लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है. कहा जा रहा है कि बीजेपी की जीत के पीछे सबसे बड़ा हाथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह का भी है जिन्होंने दिन रात एक करके बीजेपी को जीत दिलाई है.
हालांकि अब कहा जा रहा है कि जल्द ही स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है क्योंकि भाजपा के संविधान के मुताबिक इस तरह का बड़ा पद कोई भी व्यक्ति लगातार तीन बार (यानि हर वर्ष एक बार) से अधिक नहीं संभाल सकता. उनके कार्यकाल के तीन साल पूरे हो चुके है. फिलहाल यह भी कहा जा रहा है स्वतंत्रदेव सिंह को उप मुख्यमंत्री या कैबिनेट स्तर पर मंत्री का पद सौंपा जा सकता है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र सिंह के अध्यक्ष न रहने पर पूरी कार्यकारिणी में बदलाव होगा. इसमें उपाध्यक्ष महामंत्री सचिव स्तर के सभी पदाधिकारियों को नमस्ते किया जा सकता है. साथ ही प्रकोष्ठ विभागों में भी पदाधिकारियों को बदला जाएगा. कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन होंगे और ऐसे लोगों को चयनित किया जाएगा जिससे आगामी शहरी निकाय के चुनावों और लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को बल मिल सके.
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वहीं, नए चेहरों का चयन करते समय पार्टी जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का सबसे अधिक ध्यान रख सकती है. इसलिए सभी क्षेत्रों में भी अध्यक्षों के प्रभार बदले जाएंगे खासतौर पर उन जिलों का भी ध्यान रखा जाएगा. यहां भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है.
विधानसभा चुनाव परिणाम पर एक नजर
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