाया.

यह भी पढ़ें:लखीमपुर खीरी की गोला विधानसभा सीट पर खिला कमल, सपा को मात देकर 32 हजार वोटों से जीते अमन गिरी

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